इंदौर। इंदौर के नजदीक सांवेर में एक ऐसा हनुमान मंदिर है जिन्हें उल्टे हनुमान के नाम से जाना जाता है. उल्टे हनुमान की इस तरह से ख्याति है कि दूर-दूर से हनुमान के दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं और जो भी मनोकामना इस मंदिर पर मांगी जाती है वह निश्चित तौर पर पूरी होती है. इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनके पिता सहित देशभर के राजनेता आते हैं और यहां पर दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं के लिए अर्जी लगाते हैं.
इसी स्थान से पाताल लोक में दाखिल हुए थे हनुमानजी
बता दें कि उल्टे हनुमान का वर्णन कई धार्मिक पुस्तकों में भी मौजूद है. हनुमान को लेकर एक कथा प्रचलित है कि जब रावण ने अपने भाई अहिरावण को बोलकर राम लक्ष्मण का अपहरण करवा लिया गया था. अहिरावण ने राम लक्ष्मण को पाताल लोक में ले जाकर छुपा दिया गया था. पाताल लोक में मौजूद अहिरावण से युद्ध कर हनुमान भगवान ने राम लक्ष्मण को मुक्त करवारकर वापस लाए थे. अतः पाताल लोक में जाने के लिए हनुमान जी ने इसी जगह को चुना था और इसी जगह से वह पाताल लोक गए और वहां पर अहिरावण को पराजित कर राम लक्ष्मण को मुक्त करवारकर लेकर आए. जब हनुमान पालात लोक जा रहे थे तब उनका सिर जमीन पर और पैर ऊपर थे. जिसके कारण उनकी इस तरह की प्रतिमा को स्थापित किया. इस मंदिर को पाताल विजय हनुमान मंदिर भी कहा जाता है.
जल्द मनोकामनाएं पूरी करते हैं हनुमान
हनुमान का यहां पर इस कदर प्रताप है कि राजनेता, आम व्यक्ति या अधिकारी वर्ग हो यहां पर सच्चे मन से आकार दर्शन करते हैं और किसी तरह की कोई मनोकामना या अर्जी लगाते हैं तो उसकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है. साथ ही यहां प्रसाद के रूप में हनुमान जी को चने और चिरौंजी के साथ ही पेड़े चढ़ते हैं. मंगलवार और शनिवार को विशेष आरती के साथ ही भगवान हनुमान का विशेष श्रृंगार भी किया जाता है. मंदिर के पुजारी नवीन व्यास ने बताया कि ''यहां पर दूर-दूर से दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं तो कई भक्त विदेश में बैठकर ऑनलाइन तरीके से भी उल्टे हनुमान के दर्शन करते हैं. किसी भी भक्त को यदि उल्टे हनुमान के दर्शन करना है और वह देश-विदेश में बैठा है तो वह ऑनलाइन तरीके से दर्शन कर सकता है."
होल्कर राजघराने ने कराया सबसे पहले मंदिर का निर्माण
मंदिर के पुजारी नवीन व्यास के द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि ''समय-समय पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया है. इंदौर के होल्कर राजघराने के द्वारा सबसे पहले मंदिर का निर्माण करवाया गया था. उसके बाद समय-समय पर राज्य सरकार ने भी यहां पर कुछ काम करवाया है. फिलहाल यहां पर जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं वह हनुमान चालीसा का पाठ मंदिर परिसर में ही करते हैं. हनुमान जयंती पर विशेष श्रृंगार उल्टे हनुमान का किया जाएगा. उल्टा हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं.''