हमीरपुर: जिला पुलिस ने उद्घोषित अपराधी को पकड़ने में सफलता हासिल की है. ये उद्घोषित अपराधी 2017 से फरार चल रहा था. इसने पुलिस को चकमा देने के लिए फिल्मी कहानी की तरह अपनी मौत का ड्रामा भी रच डाला और अपना नाम तक भी बदल लिया, लेकिन पुलिस ने इसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल 2012 में हत्या के मामले में इस उद्घोषित अपराधी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. 2017 में ये जेल से पेरोल पर बाहर आया था, लेकिन पेरोल की अवधि खत्म होने के बाद फरार हो गया और अपनी मौत का झूठा ड्रामा रचा. आरोपी ने मंडी जिला के औट थाना क्षेत्र के तहत ब्यास नदी के किनारे एक सुसाइड नोट के साथ अपनी बाइक को वहीं, छोड़ दिया और फरार हो गया, ताकि पुलिस रिकॉर्ड में उसे मरा हुआ समझ लिया जाए. इसके बाद ये आरोपी कई सालों से चंडीगढ़ में रह रहा था.
एसपी हमीरपुर भगत सिंह ने बताया कि, 'पेरोल पर जेल से बाहर आए कैदी मनदीप को हमीरपुर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 2013 में पैरोल पर जेल से बाहर आया था. इस दौरान इस कैदी ने भोरंज थाना के क्षेत्राधिकार में एक चोरी की वारदात को भी अंजाम दे दिया था. दोबारा वर्ष 2017 में उक्त कैदी पेरोल पर बाहर आया. इस दौरान इस कैदी ने अपनी स्वयं की मौत की झूठी कहानी रची और झूठे दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग नाम पते के साथ चंडीगढ़ में कई सालों से रह रहा था. कोर्ट ने इसे उद्घोषित अपराधी भी घोषित कर रखा था.'
एसपी हमीरपुर ने बताया कि, 'उक्त आरोपी ने अपना फर्जी आधार कार्ड बना रखा था और अपना नाम सुनील रख लिया था, ताकि लोगों की आंखों में धूल झोंक सके, लेकिन पुलिस ने आरोपी को चंडीगढ़ से गिफ्तार कर लिया है. आरोपी को हमीरपुर की अदालत में पेश किया गया है. जहां से इसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.'
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