हरदा: रहटगांव थाना क्षेत्र में 11 साल पहले गुम हुए शख्स को दिल्ली से ढूंढकर हरदा लाया गया. इस मामले में 7 साल पहले शख्स के परिजन ने 5 लोगों पर हत्या और शव को छिपाने के आरोप में केस दर्ज किया था. पुलिस ने मामले के खात्मे के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी. लेकिन मृतक के पिता ने मामला खत्म न करते हुए 2021 में फिर से जांच करने की अपील की. इसके बाद कोर्ट ने 2023 में फिर इसकी जांच के आदेश दिए. जांच में जब पूरी घटना की सच्चाई सामने आई तो पुलिस भी दंग रह गई.
साक्ष्य के अभाव में केस का किया खात्मा
परिजन ने जुलाई 2013 में राजसिंह (परिवर्तित नाम) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. जिसके बाद से पुलिस जांच में जुटी थी. परिजन ने गांव के 5 लोगों पर हत्या करने, शव छिपाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. इस मामले को दर्ज कर परिवाद विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था. जब गुमशुदा की हत्या संबंधी कोई साक्ष्य नहीं मिले तो अगस्त 2019 में खात्मा किया गया.
पिता ने पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट न होने पर फरवरी 2021 में खात्मा अस्वीकृत कर दोबारा जांच की मांग की. इसके बाद 2023 में खात्मा खोलकर मामले की जांच शुरू की गई. एसडीओपी आकांक्षा तलया ने बताया कि, ''सितंबर 2023 में उन्हें इस प्रकरण की जांच मिली. जांच में गुमशुदा के स्वजन, ग्रामीणों और संदेहियों से दोबारा पूछताछ की पर कामयाबी नहीं मिली.''
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किन्नर के रूप में मिला गुमशुदा शख्स
लोगों से पूछताछ में जब यह पता चला कि गुमशुदा का रहन-सहन और बात करने का तरीका किन्नर जैसा था. इस कारण गांव में लोग उसे चिढ़ाते भी थे. इसके बाद जांच को एक नई दिशा मिली. हरदा सहित आसपास जिलों की किन्नर टोलियों से गुमशुदा के फोटो और पर्चे दिखाकर पूछताछ की गई. इसके बाद पुलिस को पता चला कि गुमशुदा जीवित है और दिल्ली-पंजाब के अलग अलग क्षेत्रों में किन्नर के रूप मे रहकर जीवन यापन कर रहा है. इसके बाद पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची और गुमशुदा को लेकर हरदा आई. युवक ने पुलिस से मीडिया में उसकी असली पहचान उजागर न करने की मांग की. इस कारण पुलिस ने प्रेसवार्ता में परिवर्तित नाम बताया.