हरदा। हरदा के पास मगरधा रोड पर स्थित बैरागढ़ में एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह 11 बजे भयंकर विस्फोट हुआ. विस्फोट इतना भयंकर था कि कई किमी तक जमीन हिल गई. फैक्टरी के आसपास 60 से ज्यादा घरों में आग लग गई. यहां का मंजर इतना खौफनाक था कि हादसा स्थल के आसपास कुछ किमी दूर तक शव बिखरे पड़े दिखे. आसपास के 100 से ज्यादा घरों को जिला प्रशासन ने खाली करा लिया. मौके पर राहत का कार्य तेज गति से चल रहा है. आसपास के जिलों से भी डॉक्टर्स की टीम बुलाई गई हैं.
घटनास्थल का भयानक मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की चपेट में आने से कई राहगीर वाहन समेत कई फीट ऊपर उछलकर गए. धमाका इतना तेज था कि पूरा हरदा शहर दहल गया. यहां फैक्ट्री में रुक-रुक कर धमके हो रहे हैं. कई किमी दूर से धुएं का गुबार देखा जा रहा है. कई जिलों की फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया है. वहीं, हादसे की विकरालता को देखते हुए हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. घायलों को भोपाल व हमीदिया में लाया जा सकता है. इसके मद्देनजर यहां आननफानन में बेड लगाकर जरूरी तैयारियां की जा रही हैं. सरकार का कहना है कि हरदा सहित आसपास के जिलों से करीब 114 एंबुलेंस को रवाना किया गया है. मौके पर हालात इतने भयावह हैं कि किसी की हिम्मत नहीं जो फेक्ट्री के आसपास पहुंचे.
पेटलावाद हादसे से नहीं लिया सबक
गौरतलब है कि 12 सितंबर 2015 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद कस्बे में सुबह 8 बजे रेस्टोरेंट व उसके पास स्थित भवन में हुए भीषण विस्फोट में 89 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. रेस्तरां में रसोई गैस के सिलेंडर में विस्फोट होने के बाद बगल वाले मकान में विस्फोटक जिलेटिन की छड़ें रखी थीं. इसलिए वहां भीषण धमाका हुआ. ये विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास की इमारतें उड़ गई थीं. जिस इमारत में जिलेटिन की छड़ें रखी हुई थीं, उसका मालिक राजेंद्र कुमार कसवा था. कसवा के पास चट्टानी इलाकों में कुएं खोदने के लिए विस्फोटक सामग्री रखने का लाइसेंस था. उसने जिलेटिन की छड़ों सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री अपने घर में रखी थी.
पेटलावाद विस्फोट में सब हो गए बरी
मध्यप्रदेश में अवैध पटाखा फैक्टरी चलाने वाले क्यों बेलगाम हैं. ये इससे समझा जा सकता है कि 89 से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद भी पेटलावद हादसे के सभी 7 आरोपियों को जिला अदालत ने बरी कर दिया गया था. क्योंकि जिला प्रसासन व पुलिस ने मामले में फौरीतौर पर कार्रवाई की. सजा के नाम पर थानाधिकारी की वेतनवृद्धि रोकी गई थी. जिला अदालत ने पेटलावद विस्फोट हादसे के मुख्य आरोपी राजेन्द्र कासवां (मृत) और सह आरोपी धर्मेन्द्र राठौड़ को बरी कर दिया था. विस्फोटक रखने वाले 5 आरोपियों को पहले ही बरी किया जा चुका था.
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लगातार हादसे, जिम्मेदार बेफिक्र
- 31 अक्टूबर 2023 को दमोह में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ. इस हादसे में फैक्ट्री मालिक सहित 3 लोगों की दर्दनाक मौत हुई. 10 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच दो महीने में पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी गई, लेकिन जांच में सीधे तौर पर किसी को दोषी नहीं ठहराया गया.
- 20 अक्टूबर 2022 को मुरैना में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में धमाका होने से मकान ध्वस्त हो गया. हादसे में एक बच्चे सहित 4 लोगों की मौत हो गई.
- 13 अप्रैल 2022 को ग्वालियर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई. एक व्यक्ति गंभीर हो गया.
- 06 अप्रैल 2017 को दतिया जिले में अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट के बाद एक ही परिवार के 5 सदस्यों की जलकर मौत हो गई. जबकि एक बच्ची गंभीर रूप से झुलस गई.