ग्वालियर: मध्य प्रदेश का ग्वालियर चम्बल अंचल जो अब तक बीहड़ भागी और बंदूकों के लिए जाना जाता था, अब उसका स्वरूप बदलने लगा है. अडानी-अंबानी जैसे बड़े उद्योगपति यहां फैक्ट्रियां लगाने आ रहे हैं और यह सब संभव हुआ है मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिए. जिसमें इन बड़े उद्योग घरानों के साथ कई इनवेस्टर्स ने ग्वालियर चंबल अंचल में निवेश करने पर सहमति जताते हुए घोषणा की है.
देश-विदेश से ग्वालियर आए इनवेस्टर्स
जबलपुर, उज्जैन के बाद मध्य प्रदेश में तीसरा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बुधवार को ग्वालियर में आयोजित हुआ. बड़े लंबे समय से कार्यक्रम की तैयारी की जा रही थी. बुधवार सुबह से ही उद्योग जगत के बड़े-बड़े दिग्गज और मध्य प्रदेश में निवेश की इच्छा रखने वाले इनवेस्टर्स ग्वालियर पहुंचे. इस कार्यक्रम का आयोजन राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में किया गया. रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शिरकत करने के लिए दोपहर करीब 1 बजे मुख्यमंत्री के आने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कार्यक्रम में 4 हजार से अधिक स्वदेशी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तो वहीं कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया, मैक्सिको समेत 15 देशों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की.
विधानसभा अध्यक्ष ने की मोहन सरकार की तारीफ
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी कॉन्क्लेव को संबोधित किया. कांक्लेव को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ''आज हम सबके लिए गौरव क्षण है, इतना बड़ा निवेश का मौका ग्वालियर चंबल संभाग को मिला है. सीएम को धन्यवाद जबसे उन्होंने एमपी की कमान संभाली है, तब से एमपी लगातार आगे बढ़ रहा है. कई बार सरकारें कुछ विशेष क्षेत्र पर ध्यान देती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि मोहन यादव एक तरफ जहां गांव गरीब और अधोसंरचना के काम कर रहे हैं, इसके साथ ही वह एमपी के हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े इस दिशा में काम कर रहे हैं.''
सिंधिया ने सरकारी जमीन पर की बड़े निजी अस्पताल की मांग
वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस निवेश से काफी उम्मीद जताई है. साथ ही मुख्यमंत्री से सिंधिया ने एक मांग भी की. सिंधिया ने कहा कि "मुख्यमंत्री से निवेदन कर रहा हूं, अगर ग्वालियर आए हैं तो मैं मांगना चाहता हूं. ग्वालियर कई सालों से उम्मीद लगाए रखे है. यहां ग्वालियर में गोला के मंदिर के पास सरकारी जमीन है, वहां पर निजी कंपनी का बड़ा अस्पताल बनना चाहिए. दूसरी मेरे पूज्य पिताजी का सपना था कि ग्वालियर में काउंटर मैग्नेट सिटी बनना चाहिए."
