हरदा। पायल की उम्र महज 15 साल है लेकिन इस छोटी उम्र में उसने दुकान संभाल ली है. हर प्रकार के जूस निकालने के साथ वह दुकान के वे सभी काम कर लेती है जो उसके चाचा करते हैं. खास बात ये है कि गांव से पढ़ाई करने के लिए हरदा में रहती हैं लेकिन गर्मियों की छुट्टियों में उन्होंने खाली बैठने से अच्छा काम करना सीख लिया और अब वे और उनका छोटा भाई दुकान में हाथ बंटाते हैं और दो पैसे ज्यादा कमा लेते हैं.
15 साल की उम्र में संभालती है दुकान
वैसे तो अब लड़कियां किसी काम में पीछे नहीं हैं और पायल ने अपने काम से ये साबित कर दिया है. शहर के गुर्जर बोर्डिंग इलाके में जूस सेंटर चला रही पायल सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं. वह नर्मदापुरम जिले के गांव चौकी माफी की रहने वाली हैं. गांव में स्कूल नहीं है तो पढ़ाई के लिए छोटे भाई के साथ हरदा आ गई. यहां उनके चाचा किराए से जूस की दुकान चलाते हैं. किराये के घर में रहकर वे पढ़ाई करती हैं और चाचा के काम में हाथ बंटाती हैं.
पायल को है जिम्मेदारी का अहसास
गर्मी की छुट्टी में अपने चाचा की जूस की दुकान पर हाथ बंटाती पायल का कहना है कि "चाचा किराये की दुकान लेकर जूस बेचते हैं. जिसमें अकेले काम करना मुश्किल होता है. किसी और को काम पर रखने पर उसे भी पैसे देने पड़ेंगे. ऐसे में घर का खर्चा चलाना मुश्किल होगा. इसलिए मैं और मेरा छोटा भाई चाचा की मदद करने के लिए दुकान पर आ जाते हैं जिससे चाचा की भी मदद हो जाती है और हमें भी व्यापार सीखने को मिल रहा है."
दो दिन में सीख लिया दुकान का काम
पायल इसी साल से दुकान संभालने पहुंची और उसने कई प्रकार के जूस निकालना एक ही दिन में सीख लिया. लस्सी बनाने से लेकर गन्ने का रस निकालना हो अब पायल के लिए ये चुटकियों का काम है. अब वह अकेली रहकर भी दुकान का सारा काम संभाल लेती है. चाचा दुकान का सामान लेने जाते हैं तब वहा सारा काम खुद ही करती है.