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जानें क्यों खास है हरियाली अमावस्या, आर्थिक तंगी दूर करने के लिए करें खास उपाय, इस बार बन रहे बहुत शुभ योग - Hariyali Amavasya 2024

Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने उपरांत दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. हरियाली अमावस्या के दिन पर्यावरण को समर्पित माना जाता है. ऐसे में कहा जाता है की हरियाली अमावस्या के दिन इंसान को एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए. तो आईए जानते हैं की हरियाली अमावस्या कब है और दान व स्नान करने का शुभ मुहूर्त क्या है.

Hariyali Amavasya 2024
Hariyali Amavasya 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 1, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 4:58 PM IST

Hariyali Amavasya 2024 (Etv Bharat)

करनाल: हिंदू धर्म में अमावस्या को बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है और कुछ लोग इस दिन अमावस्या का व्रत रखते हैं. तो इस दिन दान करने उपरांत स्नान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में इस महीने में हरियाली अमावस्या आ रही है. हरियाली अमावस्या के अवसर पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ पितरों के लिए अनुष्ठान कार्य भी किए जाते हैं,

कब है हरियाली अमावस्या?: पंडित राम प्रकाश ने कहा कि सावन महीने के कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हरियाली अमावस्या का आरंभ 3 अगस्त को दोपहर बाद 3:50 से हो रहा है. जबकि इसका समापन 4 अगस्त को शाम में 4:42 पर हो रहा है. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार उदय तिथि के साथ मनाया जाते हैं. इसलिए अमावस्या 4 अगस्त के दिन मनाई जा रही है.

पूजा का शुभ मुहूर्त: हरियाली अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. स्नान करने का पहले शुभ ब्रह्म मुहूर्त प्रत्यक्ष 4:20 से 5:02 मिनट तक रहेगा. पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से लेकर 12:54 तक रहेगा. दान करने का शुभ मुहूर्त का समय सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक रहेगा.

हरियाली अमावस्या पर शुभ योग: पंडित ने बताया कि इस बार हरियाली अमावस्या काफी शुभ मानी जा रही है. क्योंकि हरियाली अमावस्या के दिन चार शुभ योग का निर्माण हो रहा है. 4 अगस्त को सुबह सूर्योदय से सुबह 10:38 तक सिद्ध योग रहेगा. अमावस्या के दिन सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक रवि पुष्य योग रहेगा. सुबह 5:40 से दोपहर 1:26 तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा. उसके बाद पूरी अमावस्या के दिन अश्लेषा नक्षत्र रहेगा.

हरियाली अमावस्या का महत्व: पंडित ने बताया की हरियाली अमावस्या का काफी महत्व होता है. वहीं, अगर हरियाणा के लोगों की बात करें तो हरियाणा के लोगों के लिए हरियाली तीज और सावन के महीने का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. हरियाली अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. वहीं, हरियाली अमावस्या के दिन इंसान अपने पितरों के लिए तर्पण और अनुष्ठान कार्य भी करते हैं. जिसे उनके आत्मा को शांति मिलती है.

पौधा लगाना भी होता है शुभ: अमावस्या के दिन दान और स्नान का भी विशेष महत्व होता है. जो भी इंसान अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करता है. उसके कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं और दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना भी काफी लाभकारी माना जाता है. क्योंकि सावन के महीने में पूरे पर्यावरण में हरियाली रहती है. ऐसे में हरियाली अमावस्या के अवसर पर एक पेड़ इंसान को अवश्य लगाना चाहिए. ताकि यह हमारे पर्यावरण को भी स्वच्छ रख सके और यह हम धार्मिक अनुष्ठान के जरिए एक अच्छा संदेश भी देते हैं.

दान का महत्व: पंडित ने बताया की हरियाली अमावस्या प्रदान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन इंसान सफेद फल-फूल वस्त्र शक्कर और नारियल का दान कर सकते हैं. जिसे भगवान विष्णु की कृपा उन पर बनी रहती है. हरियाली अमावस्या के दिन दूध का दान करने से और दूध का अभिषेक महादेव को करने से घर में सुभिता आती है. हरियाली अमावस्या के दिन काले तिल का दान करने से इंसान के कुंडली के बुरे ग्रह का प्रभाव खत्म हो जाता है. अगर किसी इंसान के कुंडली में साढ़ेसाती की समस्या है. उनको चमड़े के जूते, छतरी, चप्पल, उड़, बर्तन का दान करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी और घर में खुशियां आएगी. सुख समृद्धि बनी रहेगी.

