उदयपुर : हरियाली अमावस्या के अवसर पर उदयपुर में दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है. इसमें पहले दिन रविवार को सबके लिए मेला भरता है, जबकि दूसरे दिन सोमवार को सिर्फ महिलाओं के लिए मेला आयोजित किया गया. इसमें पुरुषों का प्रवेश निषेध रहा. इस दौरान महिलाओं ने अपनी सहेलियों के साथ काफी आनंद लिया.
अनूठा उदयपुर का यह मेला : मेवाड़ में कई वर्षों से सावन महीने में लगने वाला यह मेला उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह की महारानी की देन है. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक दिन महाराणा फतेहसिंह की महारानी से उनसे कहा कि उदयपुर में लगने वाले हरियाली अमावस्या के मेले का दूसरा दिन सिर्फ महिलाओं के लिए होना चाहिए. महारानी की इच्छा पूरी करते हुए महाराणा फतहसिंह ने दूसरे दिन सखियों का मेला लगाने की हामी भर दी. कालांतर में भी यही परंपरा जारी है.
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प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है : सखियों के इस मेले में महिलाओं, युवतियों ओर छोटे बच्चों के अलावा किसी पुरुष को आने की इजाजत नहीं होती है. सोमवार को मेले में पहुंचीं महिलाएं काफी खुश नजर आईं. महिलाओं ने इस मेले का जमकर लुत्फ उठाया और जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने झूले और खाने-पीने की वस्तुओं का भी मजा लिया. प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है कि मेला परिसर में महिलाओं और युवतियों के अलावा कोई और प्रवेश न करे.
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