3500 करोड़ का निवेश करेगा अडाणी समूह
विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में एक-एक कर इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए उद्योगपतियों ने प्रजेंटेशन के साथ ग्वालियर चंबल अंचल के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को लेकर घोषणा की. जिनमें सबसे प्रमुख अड़ानी समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडाणी द्वारा 3500 करोड़ रुपए के निवेश करने की घोषणा की गई. जिसमें गुना में दो मिलियन टन सीमेंट का प्रोजेक्ट और शिवपुरी में डिफेंस सिस्टम प्रोजेक्ट में अलग से निवेश का प्रस्ताव दिया गया. जिसमें 3500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
बीहड़ में उद्योग और रोज़गार उपलब्ध कराएगी रिलायंस
अडाणी के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी ग्वालियर चंबल में निवेश की बात कही है. रिलायंस की ओर से आए प्रतिनिधि विवेक तनेजा ने भी रिन्युएबल एनर्जी गैस एवं बायो गैस प्रॉजेक्ट में निवेश करने को कहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में दो हजार लोगों के लिए रोजगार उत्पन्न होगा. खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि ''रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरफ से बहुत अच्छा सुझाव आया है. ग्वालियर-चम्बल अंचल बीहड़ क्षेत्र है और रिलायंस इंडस्ट्री इस बीहड़ के वेस्टलैंड जैसा हिस्सा रिन्युएबल एनर्जी में उपयोग कर रोजगार उत्पन्न करेगी और इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए ऑफर दिया है.'' रिलायंस की ओर से गैर कृषि भूमि की भी मांग की गई है, जिसके लिए सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है. इनके अलावा ट्रॉपिलाइट इंडस्ट्रीज़ के द्वारा भी मध्य प्रदेश में 100 करोड़ का इनवेस्टमेंट के साथ 500 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
नए उद्योगों के लिए मध्य प्रदेश में खुली बाहें
अब तक सरकार रेडीमेड गारमेंट्स या टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इन्सेंटिव जैसी योजनाओं के जरिए और 25 करोड़ रुपए तक के निवेश वाले उद्योगों को विशेष सुविधाएं देती है. अब फुटवेयर जैसी कई इंडस्ट्रियां सामने आ रही हैं और बड़े पैमाने पर अपने उद्योग को मध्य प्रदेश में स्थापित करना चाहती हैं. जाहिर सी बात है इनसे अच्छा रोजगार प्रदेश के लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है. प्रदेश में उन्हें अवसर देने की तैयारी है. मुख्यमंत्री का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर आगरा के कई निवेशकों ने हमारे यहां अपना उद्योग स्थापित करने की इच्छा जताई है और सरकार के मंत्रिमंडल में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि ऐसे सभी औद्योगिक निवेशकों को सरकार पूरी मदद करेगी और इस बात पर मंत्रिमंडल के सभी सदस्य सहमत भी हैं. आने वाले समय में ये सभी बड़े निवेशक जल्द मध्य प्रदेश में जरूर आएंगे.
अंचल में बनेंगे 4 औद्योगिक पार्क
इस कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में पुलिस चौकी की स्थापना की घोषणा की. वहीं बामौर औद्योगिक क्षेत्र में फायर स्टेशन की स्थापना होगी. इसके साथ-साथ MPIDC के अंतर्गत 4 नए औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे. जिनमें ग्वालियर के मोहना में 210 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि पर औद्योगिक पार्क बनेगा. शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर भूमि, गुना के चैनपुरा में 335 हेक्टेयर भूमि पर और मुरैना के मवई में 10 हेक्टेयर भूमि पर यह औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे.
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किया गया इकाइयों का भूमिपूजन और लोकार्पण
ग्वालियर का रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कई मायनों में खास रहा, क्योंकि एक ओर जहां का एक बड़ा निवेश आया तो वहीं मुख्यमंत्री ने करीब 1321 करोड़ रुपए के निवेश के जरिए करीब 3800 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली 28 इकाइयों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया. साथ ही इकाइयों को भूमि आवंटन के पत्र भी दिये. वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर चम्बल संभाग के अंतर्गत आने वाले 8 जिलों में इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेन्टर की भी वर्चुअली शुरुआत की गई है. इसके अलावा भिंड, शाजापुर, धार, नीमच पाण्डुर्ना जिलों में भी 1 हजार 586 करोड़ के निवेश की 47 इकाइयों का वर्चुअली भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया. ये इकाइयां प्रदेश के विकास को नई गति देंगी व इनसे लगभग 4752 रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
चम्बल के लिए राहत भरी खबर
इस तरह बुधवार को आयोजित हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 8,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार को मिले हैं, जिनसे 35 हज़ार लोगों को रोजगार दिलाया जा सकेगा. जो कि ग्वालियर चंबल अंचल के लिए एक राहत भरी खबर है. यह क्षेत्र को औद्योगिक विकास को एक नई गति देगा.