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कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जितने पर बाबूलाल के गांव में जश्न का माहौल, परिवार में छाई खुशियां - Babulal Hembram

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 23 hours ago

Commonwealth Weightlifting Championship. कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले बाबूलाल हेम्ब्रम के परिवार और ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. परिवार वाले काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

Commonwealth Weightlifting Championship
बाबूलाल हेम्ब्रम और उनका परिवार (Etv Bharat)

रामगढ़: अगर इरादा नेक हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता कदम चूमती है. रामगढ़ के बाबूलाल हेंब्रम ने यह साबित कर दिखाया है. उनके पिता मजदूर हैं, मुश्किल से परिवार का गुजारा हो पाता है. फिर भी मांडू प्रखंड के हेसागढ़ा करीबंडा गांव के बाबूलाल हेंब्रम ने बड़ा सपना देखा और फिजी में आयोजित कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर उसे साकार कर दिखाया. बाबूलाल ने अपने परिवार, जिले, राज्य के साथ-साथ भारत का नाम रोशन किया है. उनकी जीत पर पूरा गांव और उनके परिवार के सभी सदस्य बेहद खुश हैं. बाबूलाल की सफलता का श्रेय सरकार और उनकी मेहनत और लगन को दिया जा रहा है.

बाबूलाल हेम्ब्रम के परिवार से बात करते संवाददाता राजेश कुमार (Etv Bharat)

बाबूलाल का परिवार जहां रहता है, वहां दो किमी के दायरे में उच्च शिक्षा के लिए स्कूल भी नहीं है. उनकी मां और दो भाई करीबंडा गांव में रहते हैं, जबकि उनके पिता हजारीबाग के बड़कागांव में दिहाड़ी मजदूर हैं. बाबूलाल को बचपन से ही खेलों का बहुत शौक था. फिलहाल बाबूलाल के परिवार के पास पक्की छत वाला घर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना तो उन्हें मिल गई है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य नहीं हुआ है. बाबूलाल के दो भाई गांव में खेती करके अपना गुजारा करते हैं और बाबूलाल की मां धनी देवी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाती हैं. वह घर के कामों और खेतों में भी अपना समय बिताती हैं.

परिवार के लोग गौरवान्वित

बाबूलाल हेम्ब्रम की मां धनी देवी ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि उनके बेटे ने परिवार, जिले, राज्य और देश का नाम रोशन किया है. वह चाहती हैं कि उनका बेटा और भी ऊंचाइयों पर पहुंचे और पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करे. बाबूलाल के भाई नरेश हेम्ब्रम ने भी कहा कि बाबूलाल बचपन से ही क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था और जिस तरह से सरकार उसके भाई की मदद कर रही है, वह हमारे लिए गर्व की बात है. हमें बेहद खुशी है कि हमारे भाई ने अपने परिवार, जिले, राज्य और देश का नाम रोशन किया है, हम चाहेंगे कि मेरा भाई और भी ऊंचाइयों पर पहुंचे और जिले के साथ-साथ पूरे भारत और परिवार का नाम रोशन करे.

बाबूलाल के बड़े भाई सुनील हेम्ब्रम ने बताया कि सुबह फोन पर बात हुई थी. बाबूलाल ने बताया कि उसने वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. बचपन से ही वह खेलों की ओर काफी आकर्षित था. गांव में कोई मैदान नहीं है, लेकिन वह खुली जगह में क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था. जब वह स्कूल जाता था, तो उसके हाथ में हमेशा गेंद होती थी. पिछले कई सालों से वह लगातार मेहनत कर रहा है और उसकी मेहनत का नतीजा है कि उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

गांव वाले भी काफी खुश

ग्राम प्रधान रमना मांझी ने कहा कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली और उन्होंने अपने मोबाइल पर देखा कि उनके गांव के एक युवक ने राज्य और देश का नाम रोशन किया है, सभी लोग काफी खुश हैं. बाबूलाल के कारण इस गांव का नाम पूरे झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जाना जा रहा है. जिन विपरीत परिस्थितियों में बाबूलाल ने यह मुकाम हासिल किया है वह उसकी लगन और मेहनत का नतीजा है.

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बाबूलाल हेम्ब्रम के परिवार से बात करते संवाददाता राजेश कुमार (Etv Bharat)

बाबूलाल का परिवार जहां रहता है, वहां दो किमी के दायरे में उच्च शिक्षा के लिए स्कूल भी नहीं है. उनकी मां और दो भाई करीबंडा गांव में रहते हैं, जबकि उनके पिता हजारीबाग के बड़कागांव में दिहाड़ी मजदूर हैं. बाबूलाल को बचपन से ही खेलों का बहुत शौक था. फिलहाल बाबूलाल के परिवार के पास पक्की छत वाला घर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना तो उन्हें मिल गई है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य नहीं हुआ है. बाबूलाल के दो भाई गांव में खेती करके अपना गुजारा करते हैं और बाबूलाल की मां धनी देवी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाती हैं. वह घर के कामों और खेतों में भी अपना समय बिताती हैं.

परिवार के लोग गौरवान्वित

बाबूलाल हेम्ब्रम की मां धनी देवी ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि उनके बेटे ने परिवार, जिले, राज्य और देश का नाम रोशन किया है. वह चाहती हैं कि उनका बेटा और भी ऊंचाइयों पर पहुंचे और पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करे. बाबूलाल के भाई नरेश हेम्ब्रम ने भी कहा कि बाबूलाल बचपन से ही क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था और जिस तरह से सरकार उसके भाई की मदद कर रही है, वह हमारे लिए गर्व की बात है. हमें बेहद खुशी है कि हमारे भाई ने अपने परिवार, जिले, राज्य और देश का नाम रोशन किया है, हम चाहेंगे कि मेरा भाई और भी ऊंचाइयों पर पहुंचे और जिले के साथ-साथ पूरे भारत और परिवार का नाम रोशन करे.

बाबूलाल के बड़े भाई सुनील हेम्ब्रम ने बताया कि सुबह फोन पर बात हुई थी. बाबूलाल ने बताया कि उसने वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. बचपन से ही वह खेलों की ओर काफी आकर्षित था. गांव में कोई मैदान नहीं है, लेकिन वह खुली जगह में क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था. जब वह स्कूल जाता था, तो उसके हाथ में हमेशा गेंद होती थी. पिछले कई सालों से वह लगातार मेहनत कर रहा है और उसकी मेहनत का नतीजा है कि उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

गांव वाले भी काफी खुश

ग्राम प्रधान रमना मांझी ने कहा कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली और उन्होंने अपने मोबाइल पर देखा कि उनके गांव के एक युवक ने राज्य और देश का नाम रोशन किया है, सभी लोग काफी खुश हैं. बाबूलाल के कारण इस गांव का नाम पूरे झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जाना जा रहा है. जिन विपरीत परिस्थितियों में बाबूलाल ने यह मुकाम हासिल किया है वह उसकी लगन और मेहनत का नतीजा है.

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