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हे सरकार! पुल बनवा दो, हरदा से सटे 12 गांवों के लोग नदी तैरकर पहुंचते हैं दूसरे पार - Harda villagers problem

हरदा जिला मुख्यालय से सटे रन्हाई के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ रही है. नदी पर कामचलाऊ ब्रिज ग्रामीणों ने चंदा करके बनवाया लेकिन प्रशासन ने इसे तुड़वा दिया. अब लोग नदी तैरकर सड़क तक पहुंच रहे हैं.

Harda villagers problem
हरदा से सटे 12 गांवों के लोग नदी तैरकर पहुंचते हैं दूसरे पार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 4:15 PM IST

हरदा। जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित रन्हाई गांव के ग्रामीणों के लिए बारिश बड़ी मुसीबत लेकर आती है. बारिश के कारण नदी में पानी बढ़ जाता है. इस दौरान लोगों को तैरकर नदी पार करनी पड़ती है. या फिर एक खंभे के सहारे नदी पार करते हैं. जान जोखिम मे डालकर नदी पार करना ग्रामीणों की मजबूरी बन चुकी है. ग्रामीणों ने कलेक्टर से अस्थाई पुल बनाने के लिए गुहार लगाई. हरदा जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव के ये हाल हैं.

हरदा जिला मुख्यालय से सटे रन्हाई के ग्रामीणों की समस्या (ETV BHARAT)

एक दर्जन गांवों के ग्रामीण समस्याग्रस्त

सड़क तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं होने की समस्या से ग्रामीण कई साल से इसी तरह जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम रन्हाईकला से बालागांव, बून्दडा, कुकरावद, सुखरास सहित दर्जनों गांव पहुंच मार्ग पर नदी का नया ब्रिज बन रहा है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा जो पहले राशि एकत्रित कर 6 लाख रूपये से अस्थाई पुल बनवाया था, उसे ब्रिज कारपोरेशन द्वारा तोड़ दिया गया है. गांवों के लिए अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं बनाया गया. ब्रिज के बाजू से जो सीमेंट के पोल व मिट्टी डालकर मार्ग बनाया, वह भी पहली बारिश मे ही बह गया.

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इस साल 4 मवेशियों की मौत हुई

अब ग्रामीण दूसरे गांव व अपने खेत तक जाने के लिए जान जोखिम मे डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हमारी सारी खेती नदी के उस पार है. साथ ही 10 से 12 गांव जाने का एकमात्र यही रास्ता है. विगत दिनों चार मवेशियों की भी मौत हो गई है. साथ ही आज भी एक मवेशी कीचड़ मे फंस गया, जिसे ग्रामीणों द्वारा बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया. वहीं, इस मामले में कलेक्टर आदित्य सिंह का कहना है कि ग्रामीणों को निकलने के लिए जल्द है वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाएगी.

हरदा। जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित रन्हाई गांव के ग्रामीणों के लिए बारिश बड़ी मुसीबत लेकर आती है. बारिश के कारण नदी में पानी बढ़ जाता है. इस दौरान लोगों को तैरकर नदी पार करनी पड़ती है. या फिर एक खंभे के सहारे नदी पार करते हैं. जान जोखिम मे डालकर नदी पार करना ग्रामीणों की मजबूरी बन चुकी है. ग्रामीणों ने कलेक्टर से अस्थाई पुल बनाने के लिए गुहार लगाई. हरदा जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव के ये हाल हैं.

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सड़क तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं होने की समस्या से ग्रामीण कई साल से इसी तरह जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम रन्हाईकला से बालागांव, बून्दडा, कुकरावद, सुखरास सहित दर्जनों गांव पहुंच मार्ग पर नदी का नया ब्रिज बन रहा है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा जो पहले राशि एकत्रित कर 6 लाख रूपये से अस्थाई पुल बनवाया था, उसे ब्रिज कारपोरेशन द्वारा तोड़ दिया गया है. गांवों के लिए अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं बनाया गया. ब्रिज के बाजू से जो सीमेंट के पोल व मिट्टी डालकर मार्ग बनाया, वह भी पहली बारिश मे ही बह गया.

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अब ग्रामीण दूसरे गांव व अपने खेत तक जाने के लिए जान जोखिम मे डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हमारी सारी खेती नदी के उस पार है. साथ ही 10 से 12 गांव जाने का एकमात्र यही रास्ता है. विगत दिनों चार मवेशियों की भी मौत हो गई है. साथ ही आज भी एक मवेशी कीचड़ मे फंस गया, जिसे ग्रामीणों द्वारा बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया. वहीं, इस मामले में कलेक्टर आदित्य सिंह का कहना है कि ग्रामीणों को निकलने के लिए जल्द है वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाएगी.

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