हमीरपुर: जिला हमीरपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा के संचालन को लेकर पेच फंस गया है. राधा स्वामी चैरिटेबल हॉस्पिटल भोटा को बंद करने के फैसले पर जनता में भारी आक्रोश है. लोगों द्वारा सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उनकी मांग है कि सरकार इस विषय पर ध्यान दे और चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के फैसले को वापस लिया जाए, ताकि हमीरपुर और आस-पास लगती सभी पंचायतों को फ्री मेडिकल सुविधा का लाभ मिलता रहे.
नोटिस के बाद से लोगों में गुस्सा
बता दें ब्यास प्रबंधन की ओर से 45 बेड की सुविधा वाले इस अस्पताल को अपग्रेड करने की योजना के तहत जमीन को महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी के नाम हस्तांतरित करने का सरकार से आग्रह किया गया था. इस अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए मशीनरी और अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए टैक्स का भुगतान करोड़ों रुपये में बन रहा है. 25 से 30 पंचायत को इस अस्पताल का लाभ मिलता था. मगर जब से राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल प्रशासन द्वारा नोटिस बोर्ड गेट पर लगाया गया है, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि 30 नवंबर से राधा स्वामी अस्पताल में मेडिकल सुविधा बंद कर दी जाएगी. इससे लोगों में खासा रोष है और इस फैसले के खिलाफ लोगों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन किया.
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'किस चीज का टैक्स मांग रही सरकार?'
प्रदर्शन में पहुंची महिला सुनीता का कहना है, "सरकार राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल से टैक्स मांग रही है. जबकि अस्पताल हमीरपुर के लोगों की निशुल्क सेवा कर रहा है. फिर अस्पताल किस चीज का टैक्स सरकार को देगा?" उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गंभीरता से इस विषय को देखें और हमीरपुर की जनता की समस्या को समझें, ताकि इस समस्या का हल हो सके, क्योंकि यहां पर सभी गरीब परिवार लाभ उठाते हैं.
'30 नवंबर तक जारी रहेगा धरना प्रदर्शन'
पूर्व कर्मचारी रविन्द्र खन्ना ने बताया कि नए बाबा किसी कंपनी में सीईओ रहे हैं और अब उन्होंने न्यास का कामकाज संभालना है. नए बाबा ने कहा है कि सुक्खू सरकार के मौखिक बात पर विश्वास नहीं है और हमें लिखित तौर पर लिख कर दिया जाए. सोमवार को भी धरने को एसडीएम के आश्वासन पर हटा दिया था. रविन्द्र खन्ना ने कहा, "30 नवंबर तक धरना जारी रहेगा और सरकार से अपील की जाएगी. अगर फिर भी मांग नहीं मानी जाती है तो दोनों गेट पर पहली दिसंबर को लोग बैठ जाएंगे और सामान को और स्टाफ को नहीं जाने देंगे." उन्होंने कहा कि इसके बाद लोग नए बाबा से बात करेंगे कि लोगों की सेवा के लिए अस्पताल चलते रहना चाहिए. इसे बंद न किया जाए.
'20-25 सालों से लोगों का फ्री इलाज कर रहा अस्पताल'
जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी ने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा में पिछले 20 से 25 सालों से लोगों का फ्री में इलाज किया जा रहा है. यहां पर लोगों के टेस्ट भी फ्री होते हैं. इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि इस राधा स्वामी चैरिटेबल हॉस्पिटल को ना बंद किया जाए.
'अन्य अस्पतालों पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ'
पंचायत प्रधान टिक्कर कुलवीर सिंह ने कहा कि किन्हीं परिस्थितियों की वजह से चैरिटेबल अस्पताल भोटा बंद होने जा रहा है. उन्होंने अनुरोध किया है की ये अस्पताल जनता की भलाई के लिए काम कर रहा है. ऐसे में हॉस्पिटल को बंद करने से अन्य हॉस्पिटलों पर भी अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा. 20 किलोमीटर दायरे वाले क्षेत्रों के लोगों का लंबे समय से फ्री में इलाज हो रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस अस्पताल को बंद न किया जाए, क्योंकि यह जनता की भलाई के लिए ही काम कर रहा है.
वहीं, धनीराम शुक्ला ने कहा, "राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल को अब 45 बैड से अपग्रेड किया जाना है. इसके लिए राधा स्वामी सत्संग ब्यास की जमीन को उसी की संस्था महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी में ट्रांसफर करने की मांग की जा रही है. जिसे प्रदेश सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पाई है."
भोटा अस्पताल बंद न करने की अपील
जिला परिषद सदस्य जाहू राजकुमारी ने कहा कि सुनने में आया है कि राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने जा रहे हैं. इसे बंद करने से गरीब जनता का फ्री इलाज होना यहां पर बंद हो जाएगा. जिसके चलते हमें परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर अकेला व्यक्ति आकर भी अपना इलाज करवा लेता था, मगर हॉस्पिटल बंद होने से यह सुविधा लोगों को नहीं मिलेगी. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस राधा स्वामी चैरिटेबल हॉस्पिटल को ना बंद किया जाए.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा पिछले 24 सालों से चला हुआ है. इस के दायरे में 25 ग्राम पंचायतों के लोग सस्ता इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन अब पहली दिसंबर से अस्पताल को बंद करने के नोटिस लगाए जाने से लोग भड़क गए हैं. अस्पताल बंद होने के विरोध में लोग चक्का जाम के साथ धरना प्रदर्शन करने लगे हैं. बता दें कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा का कई सालों से करोडों रुपए का जीएसटी लंबित पड़ा है. जिसके कारण अस्पताल की जमीन राधास्वामी सोसाइटी के पास हस्तांतरित नहीं हो पाई है. जिससे अब अस्पताल में अपग्रेडेशन का काम रूका है. वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जमीन हस्तांतरण मामले में जल्द लैड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने का आश्वासन दिया है. वहीं, बुधवार को भी भोटा अस्पताल के बंद होने के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया. जिसमें बीजेपी विधायकों ने भी जनता और ब्यास