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हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट राइडर शिप के अभाव में फिर लटका, HAM मॉडल पर होगा निर्माण - Haridwar PRT Metro Project

Uttarakhand Metro Corporation उत्तराखंड में मेट्रो का सपना बस सपना ही रह गया है. पिछले कई सालों से देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर खूब चर्चाएं हुई, लेकिन धरातल पर अब तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में हरिद्वार में पॉड कार प्रोजेक्ट का निर्माण HAM मोड पर करने का फैसला लिया गया है.

Uttarakhand Metro Corporation
हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट फिर लटका (Photo- UKMC)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 7, 2024, 12:26 PM IST

Updated : May 7, 2024, 1:08 PM IST

हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट का हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट (ETV Bharat)

देहरादून: हरिद्वार में PRT पॉड कार ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए अभी लोगों को थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि इसका निर्माण अब PPP मोड पर नहीं, बल्कि HAM मोड पर किया जाएगा. देहरादून और ऋषिकेश में बन रहे गंगा कॉरिडोर के एलाइनमेंट फाइनल होने के बाद ही हरिद्वार में पॉड कार प्रोजेक्ट पर बात आगे बढ़ेगी. ये जानकारी उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर जितेंद्र त्यागी ने दी है.

PPP मोड पर प्रोजेक्ट को उतरने की रणनीति विफल: उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन द्वारा पहले फेस में हरिद्वार में पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (PRT) के रूप में कवायद शुरू की गई थी, जिसके लिए सरकार द्वारा मंजूरी भी दी गई थी और इस पर बजट भी आवंटित कर दिया गया था. उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड पर धरातल पर उतारने की तैयारी में था, इसलिए टेंडर भी अलॉट किए गए. लेकिन हरिद्वार में मार्केट सर्वे कर कंपनियों ने राइडर शिप की कमी को देखते हुए इसमें अपनी रुचि नहीं दिखाई. जो लोग इंटरेस्टेड थे, वह राइडरशिप की गारंटी की मांग करने लगे. यानी की कंपनियों का यह मानना है कि अगर हरिद्वार में पॉडकास्ट टैक्सी चलाने में घाटा होता है, तो उसकी भरपाई सरकार करे. इस तरह से कुल मिलाकर पीपीपी मोड पर इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की रणनीति विफल साबित हुई.

HAM मॉडल पर होगा निर्माण: उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर जितेंद्र त्यागी ने बताया कि अब इस प्रोजेक्ट को उत्तराखंड मेट्रो बोर्ड ने HAM मॉडल पर तैयार करने की रणनीति बनाई है. हरिद्वार और ऋषिकेश को मिलाकर गंगा कॉरिडोर बनाने की प्लानिंग सरकार के स्तर पर चल रही है, उसे देखते हुए भी हरिद्वार में पॉड कार प्रोजेक्ट में थोड़ी देर हुई है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में बनाई जा रही PRT पॉड कार प्रोजेक्ट के ट्रैक और उसके स्टॉप्स को लेकर भी हरिद्वार में स्थानीय लोगों और व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है. हालांकि इस पर बातचीत की जा रही है, लेकिन अगर सब कुछ सामान्य रहा तो (HAM) प्रोजेक्ट पर हरिद्वार में PRT मेट्रो की बात आगे बढ़ सकती है.

क्या होता है HAM मॉडल: HAM मॉडल यानी हाइब्रिड इम्यूनिटी मॉडल बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतरने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला एक मॉडल है. इसमें कुछ पैसा राज्य सरकार देती है और कुछ पैसा प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी लगाती है. इस मॉडल में प्रोजक्ट के लिए 40% बजट राज्य सरकार देती है और 60% बजट प्राइवेट कंपनी अपनी तरफ से लगाती है. राज्य सरकार प्राइवेट कंपनी द्वारा लगाए गए पैसे का एक निश्चित समय अवधि के दौरान ब्याज सहित पैसा वापस करती है. वहीं, बनाया गया निर्माण कार्य पूरी तरह से राज्य सरकार के अधीन होता है. हालांकि ऑपरेशनल जिम्मेदारी कंपनी को दी जाती है और उसका भी एक निश्चित अमाउंट प्राइवेट कंपनी को ऑपरेशनल एक्टिविटीज के लिए दिया जाता है, लेकिन स्वामित्व राज्य सरकार का खुद का रहता है.

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हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट का हरिद्वार का PRT मेट्रो प्रोजेक्ट (ETV Bharat)

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PPP मोड पर प्रोजेक्ट को उतरने की रणनीति विफल: उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन द्वारा पहले फेस में हरिद्वार में पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (PRT) के रूप में कवायद शुरू की गई थी, जिसके लिए सरकार द्वारा मंजूरी भी दी गई थी और इस पर बजट भी आवंटित कर दिया गया था. उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड पर धरातल पर उतारने की तैयारी में था, इसलिए टेंडर भी अलॉट किए गए. लेकिन हरिद्वार में मार्केट सर्वे कर कंपनियों ने राइडर शिप की कमी को देखते हुए इसमें अपनी रुचि नहीं दिखाई. जो लोग इंटरेस्टेड थे, वह राइडरशिप की गारंटी की मांग करने लगे. यानी की कंपनियों का यह मानना है कि अगर हरिद्वार में पॉडकास्ट टैक्सी चलाने में घाटा होता है, तो उसकी भरपाई सरकार करे. इस तरह से कुल मिलाकर पीपीपी मोड पर इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की रणनीति विफल साबित हुई.

HAM मॉडल पर होगा निर्माण: उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर जितेंद्र त्यागी ने बताया कि अब इस प्रोजेक्ट को उत्तराखंड मेट्रो बोर्ड ने HAM मॉडल पर तैयार करने की रणनीति बनाई है. हरिद्वार और ऋषिकेश को मिलाकर गंगा कॉरिडोर बनाने की प्लानिंग सरकार के स्तर पर चल रही है, उसे देखते हुए भी हरिद्वार में पॉड कार प्रोजेक्ट में थोड़ी देर हुई है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में बनाई जा रही PRT पॉड कार प्रोजेक्ट के ट्रैक और उसके स्टॉप्स को लेकर भी हरिद्वार में स्थानीय लोगों और व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है. हालांकि इस पर बातचीत की जा रही है, लेकिन अगर सब कुछ सामान्य रहा तो (HAM) प्रोजेक्ट पर हरिद्वार में PRT मेट्रो की बात आगे बढ़ सकती है.

क्या होता है HAM मॉडल: HAM मॉडल यानी हाइब्रिड इम्यूनिटी मॉडल बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतरने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला एक मॉडल है. इसमें कुछ पैसा राज्य सरकार देती है और कुछ पैसा प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी लगाती है. इस मॉडल में प्रोजक्ट के लिए 40% बजट राज्य सरकार देती है और 60% बजट प्राइवेट कंपनी अपनी तरफ से लगाती है. राज्य सरकार प्राइवेट कंपनी द्वारा लगाए गए पैसे का एक निश्चित समय अवधि के दौरान ब्याज सहित पैसा वापस करती है. वहीं, बनाया गया निर्माण कार्य पूरी तरह से राज्य सरकार के अधीन होता है. हालांकि ऑपरेशनल जिम्मेदारी कंपनी को दी जाती है और उसका भी एक निश्चित अमाउंट प्राइवेट कंपनी को ऑपरेशनल एक्टिविटीज के लिए दिया जाता है, लेकिन स्वामित्व राज्य सरकार का खुद का रहता है.

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Last Updated : May 7, 2024, 1:08 PM IST
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