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उदयपुर का अनूठा मेला, जहां महिलाओं ने अपनी सहेलियों के साथ खूब की मस्ती, पुरुषों का प्रवेश निषेध - Hariyali Amavasya

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 5, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Aug 5, 2024, 8:02 PM IST

जिले में हरियाली अमावस्या के दूसरे दिन अनूठा मेला भरता है, जिसमें सिर्फ महिलाएं ही आ सकती हैं. सोमवार को इसी मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला.

सिर्फ महिलाओं के लिए मेला
सिर्फ महिलाओं के लिए मेला (ETV Bharat Udaipur)
उदयपुर का अनूठा मेला (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर : हरियाली अमावस्या के अवसर पर उदयपुर में दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है. इसमें पहले दिन रविवार को सबके लिए मेला भरता है, जबकि दूसरे दिन सोमवार को सिर्फ महिलाओं के लिए मेला आयोजित किया गया. इसमें पुरुषों का प्रवेश निषेध रहा. इस दौरान महिलाओं ने अपनी सहेलियों के साथ काफी आनंद लिया.

अनूठा उदयपुर का यह मेला : मेवाड़ में कई वर्षों से सावन महीने में लगने वाला यह मेला उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह की महारानी की देन है. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक दिन महाराणा फतेहसिंह की महारानी से उनसे कहा कि उदयपुर में लगने वाले हरियाली अमावस्या के मेले का दूसरा दिन सिर्फ महिलाओं के लिए होना चाहिए. महारानी की इच्छा पूरी करते हुए महाराणा फतहसिंह ने दूसरे दिन सखियों का मेला लगाने की हामी भर दी. कालांतर में भी यही परंपरा जारी है.

इसे भी पढ़ें : उदयपुर में हरियाली अमावस्या की धूम, दो दिवसीय मेले का आयोजन, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है : सखियों के इस मेले में महिलाओं, युवतियों ओर छोटे बच्चों के अलावा किसी पुरुष को आने की इजाजत नहीं होती है. सोमवार को मेले में पहुंचीं महिलाएं काफी खुश नजर आईं. महिलाओं ने इस मेले का जमकर लुत्फ उठाया और जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने झूले और खाने-पीने की वस्तुओं का भी मजा लिया. प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है कि मेला परिसर में महिलाओं और युवतियों के अलावा कोई और प्रवेश न करे.

इसे भी पढ़ें : हरियाली अमावस्या पर तीर्थराज मचकुंड पर आस्था का उमड़ा सैलाब, सरोवर में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

उदयपुर का अनूठा मेला (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर : हरियाली अमावस्या के अवसर पर उदयपुर में दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है. इसमें पहले दिन रविवार को सबके लिए मेला भरता है, जबकि दूसरे दिन सोमवार को सिर्फ महिलाओं के लिए मेला आयोजित किया गया. इसमें पुरुषों का प्रवेश निषेध रहा. इस दौरान महिलाओं ने अपनी सहेलियों के साथ काफी आनंद लिया.

अनूठा उदयपुर का यह मेला : मेवाड़ में कई वर्षों से सावन महीने में लगने वाला यह मेला उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह की महारानी की देन है. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक दिन महाराणा फतेहसिंह की महारानी से उनसे कहा कि उदयपुर में लगने वाले हरियाली अमावस्या के मेले का दूसरा दिन सिर्फ महिलाओं के लिए होना चाहिए. महारानी की इच्छा पूरी करते हुए महाराणा फतहसिंह ने दूसरे दिन सखियों का मेला लगाने की हामी भर दी. कालांतर में भी यही परंपरा जारी है.

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प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है : सखियों के इस मेले में महिलाओं, युवतियों ओर छोटे बच्चों के अलावा किसी पुरुष को आने की इजाजत नहीं होती है. सोमवार को मेले में पहुंचीं महिलाएं काफी खुश नजर आईं. महिलाओं ने इस मेले का जमकर लुत्फ उठाया और जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने झूले और खाने-पीने की वस्तुओं का भी मजा लिया. प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जाती है कि मेला परिसर में महिलाओं और युवतियों के अलावा कोई और प्रवेश न करे.

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Last Updated : Aug 5, 2024, 8:02 PM IST
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