ग्वालियर : शहर के लोकप्रिय चिड़ियाघर गांधी प्राणी उद्यान में जंगल के राजा को ठंड लगना शुरू हो गई है. दरअसल, मध्यप्रदेश में हाड़कंपा देने वाली ठंड की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में ग्वालियर जू में वनराज के साथ-साथ अन्य वन्य जीव व पक्षियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि खुले जंगलों में होने पर शेर ठंड से बचाव के लिए गुफाओं या ऐसी ही जगह का सहारा लेते हैं पर जू में होने पर इनके लिए प्रबंध करना पड़ता है.
वनराज के लिए जू में लगे हीटर
ग्वालियर चंबल अंचल में रात का पारा हाड़कंपा रहा है, ऐसे में वनराज समेत चिड़ियाघर के अन्य जानवरों के लिए ये परेशानी का सबब बन गया है. चिड़ियाघर में छोटे-बड़े करीब 550 से ज्यादा जानवर, पशु पक्षी हैं. न्यूनतम पारा 6 से 8 डिग्री के नीचे जाने की वजह से चिड़ियाघर प्रबंधन ने यहां हीटर लगाने का फैसला लिया है.
हीटर लगाकर पार्क का तापमान नियंत्रण में रखने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वन्य जीवों को राहत मिल सके. पार्क प्रबंधन के मुताबिक दिन के वक्त यहां मौजूद शेर, चीते और बाघ समेत अन्य जानवर दिनभर बाड़े में धूप सेंकते रहते हैं, लेकिन रात होते ही इनको सर्दी का खौफ सताने लगता है.
पक्षियों के बाड़े पर मोटी चादर
चिड़ियाघर प्रबंधन ने पक्षियों के बाड़ों को मोटे गर्म कपड़ों से ढकना शुरू कर दिया है. वहीं रात के वक्त इनमें बल्ब जलाए जा रहे हैं, जिससे पक्षियों का तापमान मेंटेन रह पाए.
इसके अलावा शाकाहारी पशु और पक्षियों को भोजन के लिए मैथी, बाजरा व लहसुन खिलाया जा रहा है, जिससे सर्दी से राहत मिल पाएगी. वहीं हिरणों के बाड़े में सूखा पैरा बिछाकर उन्हें गर्म रखने की कोशिश की जा रही है.
डायट में दी जा रही मैथी-लहसुन
चिड़ियाघर के प्रबंधक डॉ. उपेंद्र यादव ने बताया, '' चिड़ियाघर ग्वालियर में कड़ाके की ठंड के चलते शेर, चीते, बाघों के लिए हीटर, पक्षियों के बाड़ों के लिए गर्म कपड़े का इंतजाम किया गया है. सांपों के बाड़े में गर्मी के लिए बल्ब लगाए गए हैं. हालांकि, सर्प इस दौरान हाइबरनेशन में चले जाते हैं. सभी जीवों की डायट में परिवर्तन किया गया है. कई वन्य जीवों को डायट में मैथी और लहसुन भी दी जा रही है.''