ये भी पढ़ें: Hariyali Amavasya 2023: इस बार हरियाली अमावस्या पर बन रहे तीन संयोग, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

ये भी पढ़ें: Hariyali Amavasya 2023: हरियाली अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान

Hariyali Amavasya 2024 (Etv Bharat)

करनाल: हिंदू धर्म में अमावस्या को बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है और कुछ लोग इस दिन अमावस्या का व्रत रखते हैं. तो इस दिन दान करने उपरांत स्नान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में इस महीने में हरियाली अमावस्या आ रही है. हरियाली अमावस्या के अवसर पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ पितरों के लिए अनुष्ठान कार्य भी किए जाते हैं,

कब है हरियाली अमावस्या?: पंडित राम प्रकाश ने कहा कि सावन महीने के कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हरियाली अमावस्या का आरंभ 3 अगस्त को दोपहर बाद 3:50 से हो रहा है. जबकि इसका समापन 4 अगस्त को शाम में 4:42 पर हो रहा है. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार उदय तिथि के साथ मनाया जाते हैं. इसलिए अमावस्या 4 अगस्त के दिन मनाई जा रही है.

पूजा का शुभ मुहूर्त: हरियाली अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. स्नान करने का पहले शुभ ब्रह्म मुहूर्त प्रत्यक्ष 4:20 से 5:02 मिनट तक रहेगा. पूजा करने का शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से लेकर 12:54 तक रहेगा. दान करने का शुभ मुहूर्त का समय सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक रहेगा.

हरियाली अमावस्या पर शुभ योग: पंडित ने बताया कि इस बार हरियाली अमावस्या काफी शुभ मानी जा रही है. क्योंकि हरियाली अमावस्या के दिन चार शुभ योग का निर्माण हो रहा है. 4 अगस्त को सुबह सूर्योदय से सुबह 10:38 तक सिद्ध योग रहेगा. अमावस्या के दिन सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक रवि पुष्य योग रहेगा. सुबह 5:40 से दोपहर 1:26 तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा. उसके बाद पूरी अमावस्या के दिन अश्लेषा नक्षत्र रहेगा.

हरियाली अमावस्या का महत्व: पंडित ने बताया की हरियाली अमावस्या का काफी महत्व होता है. वहीं, अगर हरियाणा के लोगों की बात करें तो हरियाणा के लोगों के लिए हरियाली तीज और सावन के महीने का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. हरियाली अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. वहीं, हरियाली अमावस्या के दिन इंसान अपने पितरों के लिए तर्पण और अनुष्ठान कार्य भी करते हैं. जिसे उनके आत्मा को शांति मिलती है.

पौधा लगाना भी होता है शुभ: अमावस्या के दिन दान और स्नान का भी विशेष महत्व होता है. जो भी इंसान अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करता है. उसके कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं और दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना भी काफी लाभकारी माना जाता है. क्योंकि सावन के महीने में पूरे पर्यावरण में हरियाली रहती है. ऐसे में हरियाली अमावस्या के अवसर पर एक पेड़ इंसान को अवश्य लगाना चाहिए. ताकि यह हमारे पर्यावरण को भी स्वच्छ रख सके और यह हम धार्मिक अनुष्ठान के जरिए एक अच्छा संदेश भी देते हैं.

दान का महत्व: पंडित ने बताया की हरियाली अमावस्या प्रदान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन इंसान सफेद फल-फूल वस्त्र शक्कर और नारियल का दान कर सकते हैं. जिसे भगवान विष्णु की कृपा उन पर बनी रहती है. हरियाली अमावस्या के दिन दूध का दान करने से और दूध का अभिषेक महादेव को करने से घर में सुभिता आती है. हरियाली अमावस्या के दिन काले तिल का दान करने से इंसान के कुंडली के बुरे ग्रह का प्रभाव खत्म हो जाता है. अगर किसी इंसान के कुंडली में साढ़ेसाती की समस्या है. उनको चमड़े के जूते, छतरी, चप्पल, उड़, बर्तन का दान करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी और घर में खुशियां आएगी. सुख समृद्धि बनी रहेगी.

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Last Updated : Aug 1, 2024, 4:58 PM IST
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