ग्वालियर : जीवाजी यूनिवर्सिटी के छात्र दिल्ली में आयोजित होने वाले वर्ल्ड फूड इंडिया इवेंट में शामिल होकर चंबल का जायका विदेशी मेहमानों को पेश करेंगे. दरअसल, जीवाजी यूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के छात्र ने स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद अनोखे और स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं, जिन्हें देखकर विदेश मेहमानों के मुंह में भी पानी आ जाएगा.
स्वाद के साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान
जीवाजी विश्वविद्यालय में फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहे इन छात्रों का चयन इनके द्वारा तैयार किए व्यंजनों के आधार पर हुआ है. ये सभी छात्र दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में पार्टिसिपेट कर रहे हैं. इन छात्रों ने कड़ी मेहनत और रिसर्च के बाद ऐसे प्रोडक्ट तैयार किए हैं जिन्हें आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है, ये बेहद स्वादिष्ट होंगे और इनके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ भी होंगे.
चुकंदर गाजर का प्रीमिक्स, झटपट बनेगा केक
यूनिवर्सिटी में फूड टेक्नोलॉजी के तीसरे सेमेस्टर में आ रही छात्रा माही दवे ने एक केक प्रीमिक्स तैयार किया है, जिसमें चुकंदर और गाजर का उपयोग किया गया है. इस प्रीमिक्स के जरिए स्वादिष्ट केक और कपकेक झटपट बनाया जा सकता है. ये बाजार में मिलने वाले मैदे के केक से बहुत बेहतर है. सब्जियों का इस्तेमाल होने से यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होगा. माही द्वारा बनाए गए प्रीमिक्स को 3-4 महीने तक स्टोर किया जा सकता है और कभी भी इससे केक तैयार कर खाया जा सकता है. इसका सेवन डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा है और यह शरीर में एंटी आक्सीडेंट इंटेक में भी मदद करता है.
ये चॉकलेट नहीं करेगी दांत खराब
चॉकलेट किसे पसंद नहीं होती लेकिन चॉकलेट का ज्यादा सेवन ओरल हेल्थ खराब कर सकता है. खासकर बच्चों में चॉकलेट का क्रेज उनके दांतों को नुकसान पहुंचाता है लेकिन यूनिवर्सिटी की छात्रा प्रमीला रंग और आहुति भारद्वाज ने सिंबायोटिक चॉकलेट तैयार की है. कोको कंफर्ट नाम का यह प्रोडक्ट खाने में बिलकुल बाजार की चॉकलेट की ही तरह है लेकिन यह थ्री लेयर चॉकलेट प्रीबायोटिक और पोस्ट बायोटिक का उपयोग कर तैयार किया गया है. इसमें डार्क चॉकलेट के दो हिस्सों के बीच वाइट चॉकलेट है. ये हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं क्योंकि इसमें प्रीबायोटिक के तौर पर चिकोरी रूट पाउडर का इस्तेमाल किया गया है और प्रोबायोटिक के लिए बेसिलस कोगुलंस और बेसिलस क्लॉजी का उपयोग किया है. ये प्रोडक्ट गट हेल्थ के लिए बेहद कारगर है. इसके साथ साथ यह शरीर के डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा होता है. इसका सेवन इम्युनिटी को बढ़ाता है, हार्ट और मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है.
ककोरा (स्पाइन गार्ड) से तैयार कांजीवाड़ा
अमूमन मध्य प्रदेश में रहने वाले लगभग हर व्यक्ति ने ककोरा की सब्जी खाई ही होगी. करेले की तरह कड़वा ककोरा गर्मियों के मौसम में सीजनल सब्जी के तौर पर आता है लेकिन यह कम लोग जानते हैं कि यह ककोरा (स्पाइन गार्ड) सिर्फ मध्यप्रदेश में ही पाया जाता है. छात्रा सौम्या वार्शनेय ने इसी ककोरा से तैयार किए हैं कांजीवड़े. पारंपरिक पाक से हटकर इन कांजीवड़ों का स्वाद कड़वा नहीं बल्कि नमकीन और स्वादिष्ट है. इसका सेवन पाचनक्रिया के लिए बहुत अच्छा बताया जा रहा है.
मल्टीग्रेन गोलगप्पे
आपने गोलगप्पे तो कई तरह के खाए होंगे लेकिन फूड टेक्नोलॉजी में रिसर्च कर रही छात्रा काजल तिवारी ने अपनी रिसर्च और डेवलपमेंट के आधार पर मल्टीग्रेन गोलगप्पे तैयार किए जिसमे मिलेट्स के साथ सूजी, गेहूं का आटा, बेसन, समा जैसी चीजों को मिश्रित किया है. ये खाने में बेहद कुरकुरे बनते हैं और गोलगप्पों में सबसे महत्वपूर्ण इंग्रिडिएंट है इसका पानी यानी जलजीरा और यही इस प्रोडक्ट में सबसे खास है इस जलजीरा को तैयार करने के लिए काजल ने साधारण या मिनरल वाटर की जगह 'पनीर का पानी' उपयोग किया है. पनीर से निकलने वाला व्हे (Whey) ये वही प्रोटीन है, जिसके सप्लीमेंट्स बड़े बड़े बॉडी बिल्डर लेते हैं. लेकिन इसे आर्गेनिक और पारंपरिक तरीके से तैयार किया गया है. मुंह में पानी लाने वाला यह जलजीरा सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसका सेवन करने से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है.
एक मात्र यूनिवर्सिटी को मिला आमंत्रण
इन तीनों ही छात्राओं की तरह कुल 14 छात्रों ने 13 प्रोडक्ट तैयार किए हैं. जो स्वाद बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं. जीवाजी विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मनोज शर्मा ने बताया, '' इस वर्ष 19-22 सितंबर 2024 को मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग और फिक्की (FICCI) के द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान में वर्ल्ड फूड एक्सपो (वर्ल्ड फूड इंडिया 2024) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जीवाजी यूनिवर्सिटी को भी पार्टिसिपेशन का मौका दिया गया है. यहां विश्वविद्यालय के द्वारा 15 प्रोडक्ट्स को शोकेस किया जाएगा. इस कार्यक्रम में द यूनिवर्सिटी के तौर पर अकेला जीवाजी यूनिवर्सिटी को ही यह इनविटेशन मिला है जो एक बड़ी बात है.''
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वहीं जीवाजी यूनिवर्सिटी की सीनियर प्रोफेसर राधा तोमर ने बताया, '' भारत सरकार द्वारा इस बार एक अच्छा इनिशिएटिव लिया गया है कि फूड इंडस्ट्री की कम्पनियों के साथ-साथ रिसर्च इंस्टीट्यूट को भी जुड़ने का मौका दिया गया है. इस बार यह मौका जीवाजी यूनिवर्सिटी के पास है कि वे ग्वालियर चंबल क्षेत्र के पारंपरिक फासलों से तैयार किए गए फूड प्रोडक्ट्स को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेंगे.''