पलामू: 2023 में झारखंड में हाथी और इंसानों के संघर्ष में 96 लोगों की मौत हुई थी. 2024 में मौत का आंकड़ा 15 से अधिक है. झारखंड में इंसानों और हाथी के संघर्ष को रोकना एक बड़ी चुनौती है. हाथी और इंसानों के संघर्ष और नुकसान को कम करने के लिए वन विभाग कई बिन्दुओं पर कार्य कर रहा है. झारखंड वन विभाग ने हाथी और इंसानों के संघर्ष को रोकने के लिए एक एप विकसित किया है, इस एप को नाम दिया गया है हमार हाथी. यह एप्प पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. कोई भी व्यक्ति इस एप का इस्तेमाल कर सकता है और हाथियों की मूवमेंट के बारे में जानकारी ले सकता है. यह एप एक तरह से अलार्म सिस्टम की तरह काम करेगी, हाथियों का झुंड इलाके में मौजूद रहने पर यह अलर्ट भी करेगा.
लोकसभा चुनाव के दौरान हमार हाथी एप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया है. झारखंड के चाईबासा, खूंटी, लातेहार के इलाके में दर्जनों मतदान केंद्र हाथी के कॉरिडोर में मौजूद थे. पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत लातेहार के इलाके में 95 जबकि गढ़वा में इलाके में 10 से अधिक मतदान केंद्र हाथी के कॉरिडोर वाले इलाके में थे. चुनाव के दौरान वोटर और मतदान कर्मियों को हाथी से बचाने के लिए इस एप का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा हाथी के कॉरिडोर में बड़ी से संख्या में वन विभाग कर कर्मियों को तैनात किया गया था. वन विभाग के कर्मी इलाके में निगरानी कर रहे थे और डाटा को हमार हाथी एप्प पर अपलोड कर रहे थे. चुनाव के दौरान हाथी के कारण कंही से भी वोटिंग प्रभावित होने की खबर निकल कर समाने नही आई.
दरसल, वन विभाग के कर्मी हाथी के कॉरिडोर में मूवमेंट की निगरानी करते है. निगरानी के दौरान हाथी से जुड़े हुए एक-एक डाटा तैयार किया जाता है. बाद में इस डाटा को हमार हाथी एप पर उपलोड किया जाता है. एप के माध्यम से इलाके के ग्रामीणों को अलर्ट मैसेज भेजा जाता है. मैसेज के माध्यम से ग्रामीणों को अलर्ट किया जाता है ताकि वह हाथियों की मूवमेंट वाले इलाके में नहीं जाएं. एप को इस्तेमाल को लेकर वन विभाग कई तरह की सावधानी भी बरतती है. हाथियों का मूवमेंट मानव बस्ती की अगल-बगल होने पर ही इसकी जानकारी दी जाती है.
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