हरदा: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक गांव ऐसा है, जहां पर 50 किलोमीटर दूर से ताप्ती नदी का पानी अदृश्य होकर सीधे इस गांव में निकलता है. कुछ लोग इसे चमत्कार कहते हैं और कुछ लोग इसे अंध विश्वास मानते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि एक संत की साधना से खुश होकर ताप्ती नदी को यहां आना पड़ा था. इस गांव को भादोगांव के नाम से जाना जाता है. यहां के संत ने इसके बारे में कई रहस्यों की जानकारी दी है.
40 किमी दूर स्नान करने जाते थे वनखंडी बाबा
दरअसल, हरदा जिले के टिमरनी तहसील के भादोगांव में करीब 350 साल से एक जलधारा निकल रही है. यहां पर मौजूद लोगों और मठ के संतों के द्वारा बताया गया कि भादोगांव को गौमुख के नाम से भी जाना जाता है. यहां के संत मनोहर दास ने बताया कि 350 वर्ष पहले यहां वनखंडी नामक एक संत रहते थे, जो प्रतिदिन यहां से 40 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी स्नान करने जाते थे. एक बार बारिश के दिनों में वनखंडी बाबा रास्ते में एक नदी के दलदल में फंस गए. इसके बाद बाबा को एक अदृश्य शक्ति ने उस दलदल से बाहर निकाला. खुद को इस तरह से बाहर निकलता देखकर वनखंडी बाबा उस शक्ति को देखने के लिए हठयोग पर बैठ गए.''
ये भी पढ़ें: यहां नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा, मां जानकी से जुड़ा इस रहस्यमयी कुंड का रहस्य यहां तिल-तिल बढ़ रही हनुमान जी की मूर्ति, दर्शन करने से दूर हो जाती है पैसों की तंगी |
नर्मदा माता ने दिए वनखंडी बाबा को दर्शन
मनोहर दास ने आगे बताया कि ''तब 21 दिनों बाद नर्मदा माता ने बाबा को दर्शन दिए. उन्होंने वनखंडी महाराज से कहा अब तुम मत आया करो, मेरे ही तरह ताप्ती नदी भी पवित्र है. वो अब तुम्हारी कुटिया के पास आ जाएगी. तुम उसी में स्नान करना. संत अपनी कुटी में आए पर ताप्ती नदी का पानी वहां नहीं आया. इसके बाद फिर संत वनखंडी महाराज ताप्ती नदी गए और वहां तपस्या की. जिसके बाद ताप्ती नदी ने संत से कहा कि मैं तुम्हारे साथ चलती हूं. संत ने कहा मैं कैसे पंहचानूंगा. तब ताप्ती नदी ने कहा तुम अपना कमंडल यहीं पर छोड़ दो. वनखंडी महाराज उसे छोड़कर अपनी कुटी में आये तों उन्हें कुटी के पास एक जल धारा के साथ अपना कमंडल मिला. तभी से यह मान्यता है कि भादोगांव में ताप्ती नदी का पानी आता है.'' उसके बाद यहां इस जलधारा को गौमुख के नाम से जाना जाता है. हजारों की संख्या में लोग यहां अमावस्या और पूर्णिमा पर स्नान करने आते हैं.