ग्वालियर: मध्य प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 28 अगस्त को ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में होगा. इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. औद्योगिक विकास के लिए पहचाने जाने वाले ग्वालियर में पिछले कुछ सालों से कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ है. ग्वालियर में आयोजित होने जा रहे इस उद्योग समिट के बाद एक इंडस्ट्री ग्वालियर चम्बल अंचल में औद्योगिक बूम के साथ एंट्री कर सकती है. इसको लेकर मध्य प्रदेश चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने संकेत दिए हैं. आइए जानते हैं ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव को लेकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष क्या सोचते हैं.
उद्योगपतियों को आकर्षित कर रहा ग्वालियर चंबल
इस इंडस्ट्रियल समिट को लेकर मध्य प्रदेश चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, ग्वालियर के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि, "सरकार ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम मध्य प्रदेश के चम्बल अंचल में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाया है. यह तीसरा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ग्वालियर में आयोजित हो रहा है जो ग्वालियर के लिए एक बेहतरीन मौका है. इस क्षेत्र में विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं, चाहे एयरपोर्ट का निर्माण हो या एलीवेटेड रोड का निर्माण, ये सारी चीजें उद्योगपतियों को आकर्षित कर रही हैं. जैसे इसका माहौल दिख रहा है, भविष्य में इसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे."
'इंडस्ट्रियलिस्ट को भा रही सिंधिया-मोहन की जोड़ी'
ग्वालियर में पहले भी इंडस्ट्रीज हुआ करती थीं, जिसे लेकर प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि, "1990 में जो औद्योगिक क्रांति पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के प्रयासों से देखी गई थी, लगभग वैसी ही संभावनाएं इस बार भी बन रही है. उद्योगपतियों को मुख्यमंत्री मोहन यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया का कॉम्बिनेशन पसंद आ रहा है. इस बार खासकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट और जो स्थानीय उत्पाद है, जिनके लिए मुख्यमंत्री ने भी आह्वान किया है, उस दिशा में बहुत पूछ परख है. अगर बात ग्वालियर चम्बल की करें तो इस क्षेत्र में टॉफी इंडस्ट्री है, सरसों की अच्छी खेती होती है, यहां मक्के की अच्छी पैदावार होती है. इन सभी उत्पादों को लेकर अब फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री यहां पैर जमा सकती है."
लघु उद्योगों पर ध्यान देने की जरूरत
प्रवीण अग्रवाल का मानना है कि, "इस इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के लिए अडानी-अंबानी समेत कई बड़े-बड़े दिग्गजों को आमंत्रित किया गया है. लेकिन सरकार को लघु उद्योगों को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि लघु उद्योग प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देते हैं. लघु उद्योग खुद सर्वाइव होता है और वह आस-पास के माहौल को बढ़ावा देता है, विकसित करता है. अब सरकार को लघु उद्योगों के लिए छोटे एरिया साइज के प्लॉट बनाने चाहिए. इसके लिए सरकार को सुझाव भी दिया गया है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस पर विचार जरूर करेगी."
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चंबल में दिख रहे निवेश के अच्छे संकेत
निवेश को लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है. हजारों करोड़ के इन्वेस्टमेंट के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज को पूरा विश्वास है कि इस रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से फायदा जरूर होगा. प्रवीण अग्रवाल का कहना है कि, "अभी निवेश कितना आएगा यह सवाल तो काल्पनिक है, क्योंकि यह निवेशकों पर निर्भर करेगा. लेकिन जो भूमिका दिख रही है उससे समझ में आ रहा है कि आने वाले एक दो सालों में ग्वालियर में उद्योगों को जरूर इसका फायदा मिलेगा."