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भू कानून को लेकर दिखावा कर रही धामी सरकार, बिना इसके नहीं हो सकता विकास, बोले हरक सिंह

हरक सिंह रावत ने याद दिलाया 2003 का भू कानून, 'श्रेय' के कारण लागू नहीं कर रही सरकार

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

HARAK SINGH RAWAT ON LAND LAW
भू कानून पर हरक सिंह रावत (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों सशक्त भू कानून की मांग जोर पकड़ रही है. अब इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का बयान भी आया है. हरक सिंह रावत ने कहा भाजपा सरकार भू कानून को लेकर मात्र दिखावा कर रही है. हरक सिंह रावत का मानना है कि जब तक प्रदेश में भू कानून लागू नहीं होता तब तक प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है.

हरक सिंह रावत ने कहा पूर्व में एनडी तिवारी सरकार ने 2003 में जो भू कानून बनाया था, उस कानून का सदुपयोग अगर आज भी पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाता. हरक सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड की भाजपा सरकार को दिसंबर में सत्ता संभालते हुए 8 वर्ष पूरे हो जाएंगे, मगर भाजपा सरकार ने 2003 का कानून अभी तक लागू नहीं किया. हरक सिंह रावत ने कहा 2003 का कानून कांग्रेस लेकर आई थी इसलिए श्रेय लेने के लिए इस कानून को लागू नहीं कर रही है. उन्होंने कहा अगर भाजपा सरकार ने पूर्व में एनडी तिवारी सरकार के दौरान बनाए गए भूमि खरीद से संबंधित कानून को लागू कर दिया होता, तो आज पूरे प्रदेश में जो भू कानून की मांग हो रही है, यह मांग नहीं उठती.

भू कानून पर हरक सिंह रावत (ETV BHARAT)

हरक सिंह रावत ने कहा भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने कैबिनेट में यह बात रखी थी कि प्रदेश के नागरिकों और बाहर के रहने वाले नागरिकों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा इस प्रदेश में रहने वाले नागरिकों के लिए भी वही नियम लागू हैं, जो नियम दिल्ली और मुंबई से आए व्यक्ति के लिए बनाए गए हैं. जब इस राज्य का कोई नागरिक अपनी भूमि पर स्कूल, दुकान, मकान, होटल बनाना चाहता है, तो उस व्यक्ति को अपनी ही भूमि पर बनाई जा रही दुकान मकान या फिर होटल के लिए परमिशन प्रदेश सरकार से लेनी पड़ेगी. बाहरी राज्य से यहां आए व्यक्ति और उत्तराखंड मे पुश्तैनी जमीन के मालिक के लिए समान नियम लागू किए गए हैं.

उन्होंने कैबिनेट मंत्री रहते हुए इस मुद्दे को जब उठाया, तो उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई, उस कमेटी ने यह सिफारिश की थी, कि उत्तराखंड में जिस व्यक्ति की अपनी भूमि है और वह यहां का मूल निवासी है तो फिर ऐसे व्यक्ति को उस प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, जिस प्रक्रिया से बाहर के व्यक्ति को गुजरना पड़ता है, लेकिन कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया. प्रदेश के मूल निवासी के हितों से जुड़ी कमेटी की सिफारिश को आज तक लागू नहीं की गई हैं. हरक सिंह रावत का मानना है कि जब तक प्रदेश में भू कानून लागू नहीं होता तब तक प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है.

पढे़ं- त्रिवेंद्र काल के भू-कानून को धामी सरकार बदलेगी, TSR बोले- निवेश के लिए था संशोधन


देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों सशक्त भू कानून की मांग जोर पकड़ रही है. अब इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का बयान भी आया है. हरक सिंह रावत ने कहा भाजपा सरकार भू कानून को लेकर मात्र दिखावा कर रही है. हरक सिंह रावत का मानना है कि जब तक प्रदेश में भू कानून लागू नहीं होता तब तक प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है.

हरक सिंह रावत ने कहा पूर्व में एनडी तिवारी सरकार ने 2003 में जो भू कानून बनाया था, उस कानून का सदुपयोग अगर आज भी पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाता. हरक सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड की भाजपा सरकार को दिसंबर में सत्ता संभालते हुए 8 वर्ष पूरे हो जाएंगे, मगर भाजपा सरकार ने 2003 का कानून अभी तक लागू नहीं किया. हरक सिंह रावत ने कहा 2003 का कानून कांग्रेस लेकर आई थी इसलिए श्रेय लेने के लिए इस कानून को लागू नहीं कर रही है. उन्होंने कहा अगर भाजपा सरकार ने पूर्व में एनडी तिवारी सरकार के दौरान बनाए गए भूमि खरीद से संबंधित कानून को लागू कर दिया होता, तो आज पूरे प्रदेश में जो भू कानून की मांग हो रही है, यह मांग नहीं उठती.

भू कानून पर हरक सिंह रावत (ETV BHARAT)

हरक सिंह रावत ने कहा भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने कैबिनेट में यह बात रखी थी कि प्रदेश के नागरिकों और बाहर के रहने वाले नागरिकों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा इस प्रदेश में रहने वाले नागरिकों के लिए भी वही नियम लागू हैं, जो नियम दिल्ली और मुंबई से आए व्यक्ति के लिए बनाए गए हैं. जब इस राज्य का कोई नागरिक अपनी भूमि पर स्कूल, दुकान, मकान, होटल बनाना चाहता है, तो उस व्यक्ति को अपनी ही भूमि पर बनाई जा रही दुकान मकान या फिर होटल के लिए परमिशन प्रदेश सरकार से लेनी पड़ेगी. बाहरी राज्य से यहां आए व्यक्ति और उत्तराखंड मे पुश्तैनी जमीन के मालिक के लिए समान नियम लागू किए गए हैं.

उन्होंने कैबिनेट मंत्री रहते हुए इस मुद्दे को जब उठाया, तो उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई, उस कमेटी ने यह सिफारिश की थी, कि उत्तराखंड में जिस व्यक्ति की अपनी भूमि है और वह यहां का मूल निवासी है तो फिर ऐसे व्यक्ति को उस प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, जिस प्रक्रिया से बाहर के व्यक्ति को गुजरना पड़ता है, लेकिन कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया. प्रदेश के मूल निवासी के हितों से जुड़ी कमेटी की सिफारिश को आज तक लागू नहीं की गई हैं. हरक सिंह रावत का मानना है कि जब तक प्रदेश में भू कानून लागू नहीं होता तब तक प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है.

पढे़ं- त्रिवेंद्र काल के भू-कानून को धामी सरकार बदलेगी, TSR बोले- निवेश के लिए था संशोधन


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