ग्वालियर. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के नतीजे मंगलवार को जारी हो चुके हैं जिसमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से भी तीन अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ है. ग्वालियर के रहने वाली मान्या सिंह, आयुषी बंसल और माधव अग्रवाल ने जिले का नाम रोशन किया है. बात करें माधव अग्रवाल की तो उन्होंने ऑल इंडिया 211 रैंक हासिल की है. नतीजा सामने आने के बाद से ही उनके परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है.
पूरे परिवार में जश्न का माहौल
आज आईएएस-आईपीएस बनना देश के हर युवा का सपना होता है लेकिन इस सपने को पूरा करने में जबर्दस्त मेहनत और लगन लगाती है. यही वजह है कि बहुत कम ऐसे अभ्यर्थी होते हैं, जिनके हाथ सफलता ये आती है. इन्हीं गिने-चुने युवाओं में अब ग्वालियर के माधव अग्रवाल भी शुमार हो चुके हैं क्योंकि मंगलवार को जारी हुए यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जामिनेशन में माधव ने ऑल इंडिया 211वीं रैंक प्राप्त की है. ये खबर मिलने के बाद से ही पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.
सीए बनना चाहते थे लेकिन पिता का सपना किया पूरा
माधव अग्रवाल के पिता एक बिजनेसमैन हैं लेकिन उन्होंने कभी व्यापार का बोझ अपने बेटे पर नहीं डाला. उसे पढ़ाया लिखाया और आगे बढ़ाने के लिए मोटिवेट किया. माधव के पिता राकेश अग्रवाल ने बताया कि यह उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा अफसर बने. वह शुरू से ही पढ़ने में बहुत अच्छा था हालांकि, उन्होंने बताया कि माधव शुरू से ही सीए बनना चाहते थे. उनका यूपीएससी में भाग लेने का कोई मन नहीं था. इसलिए पहले उसने 2019 में अपने सीए की पढ़ाई कंप्लीट की, उसके बाद एक अटेम्प्ट देने की बात रखी.
नवरात्र में मिला माता का आशीर्वाद
माधव अग्रवाल से बात करने पर उन्होंने कहा, ' जब रिजल्ट आया उस समय घर में अष्टमी की पूजा चल रही थी. ऐसे में सिलेक्शन होने की बात पता चलने पर ऐसा लगा कि जैसे माता का प्रसाद मिल गया.' माधव ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. हर रोज 8 से 10 घंटे की पढ़ाई की हालांकि, मानसिक रूप से भी काफी संघर्ष रहा क्योंकि अक्सर हम पढ़ाई को पहाड़ बना लेते हैं और वही गलती एक समय पर उन्होंने भी की थी लेकिन उससे लड़कर आगे बढ़े तब यह मुकाम हासिल कर पाए.
100 मीटर की रेस नहीं 5 किमी की दौड़ है यूपीएससी : माधव
माधव का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी में अभ्यर्थी अपने तरीके से प्रिपरेशन करते हैं. उनका अपना अलग तरीका होता है लेकिन वे तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश भी देना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ' खुद के नोट्स तैयार करें, सिर्फ कोचिंग के भरोसे ही ना रहें. सवालों के जवाब पढ़कर उन्हें एनालाइज करें और खुद की दिनचर्या में भी बैलेंस बनाएं. सिर्फ पढ़ाई पर ही ना चढ़े रहें, जिससे मानसिक रूप से आपको आराम मिल सके और आप एक लंबी लड़ाई के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे, क्योंकि यूपीएससी 100 मीटर की रेस नहीं है इसमें लंबी दौड़ भी हो सकती है इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. '
एक नंबर कटने पर बहस कर जाते थे माधव
एक बच्चे के लिए मां पहले गुरु होती है वह पढ़ाई के साथ-साथ उसे जीवन के पाठ और संघर्ष करना भी सिखाती है. माधव की मां सीमा अग्रवाल ने भी ठीक वैसा ही किया. सीमा अग्रवाल कहती हैं कि माधव खेल के साथ-साथ शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छा था. यदि उसका एक नंबर भी कम आता था तो वह अपने शिक्षकों से लड़ जाता था कि आखिर उसका 1 नंबर क्यों काटा गया. एक बार स्कूल में उसकी टीचर ने एक नंबर काट लिया था, तो इस बात के लिए वह शिक्षिका से लड़ गया था. इसके बाद जब माता-पिता स्कूल पहुंचे तो उन्होंने इस बात की शिकायत की थी की एक नंबर के पीछे इतनी देर से माधव उनसे बहस कर रहा था. उन्होंने बताया कि जब माधव का रिजल्ट आया तो उन्होंने उसे सीधा रिजल्ट नहीं देखने दिया था. उन्होंने अपने बड़े बेटे को निर्देश दिए के भाई माधव का रिजल्ट देख कर बताएं, इसके बाद बड़े बेटे केशव ने सबको सिलेक्शन की खुशखबरी दी.
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दूसरी बार दिया था माधव ने इंटरव्यू
बहरहाल, माधव का यह चौथा अटेम्प्ट था. उन्होंने 2020 से इसकी शुरुआत की और दूसरी बार इंटरव्यू दिया जिसका फल है कि माधव अग्रवाल का पूरा परिवार अब खुशियां मना रहा है. उनका बेटा यूपीएससी में सिलेक्ट हो चुका है और रैंक भी 211 है. इस बात की पूरी संभावना है कि सिलेक्शन आईएएस कैटेगरी में मिल सकता है, ऐसे में बधाई और शुभकामनाओं का दौर पूरे परिवार में जारी है.