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सावन माह में यहां एक ही शिवलिंग में कीजिए 12 ही ज्योतिर्लिंगों के दर्शन - Harni Mahadev temple of Bhilwara

सावन में शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. भीलवाड़ा के हरणी महादेव मंदिर में भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर है, जहां आप एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं. मान्यता है कि यहां पूजा करने से सभी ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल प्राप्त होता है. पढ़िए, इस मंदिर की विशेषता.

Harni Mahadev temple of Bhilwara
भीलवाड़ा के हरणी महादेव मंदिर में है 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप (Photo ETV Bharat Bhilwara)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 17, 2024, 7:45 PM IST

भीलवाड़ा के हरणी महादेव मंदिर में है 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप. (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा: सावन में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है. यहां देशभर में शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर विशेष पूजा- अर्चना करते हैं. शहर के पास हरणी महादेव स्थल पर एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसमें 5 फीट ऊंचे शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंगों का स्वरूप दिखता है. भक्तों का कहना है कि बहुत से लोग 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने नहीं जा सकते हैं, ऐसे में इस शिव मंदिर में आकर 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा कर फल प्राप्त कर सकते हैं.

सावन माह के अलावा सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त यहां आकर भगवान के दर्शन करते हैं. सावन में सुबह से शाम तक मेले जैसा नजारा रहता है. वहीं शिवलिंग का दिन में तीन बार श्रृंगार किया जाता है. सुबह मंगला आरती के बाद रुद्राभिषेक भी किया जाता है. 12 ज्योतिर्लिंग के समावेश वाले इस शिवलिंग के दर्शन करने भीलवाड़ा ही नहीं, प्रदेश से काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर में दान डिजिटल रूप से भी दिया जाता है.

पढ़ें: हरणी महादेव मंदिर और तिलस्वां महादेव मंदिर में मेले का आयोजन, भक्तों की उमड़ी भीड़

प्राकृतिक पहाड़ों के बीच रमणीय स्थल: हरणी महादेव तीर्थ पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंग वाले शिव मंदिर प्राकृतिक पहाड़ों के बीच स्थित है. सावन माह में व्रत रखने वाले भक्त यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं. भक्तों का कहना है कि हम देश में अलग-अलग ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने नहीं जा सकते. ऐसे में यहां पूजा करने से ही हमारे संतुष्टि मिलती है.

40 साल पहले हुई थी मन्दिर की स्थापना: मंदिर के पुजारी शिवम शर्मा ने दावा किया कि यह प्रदेश का एकमात्र शिव मंदिर है, जहां एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग हैं. इस मंदिर की स्थापना शिवभक्त रामस्वरूप अग्रवाल ने 40 वर्ष पहले की थी. सावन में सुबह 6 से रात्रि 10 बजे तक लोग भगवान शिव की पूजा करते रहते हैं. यहां दिन में तीन बार शृंगार होता है और दिन में दो बार रुद्राभिषेक किया जाता है.

मन्दिर का एक परिचय:

  1. भीलवाड़ा के हरणी महादेव स्थल पर स्थित है शिव मंदिर
  2. 5 फीट ऊंचे शिवलिंग में है 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप
  3. सुबह से शाम तक भगवान भोले के होते हैं तीन श्रृंगार
  4. सावन माह में दो बार किया जाता है रुद्राभिषेक
  5. मंदिर में नकद नहीं डिजिटल रूप से दिया जाता है दान
  6. 40 साल पहले हुई थी मंदिर की स्थापना

भीलवाड़ा के हरणी महादेव मंदिर में है 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप. (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा: सावन में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है. यहां देशभर में शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर विशेष पूजा- अर्चना करते हैं. शहर के पास हरणी महादेव स्थल पर एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसमें 5 फीट ऊंचे शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंगों का स्वरूप दिखता है. भक्तों का कहना है कि बहुत से लोग 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने नहीं जा सकते हैं, ऐसे में इस शिव मंदिर में आकर 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा कर फल प्राप्त कर सकते हैं.

सावन माह के अलावा सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त यहां आकर भगवान के दर्शन करते हैं. सावन में सुबह से शाम तक मेले जैसा नजारा रहता है. वहीं शिवलिंग का दिन में तीन बार श्रृंगार किया जाता है. सुबह मंगला आरती के बाद रुद्राभिषेक भी किया जाता है. 12 ज्योतिर्लिंग के समावेश वाले इस शिवलिंग के दर्शन करने भीलवाड़ा ही नहीं, प्रदेश से काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर में दान डिजिटल रूप से भी दिया जाता है.

पढ़ें: हरणी महादेव मंदिर और तिलस्वां महादेव मंदिर में मेले का आयोजन, भक्तों की उमड़ी भीड़

प्राकृतिक पहाड़ों के बीच रमणीय स्थल: हरणी महादेव तीर्थ पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंग वाले शिव मंदिर प्राकृतिक पहाड़ों के बीच स्थित है. सावन माह में व्रत रखने वाले भक्त यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं. भक्तों का कहना है कि हम देश में अलग-अलग ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने नहीं जा सकते. ऐसे में यहां पूजा करने से ही हमारे संतुष्टि मिलती है.

40 साल पहले हुई थी मन्दिर की स्थापना: मंदिर के पुजारी शिवम शर्मा ने दावा किया कि यह प्रदेश का एकमात्र शिव मंदिर है, जहां एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग हैं. इस मंदिर की स्थापना शिवभक्त रामस्वरूप अग्रवाल ने 40 वर्ष पहले की थी. सावन में सुबह 6 से रात्रि 10 बजे तक लोग भगवान शिव की पूजा करते रहते हैं. यहां दिन में तीन बार शृंगार होता है और दिन में दो बार रुद्राभिषेक किया जाता है.

मन्दिर का एक परिचय:

  1. भीलवाड़ा के हरणी महादेव स्थल पर स्थित है शिव मंदिर
  2. 5 फीट ऊंचे शिवलिंग में है 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप
  3. सुबह से शाम तक भगवान भोले के होते हैं तीन श्रृंगार
  4. सावन माह में दो बार किया जाता है रुद्राभिषेक
  5. मंदिर में नकद नहीं डिजिटल रूप से दिया जाता है दान
  6. 40 साल पहले हुई थी मंदिर की स्थापना
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