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हरदा पटाखा फैक्ट्री के पीड़ितों की न्याय यात्रा को पुलिस ने रोकी, दिया ये आश्वासन

हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों ने मोहन यादव से मिलने के लिए निकाली पद यात्रा. राजधानी पहुंचने से पहले पुलिस ने रोका.

SEHORE POLICE STOPPED VICTIMS MARCH
हरदा पटाखा फैक्ट्री के पीड़ितों की न्याय यात्रा को पुलिस ने रोका (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

भोपाल: हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों की पदयात्रा को सीहोर पुलिस ने रोक दिया. हरदा में 9 महीने पहले पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण कई परिवार उजड़ गए, तो कई परिवारों के मुखिया के अंग-भंग हो गए. जिससे अब इन परिवारों को जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि, अब तक उनको सरकारी मदद भी नहीं मिली है. जिससे उनकी हालत बद से बदतर होते जा रही है. इसी को लेकर पीड़ित परिवारों ने हरदा से भोपाल तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया.

14 नवंबर को शुरू हुई थी न्याय यात्रा

पदयात्रा के संयोजक हेमंत चौहान ने बताया कि "हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में सरकार पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा नहीं दे रही है और न ही इनके पुनर्वास की व्यवस्था की गई. इसलिए हमने भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव से मिलने का निर्णय किया है. हमारी यात्रा में 100 से अधिक पुरुष-महिला शामिल हैं. इसे न्याय यात्रा नाम दिया गया है. यह न्याय यात्रा हरदा के नेमावर से 14 नवंबर को निकली थी. जिसे 16 नवंबर को सीहोर पुलिस ने रोक दिया. कलेक्टर और एसपी ने पीड़ितों का न्याय दिलाने का आश्वासन दिया."

सरकारी मदद की मांग को लेकर न्याय यात्रा (ETV Bharat)

फैक्ट्री मालिक को मिली जमानत

हेमंत चौहान ने बताया कि "पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को कोर्ट ने किडनी खराब होने के कारण उसे इलाज कराने के लिए 6 महीने की अंतरिम जमानत दी है. लेकिन वह क्षेत्र में घूमकर पीड़ित परिवारों को धमका रहा है. लोगों से अपना रुपया वसूल रहा है." बता दें कि, हरदा के बैरागढ़ इलाके में 6 फरवरी 2024 को पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट हो गया था. धमाका इतना जोरदार था कि, कंपन 50 किमी दूर तक महसूस किए गए. घटनास्थल से 3 किमी दूर खड़ी कारों के कांच क्रेक हो गए और बाइक गिर गई. ब्लॉस्ट के कारण सड़क से गुजर रहे लोग भी घायल हुए. वहीं, इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी और 174 घायल हुए थे.

भोपाल: हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों की पदयात्रा को सीहोर पुलिस ने रोक दिया. हरदा में 9 महीने पहले पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण कई परिवार उजड़ गए, तो कई परिवारों के मुखिया के अंग-भंग हो गए. जिससे अब इन परिवारों को जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि, अब तक उनको सरकारी मदद भी नहीं मिली है. जिससे उनकी हालत बद से बदतर होते जा रही है. इसी को लेकर पीड़ित परिवारों ने हरदा से भोपाल तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया.

14 नवंबर को शुरू हुई थी न्याय यात्रा

पदयात्रा के संयोजक हेमंत चौहान ने बताया कि "हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में सरकार पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा नहीं दे रही है और न ही इनके पुनर्वास की व्यवस्था की गई. इसलिए हमने भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव से मिलने का निर्णय किया है. हमारी यात्रा में 100 से अधिक पुरुष-महिला शामिल हैं. इसे न्याय यात्रा नाम दिया गया है. यह न्याय यात्रा हरदा के नेमावर से 14 नवंबर को निकली थी. जिसे 16 नवंबर को सीहोर पुलिस ने रोक दिया. कलेक्टर और एसपी ने पीड़ितों का न्याय दिलाने का आश्वासन दिया."

सरकारी मदद की मांग को लेकर न्याय यात्रा (ETV Bharat)

फैक्ट्री मालिक को मिली जमानत

हेमंत चौहान ने बताया कि "पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को कोर्ट ने किडनी खराब होने के कारण उसे इलाज कराने के लिए 6 महीने की अंतरिम जमानत दी है. लेकिन वह क्षेत्र में घूमकर पीड़ित परिवारों को धमका रहा है. लोगों से अपना रुपया वसूल रहा है." बता दें कि, हरदा के बैरागढ़ इलाके में 6 फरवरी 2024 को पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट हो गया था. धमाका इतना जोरदार था कि, कंपन 50 किमी दूर तक महसूस किए गए. घटनास्थल से 3 किमी दूर खड़ी कारों के कांच क्रेक हो गए और बाइक गिर गई. ब्लॉस्ट के कारण सड़क से गुजर रहे लोग भी घायल हुए. वहीं, इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी और 174 घायल हुए थे.

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