रायपुर: रायपुर में शनिवार को हाईवा मालिकों पर हो रहे लगातार अत्याचार को लेकर छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन कल्याण संघ ने रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया. संघ ने अपनी मांगों को लेकर बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर अर्धनग्न प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे, जिसे पुलिस ने बूढ़ातालाब स्थित स्मार्ट सिटी के दफ्तर के पास ही रोक दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने धमतरी कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी: इस विरोध प्रदर्शन को लेकर छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन कल्याण संघ का कहना है कि महासमुंद और धमतरी जिले में हाईवा मालिकों पर अत्याचार को लेकर आज अर्धनग्न प्रदर्शन किया गया है. इसके बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से हमारी बातों पर गंभीरता से विचार नहीं किए जाने के बाद हम आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे.
प्रशासन नहीं कर रही कोई कार्रवाई: प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन कल्याण संघ के संरक्षक राजेश मिश्रा ने कहा, "शासन प्रशासन से हताश और निराश होकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से हाईवा मालिकों को चोर करार दिया गया है. महासमुंद जिले में अवैध रेत परिवहन करते पकड़े जाने पर गाड़ी मालिक को चोरी की धारा लगाई जा रही है. जो लोग नदी घाट से रेत का अवैध उत्खनन कर हाईवा में लोड करवाते हैं, उनके खिलाफ प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है."
"हाईवा मलिक पिछले 4 सालों से प्रताड़ित हैं. समय-समय पर इस बात को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी दिया गया है, लेकिन प्रशासन ने इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया. शासन की ओर से 650 रुपए रॉयल्टी निर्धारित की गई है, लेकिन हाईवा मालिकों से 4 से 5 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. रेत घाट पर शासकीय दर पर लोडिंग दर तय किया गया है. शासकीय दर पर लोडिंग भी नहीं मिल पाई. हाईवा मलिक अगर रेट घाट पर जाते हैं तो उन्हें 10 गुना अधिक दाम देकर रेत खरीदना पड़ता है. प्रशासन की ओर से आज तक रेत घाट के अंदर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. घाट से बाहर निकलने पर हाईवा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है." -राजेश मिश्रा, संरक्षक, छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ
जानिए क्या है मामला: प्रदर्शनकारियों की मानें तो छत्तीसगढ़ रेत परिवहन करने वाले से प्रशासन की ओर से पहले 27 से 35 हजार रुपए तक फाइन लिया जाता था, लेकिन वर्तमान में हाईवा मालिकों से आज की तारीख में 2 से 3 लाख रुपए फाइन लिया जा रहा है. इस वजह से लगभग 2 महीने से गाड़ियां खड़ी है. उन गाड़ियों को अब तक नहीं छोड़ा गया है. धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी का तानाशाही रवैया चल रहा है. हाईवे परिवहन कल्याण संघ के प्रतिनिधिमंडल मिलने गया तो दो टूक जवाब देकर कलेक्टर ने भगा दिया. चार से पांच दिनों के दौरान शासन की ओर से इस बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता है, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. हाईवा मालिकों का साफ कहना है कि अवैध भंडारण और अवैध उत्खनन पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन प्रशासन के द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में रेत का भंडारण हो रहा है. वह भी प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है. बावजूद इसके प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.