रुद्रप्रयाग: नवरात्रि के पर्व पर सिद्धपीठ हरियाली देवी मंदिर में पूजा-अर्चना को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भारत देश के प्रथम गांव माणा गांव से 20 महिलाओं के दल ने अपने पारंपरिक परिधान में मां भगवती हरियाली देवी के दरबार में पहुंचकर विश्व कल्याण की कामना की. माणा गांव की महिलाओं ने मंदिर में पारंपरिक परिधान में नृत्य भी किया, जिसे देखने के लिए लोगों का तांता लग गया.
देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हरियाली देवी मंदिर भारत के 58 सिद्धपीठों में से एक है. हरियाली देवी मंदिर रुद्रप्रयाग से 37 किमी दूर जसोली गांव में स्थित है. हरियाली देवी मंदिर में देवी की शेर पर सवार एक श्वेत मूर्ती है. मंदिर में हरियाली देवी के साथ-साथ क्षेत्रपाल और हीत देवी की मूर्ती भी स्थापित की गई है. हरियाली देवी को योगमाया, धन की देवी के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में हरियाली (हरे रंग के पौधों) का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार योगमाया भगवान श्रीकृष्ण की बहन हैं और भगवती का संबंध बदरीनाथ से भी बताया गया है.
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नवनरात्रि पर्व पर हरियाली देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भारत के प्रथम गांव माणा गांव की 20 महिलाओं के दल ने यहां पहुंचकर मां की पूजा-अर्चना की. महिलाओं ने अपने पारंपरिक पापड़ के आटे से मां भगवती को भोग चढ़ाया. इस अवसर पर मंदिर परिसर में उन्होंने अपने पारंपरिक नृत्य तथा पारंपरिक भगवती के गीतों के माध्यम से मां हरियाली की स्तुति की. साथ ही पारंपरिक चांचरी नृत्य से संस्कृति की छठा बिखेर दी.
हरियाली देवी मंदिर के मुख्य पुजारी विनोद प्रसाद मैठाणी ने बताया कि नवरात्र के प्रथम दिवस से ही हरियाली देवी मंदिर में देवी सप्तशती पाठ निरंतर चल रहा है और दूर-दूर से श्रद्धालु मां भगवती हरियाली का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में आ रहे हैं. हरियाली देवी मंदिर में लगातार भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. वेदपाठी विजय प्रसाद जसोला एवं चंद्र प्रकाश चमोली ने कहा कि भक्तों के कल्याण के लिए हरियाली देवी मंदिर में सप्तशती पाठ का आयोजन किया गया है. अब तक हजारों भक्त मंदिर में आकर पुण्य अर्जित कर चुके हैं.