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फायर सीजन से निपटने के लिए हरिद्वार वन प्रभाग ने बनाई स्पेशल टीम, हर 2 घंटे में ली जा रही है अपडेट रिपोर्ट - Forest Department Fire Safety

Arrangements to deal with forest fire in Haridwar वनाग्नि से उत्तराखंड का हर जिला हलकान है. बढ़ता टेंपरेचर आग लगने की घटनाओं को बढ़ा रहा है. हरिद्वार वन प्रभाग ने वनाग्नि से निपटने के लिए विशेष तैयारी की है. वन विभाग की टीम लगातार वनों की मॉनिटरिंग कर रही है. फायर सीजन को देखते हुए स्पेशल टीम बनाकर हर 2 घंटे में अपडेट रिपोर्ट मांगी जा रही है.

FOREST DEPARTMENT FIRE SAFETY
हरिद्वार वन प्रभाग (सोर्स- फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 3, 2024, 11:39 AM IST

हरिद्वार: लगातार बढ़ता तापमान धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ हरिद्वार वन प्रभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ है. 10 मई से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा और टूरिस्ट सीजन के साथ गर्मियों के दौरान जंगलों में लगने वाली आग हरिद्वार वन प्रभाग को सताने लगी है. इसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

वनाग्नि से निपटने को विशेष तैयारी: हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि लगातार उनके द्वारा संपूर्ण क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जा रही है. हर 2 घंटे में फायर सीजन को देखते हुए रिपोर्ट मांगी जा रही है. इसी के साथ ही वनाग्नि ग्रस्त क्षेत्रों में टीमों को लगातार 15 किलोमीटर की गश्त प्रतिदिन करने के लिए कहा गया है. जिसके लिए सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

स्पेशल टीम के सहारे वन प्रभाग: वैभव कुमार सिंह ने बताया कि उनके द्वारा चारधाम यात्रा और फायर सीजन को देखते हुए एक विशेष टीम भी बनाई गई है जो की गर्मियों में सबसे संवेदनशील क्षेत्र कहे जाने वाले श्यामपुर व चंडी देवी क्षेत्र में लगातार गश्त करेगी, जिसकी मॉनिटरिंग खुद उनके द्वारा की जा रही है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन व राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ कोऑर्डिनेट करके लगातार क्षेत्र में कॉम्बिंग की जा रही है.

अग्निशमन विभाग का लिया जाएगा सहारा: हरिद्वार के लिए को वैभव कुमार सिंह ने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ती है तो हरिद्वार में अग्निशमन विभाग का भी सहारा वन विभाग इस बार लेने जा रहा है. इसके लिए हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से लगातार वार्तालाप चल रही है. वैभव कुमार सिंह ने बताया कि जहां तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच सकेंगी, वहां तक आग लगने की स्थिति में उनका उपयोग किया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने बताया कि कई इक्विपमेंट अब अग्निशमन विभाग के पास ऐसे हैं कि उनसे जंगल में लगने वाली आग पर भी काबू पाया जा सकता है. उनका सहारा भी इस बार लिया जाएगा.

जंगलों में की गई है उचित पानी की व्यवस्था: हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी को देखते हुए टैंकरों के माध्यम से जंगलों में पानी के स्रोतों में पानी भर दिया गया है, जिससे पानी की समस्या के कारण जंगली जीव शहरी क्षेत्र की ओर ना आएं.
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हरिद्वार: लगातार बढ़ता तापमान धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ हरिद्वार वन प्रभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ है. 10 मई से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा और टूरिस्ट सीजन के साथ गर्मियों के दौरान जंगलों में लगने वाली आग हरिद्वार वन प्रभाग को सताने लगी है. इसको लेकर वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

वनाग्नि से निपटने को विशेष तैयारी: हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि लगातार उनके द्वारा संपूर्ण क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जा रही है. हर 2 घंटे में फायर सीजन को देखते हुए रिपोर्ट मांगी जा रही है. इसी के साथ ही वनाग्नि ग्रस्त क्षेत्रों में टीमों को लगातार 15 किलोमीटर की गश्त प्रतिदिन करने के लिए कहा गया है. जिसके लिए सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

स्पेशल टीम के सहारे वन प्रभाग: वैभव कुमार सिंह ने बताया कि उनके द्वारा चारधाम यात्रा और फायर सीजन को देखते हुए एक विशेष टीम भी बनाई गई है जो की गर्मियों में सबसे संवेदनशील क्षेत्र कहे जाने वाले श्यामपुर व चंडी देवी क्षेत्र में लगातार गश्त करेगी, जिसकी मॉनिटरिंग खुद उनके द्वारा की जा रही है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन व राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ कोऑर्डिनेट करके लगातार क्षेत्र में कॉम्बिंग की जा रही है.

अग्निशमन विभाग का लिया जाएगा सहारा: हरिद्वार के लिए को वैभव कुमार सिंह ने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ती है तो हरिद्वार में अग्निशमन विभाग का भी सहारा वन विभाग इस बार लेने जा रहा है. इसके लिए हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से लगातार वार्तालाप चल रही है. वैभव कुमार सिंह ने बताया कि जहां तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच सकेंगी, वहां तक आग लगने की स्थिति में उनका उपयोग किया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने बताया कि कई इक्विपमेंट अब अग्निशमन विभाग के पास ऐसे हैं कि उनसे जंगल में लगने वाली आग पर भी काबू पाया जा सकता है. उनका सहारा भी इस बार लिया जाएगा.

जंगलों में की गई है उचित पानी की व्यवस्था: हरिद्वार के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी को देखते हुए टैंकरों के माध्यम से जंगलों में पानी के स्रोतों में पानी भर दिया गया है, जिससे पानी की समस्या के कारण जंगली जीव शहरी क्षेत्र की ओर ना आएं.
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