ग्वालियर। शहर में आवारा स्ट्रीट डॉग का इतना आतंक है कि सड़कों पर चलना लोगों को दूभर हो रहा है. इस समय ग्वालियर की सड़कों पर 50 हजार से ज्यादा आवारा डॉग्स घूम रहे हैं. औसतन हर 7 मिनिट में एक राहगीर को ये कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. वर्ष 2023 में ग्वालियर में 80562 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए. ये वे आंकड़े हैं जो एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल तक पहुंचे रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग सिर्फ नीम हकीम के सहारे ही इलाज कराते है. उन्हें जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा और भी आगे पहुंच जाएगा.
तेजी से बढ़ी आवारा कुत्तों की संख्या
स्ट्रीट डॉग को पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन एक तो उसके पास इसकी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. निगम सूत्र बताते हैं कि उनके पास रोजाना एवरेज 20 से 25 शिकायतें आवारा स्ट्रीट डॉग की आती है. वाहन के साथ निगम कर्मी कुत्तों को पकडने जाते हैं लेकिन तब तक वे भाग जाते हैं. डॉग तो इतने चालाक हैं कि नगर निगम की गाड़ी भी पहचानते हैं और उसे आते देख ही भाग निकलते हैं. ग्वालियर निगम का एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट (एबीसी) सेंटर पिछले छह महीने से बंद पड़ा है. इस कारण शहर में श्वान की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
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डॉग बाइट के रोजाना 200 केस
अब नगर निगम का कहना है कि श्चान की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए उनकी धरपकड़ शुरू की जाएगी और उन्हें उसी स्थान पर रखा जाएगा जहां पर एबीसी सेंटर संचालित होता था. हालात ये हैं कि लोग सीएम हेल्पलाइन तक पर भी शिकायत दर्ज करा रहे हैं. लेकिन इन शिकायतों का निराकरण नहीं हो रहा है. ग्वालियर जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन अक्षय निगम का कहना है कि जिले में डॉग बाइट के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर पर रोजाना करीबन 200 लोग डॉग बाइट का शिकार होते हैं, लेकिन पिछले दिन तो यह संख्या और अधिक बढ़ गई. जेएच सहित शहर के अन्य अस्पतालों को मिलाकर प्रतिदिन 400 के करीब डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं.