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खुद को एसपी का दोस्त और एयरफोर्स जवान बताकर रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ठगे 50 हजार, फेसबुक से बिछाया था जाल

Gwalior retired inspector cheated by man : छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बनकर एक आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर से 50 हजार की ठगी कर ली.

Gwalior retired inspector cheated by man
रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ठगे 50 हजार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 2, 2024, 7:40 AM IST

रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ठगे 50 हजार

ग्वालियर. शहर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के हरिशंकरपुरम कॉलोनी में रहने वाले एक रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर से 50 हजार रु का फ्रॉड (fraud of 50 thousand) हो गया. राजेश मंगल नामक व्यक्ति से एक शख्स ने छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बनकर बात की और अपना कीमती फर्नीचर बेचने के नाम पर चूना लगा दिया. खुद को एसपी का दोस्त बताने वाले शख्स ने अपना नाम राजू दास और खुद को एयरफोर्स में तैनात बताया था.

इस तरह हुई 50 हजार की ठगी

खुद को छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बताने वाले आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर राजेश मंगल को बताया कि एयरफोर्स ने उसका ट्रांसफर अचानक ग्वालियर से बाहर कर दिया है. इसके बाद आरोपी ने भरोसे में लेते हुए अपने कीमती फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान को बेहद कम दाम पर बेचने की बात की. दरअसल, ठग ने एक फर्जी आईडी फेसबुक पर बनाई थी, जिसमें छतरपुर एसपी अमित सांघी के नाम से फर्जी पोस्ट किया गया था. इस पोस्ट में यह बताया गया कि एसपी का एक मित्र एयर फोर्स स्टेशन महाराजपुर में पदस्थ है. उसका ट्रांसफर होने के कारण वह अपना घरेलू कीमती सामान बेचना चाह रहा है.

Gwalior retired inspector cheated by man
आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर को वॉट्सएप पर भी फर्जी बिल भेजे थे

ठग के झांसे में आए रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर

सोशल मीडिया साइट पर पूरे सामान की लिस्ट देखकर रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर ठग के झांसे में आ गए. उन्होंने सामान खरीदने की इच्छा जताई, जिसके बाद ठग ने उन्हें अपना पेटीएम यूपीआई नंबर दिया जिस पर उन्होंने पहले 30 और फिर 20 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद ठग ने उनसे जीएसटी के नाम पर 21 हजार रु की डिमांड की और बताया कि एयरफोर्स का ट्रक सामान लेकर उनके घर हरिशंकरपुरम आने वाला है. जीएसटी के पैसे ट्रक के साथ आ रहा युवक उन्हें रिफंड कर देगा. लेकिन ठग की इस बात पर राजेश मंगल को शक हुआ और उन्होंने बैंक बंद होने का हवाला दिया और दूसरे दिन पैसों का इंतजाम करने की बात कही.

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जब छतरपुर एसपी तक पहुंची बात

राजेश द्वारा जैसे ही बैंक बंद होने का हवाला दिया गया ठग ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर से अपना संपर्क तोड़ दिया. ठगे जाने का एहसास होते ही रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से संपर्क किया. छतरपुर एसपी सांघी ने बताया कि उनका कोई दोस्त राजू दास नहीं है और न ही उनके द्वारा सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट की गई है. तब राजेश मंगल को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ और उन्होंने एसपी को पूरा वाकया सुनाया. वहीं पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस मामले में अपना नाम आते ही क्राइम ब्रांच को त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ठगे 50 हजार

ग्वालियर. शहर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के हरिशंकरपुरम कॉलोनी में रहने वाले एक रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर से 50 हजार रु का फ्रॉड (fraud of 50 thousand) हो गया. राजेश मंगल नामक व्यक्ति से एक शख्स ने छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बनकर बात की और अपना कीमती फर्नीचर बेचने के नाम पर चूना लगा दिया. खुद को एसपी का दोस्त बताने वाले शख्स ने अपना नाम राजू दास और खुद को एयरफोर्स में तैनात बताया था.

इस तरह हुई 50 हजार की ठगी

खुद को छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बताने वाले आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर राजेश मंगल को बताया कि एयरफोर्स ने उसका ट्रांसफर अचानक ग्वालियर से बाहर कर दिया है. इसके बाद आरोपी ने भरोसे में लेते हुए अपने कीमती फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान को बेहद कम दाम पर बेचने की बात की. दरअसल, ठग ने एक फर्जी आईडी फेसबुक पर बनाई थी, जिसमें छतरपुर एसपी अमित सांघी के नाम से फर्जी पोस्ट किया गया था. इस पोस्ट में यह बताया गया कि एसपी का एक मित्र एयर फोर्स स्टेशन महाराजपुर में पदस्थ है. उसका ट्रांसफर होने के कारण वह अपना घरेलू कीमती सामान बेचना चाह रहा है.

Gwalior retired inspector cheated by man
आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर को वॉट्सएप पर भी फर्जी बिल भेजे थे

ठग के झांसे में आए रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर

सोशल मीडिया साइट पर पूरे सामान की लिस्ट देखकर रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर ठग के झांसे में आ गए. उन्होंने सामान खरीदने की इच्छा जताई, जिसके बाद ठग ने उन्हें अपना पेटीएम यूपीआई नंबर दिया जिस पर उन्होंने पहले 30 और फिर 20 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद ठग ने उनसे जीएसटी के नाम पर 21 हजार रु की डिमांड की और बताया कि एयरफोर्स का ट्रक सामान लेकर उनके घर हरिशंकरपुरम आने वाला है. जीएसटी के पैसे ट्रक के साथ आ रहा युवक उन्हें रिफंड कर देगा. लेकिन ठग की इस बात पर राजेश मंगल को शक हुआ और उन्होंने बैंक बंद होने का हवाला दिया और दूसरे दिन पैसों का इंतजाम करने की बात कही.

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जब छतरपुर एसपी तक पहुंची बात

राजेश द्वारा जैसे ही बैंक बंद होने का हवाला दिया गया ठग ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर से अपना संपर्क तोड़ दिया. ठगे जाने का एहसास होते ही रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से संपर्क किया. छतरपुर एसपी सांघी ने बताया कि उनका कोई दोस्त राजू दास नहीं है और न ही उनके द्वारा सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट की गई है. तब राजेश मंगल को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ और उन्होंने एसपी को पूरा वाकया सुनाया. वहीं पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस मामले में अपना नाम आते ही क्राइम ब्रांच को त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

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