ग्वालियर। ग्वालियर से बीजेपी सांसद भारत सिंह कुशवाह एवं केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के बीच विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ है. मामला सांसद भारत सिंह कुशवाह द्वारा स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की बैठक लेने के बाद शुरू हुआ. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर में स्मार्ट सिटी के कार्यालय में स्मार्ट सिटी और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक ली. कांग्रेस का आरोप है कि इन दोनों नेताओं के बीच रस्साकशी कोई नई बात नहीं है.
सिंधिया की सक्रियता से ग्वालियर सांसद परेशान
सिंधिया और भारत सिंह के बीच चल रही यह सियासी रस्साकसी अंचल में सियासी गलियारों में चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है. बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल के सबसे प्रभावी नेता हैं. कांग्रेस का आरोप है कि सिंधिया गुना से सांसद हैं. ऐसे में सिंधिया का गुना से ज्यादा ग्वालियर में दखल देने से कई सवाल उठ रहे हैं. ग्वालियर में सिंधिया की सक्रियता ने सांसद भारत सिंह कुशवाह को परेशानी में डाल दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता राम पांडेय का कहना है कि इन दोनों नेताओं के बीच स्थानीय विकास कार्यों को लेकर गुटबाजी चल रही है. जिसका सांसद खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं.
इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के लिए लिखा पत्र
सिंधिया ने हाल ही में ग्वालियर में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. उनके पत्र लिखने के बाद तत्काल भारत सिंह कुशवाह ने भी मुख्यमंत्री को यही मांग को लेकर पत्र लिख दिया. इसी को लेकर कांग्रेस के नेता सवाल उठा रहे हैं.
कांग्रेस को फिर मौका मिला तंज कसने का
हालांकि सिंधिया की दखलअंदाजी से परेशान भारत सिंह कुशवाह खुलकर अपना विरोध दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व को इस बात से अवगत करा दिया है. कांग्रेस ने भी सिंधिया के ग्वालियर में अधिकारियों के बैठक लेने पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस इसे बीजेपी की आपसी गुटबाजी भी करार दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता राम पांडेय का कहना है कि इन दोनों नेताओं के बीच जंग कोई नई बात नहीं है.
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सांसद को दिया जाता है आमंत्रण
इस मामले में जब ईटीवी भारत ने दोनों पक्षों से बातचीत करना चाही तो किसी का स्पष्ट पक्ष नहीं मिल पाया, हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय से अनौपचारिक बातचीत में यह जरूर बताया गया है कि वर्चस्व जैसी कोई बात नहीं है. सांसद भारत सिंह कुशवाह को सभी कार्यक्रमों का आमंत्रण पत्र भेजा जाता है लेकिन सांसद नहीं पहुंचते हैं अधिकांश बार उनके द्वारा क्षेत्र से बाहर होने की जानकारी दी जाती है.