लखनऊ : आपका मूड खराब हो या फिर बचपन की यादें ताजी करनी हो, फिल्म स्टूडियो देखना हो या उल्टा घर के दीदार करना हो तो राजधानी के चौक इलाके स्थित पार्क आ जाइए. यहां एंट्री करते ही आपके चेहरे पर मुस्कान तो आ ही जायेगी, आपका बचपन भी वापस आ जाएगा. आइए आपको सैर कराते हैं यूपी का पहला ऐसा पार्क जिसकी थीम बिलकुल अलग है.
लखनऊ के चौक इलाके में मौजूद एक पार्क, जिसे कभी गौतम बुद्ध पार्क के नाम से जाना जाता था. अब यह पूरी तरह से बदल चुका है, कोई इसे हैप्पीनेस पार्क कह रहा है तो कोई व्हाट्सएप पार्क, कुछ तो इसे छोटी फिल्म सिटी भी कह रहे हैं. कहें भी क्यों न, इस पार्क में कई थीम को मिलाकर नए तरीके से तैयार किया जा रहा है. यहां लगे अलग-अलग स्टेचू, डिस्प्ले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यहां पहले से बनी झील में नई बोट लाई गई है, जिसमें जल्द ही बोटिंग भी शुरू कर दी जाएगी.
पार्क में एंट्री करते ही चेहरे पर आएगी स्माइल : लोग पार्क में अपना मूड ठीक करने के लिए ही आते हैं, इसको देखते हुए यहां गेट से एंट्री करते हैं. कई तरह के बड़े-बड़े इमोजी दिखेंगी. यह इमोजी ठीक व्हाट्सएप की स्माइली इमोजी की ही तरह हैं. इन्हें देखते ही चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है. इसके अलावा यहां उल्टा-पुल्टा थीम के तहत एक उल्टा घर और उल्टा झूला झूलते मोटू पतलू भी लगाए गए हैं.
बचपन की याद ताजा करवाएगा पार्क : हर कोई अपना बचपन याद करना चाहता है, बस उसे वह मौका नहीं मिल पाता है. लेकिन, लखनऊ का बुद्धा पार्क यहां आने वाले पर्यटकों को यह मौका देगा. यहां गिल्ली डंडा खेलना या टायर को डंडे से मार कर चलाना, जमीन पर डिजाइन बनाकर सिकड़ी खेलना जैसे कई बचपन के खेल को इस पार्क में दर्शाया गया है. जिन्हें देख हर कोई अपने बचपन की यादों में खो जायेगा.
कबाड़ से बना दी गई खूबसूरत चीजें : इस पार्क की खास बात यह है कि, यहां जितने भी डिस्प्ले बनाए गए हैं वो कबाड़ से बने हैं. चाहे दो एंबेसडर कार को मिलाकर एक कार तैयार करना हो या स्कूटर को लंबी स्कूटर बनाना, उल्टा घर भी कबाड़ से ही बनाया गया है. इस पार्क में 12 तरह की रेप्लिकाएं कबाड़ से ही तैयार की गई हैं.
पार्क में छोटी फिल्म सिटी : इस पार्क में एक छोटी सी फिल्म सिटी तैयार की गई है, यहां लाइट, कैमरा और एक्शन तीनों का मिश्रण है. इस पार्क में कैमरे, डायरेक्टर की कुर्सी लगाई गई है. कुछ कुछ होता है फिल्म और थ्री इडियट फिल्म के कट आउट भी लगे हैं. कोई भी यहां सेल्फी ले सकता है. इतना ही नहीं यहां एक कैंटीन है, जहां फूड के नाम बॉलीवुड फिल्म के नाम से है और उस फिल्म का एक डायलॉग बोल कर उस आइटम का ऑर्डर दे सकते हैं.
पीपीपी मॉडल पर तैयार हो रहा है पार्क : यह पार्क पीपीपी मॉडल पर बन रहा है, जिसमें 76 फीसदी स्मार्ट सिटी और 24 फीसदी निजी संस्था की हिस्सेदारी है. पार्क का रख रखाव निजी संस्था ही करेगी. एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार, इस पार्क को दिसंबर तक आम जनता के लिए खोल दिया जायेगा. दरअसल, यह गौतम बुद्ध पार्क के नाम से फेमस है, हालांकि अधिक रख रखाव न होने और जनेश्वर, यूपी दर्शन पार्क के बन जाने से इस पार्क के प्रति लोगों का लगाव खत्म सा हो गया था, जिसके बाद इसका कायाकल्प किया जा रहा है.