भिंड: मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं. पहले विधायकी गई है, पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं और अब प्रशासन उनकी कोठी तोड़ने पर तुला है. माना जा रहा है कि MP विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपना बंगला बना रखा है और प्रशासन उसे नेस्तानाबूद करने की तैयारी में है. शनिवार को भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन ने कोठी में घुसकर नपती की. इस दौरान डॉक्टर गोविंद सिंह के परिजन, समर्थक और पार्टी नेताओं के साथ पुलिस और प्रशासन की झड़प भी देखी गई.
डॉ. गोविंद सिंह के बंगले के बाहर रहा माहौल गर्म
राजस्व विभाग की टीम ने शनिवार को पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की कोठी मैं घुसकर नाप जोख की कार्रवाई की इस दौरान जमकर प्रशासन का विरोध उनके समर्थकों और परिजनों ने किया. बहस और झड़प के बीच नपती का काम पूरा किया गया. इस दौरान लहार के अलावा जिले के अन्य पुलिस थानों से भी थाना प्रभारी और अतिरिक्त बल डॉक्टर गोविंद सिंह की कोठी के बाहर मौजूद रहा.
गोविंद सिंह बोले, हम गलत तो नोटिस दें, खुद तोड़ेंगे अपना मकान
डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि, ''भिंड जिला प्रशासन सप्ताह दल के दबाव में उनका मकान तोड़ने पर तुला है. उनका कहना है कि उन्होंने कोई भी ज़मीन किसी से मुफ्त में नहीं ली हर ज़मीन की रजिस्ट्री कराई है. प्रशासन सैटलाइट नक़्शे के आधार पर जमीन की नाप जोख कर रहा है. जबकि वह नक्शा गलत है, पहले प्रशासन को नक्शा ठीक करना चाहिए. क्योंकि अगर हमारी कोई रजिस्ट्री ठीक नहीं है तो प्रशासन को पहले नोटिस देना चाहिए अगर हम गलत होंगे तो नोटिस के आधार पर हम खद अपना अवैध निर्माण तोड़ लेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि हमने एक इंच जमीन भी गलत तरीके से नहीं ली है.
लहार विधायक पर लगाए गंभीर आरोप
डॉ. गोविंद सिंह का सीधा-सीधा आरोप स्थानीय विधायक यानी लहार विधानसभा में BJP का सूखा ख़त्म करने वाले विधायक अम्बरीश शर्मा गुड्डू पर है. उनका कहना है कि स्थानीय विधायक दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर क्यों चुन-चुनकर झूठे मुक़दमे दर्ज कर जेल में डलवाया जा रहा है और अब उनका मकान तुड़वा कर अपमानित करने का काम लहार विधायक द्वारा किया जा रहा है. डॉ. गोविंद सिंह ने यह भी आरोप लगाया था कि वर्तमान लहार विधायक के पिता का घर 80-90% अतिक्रमण की भूमि पर बना है, लेकिन शायद सरकार को इस बात से कोई मतलब नहीं है और ना ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है. उनका यह भी मानना है कि लहार में 40 प्रतिशत से अधिक मकान सरकारी भूमि पर ही बने हैं.
हाई कोर्ट ने भी दिए हैं सीमांकन के आदेश
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से कार्रवाई पर स्टे लेने गए डॉ. गोविंद सिंह के बेटे अमित सिंह की अपील उच्च न्यायालय द्वारा ख़ारिज किए जाने के बाद प्रशासन शनिवार को अपने काम में जुटा था. इस दौरान जब नपती के लिए प्रशासन की टीम डॉ. गोविंद सिंह की कोठी में घुसी तो वहां मौजूद रहे गोविंद सिंह के भतीजे अनिरुद्ध प्रताप सिंह से उनकी अच्छी ख़ासी बहस और नोक झोंक हुई. अनुरुद्ध प्रताप सिंह का कहना है कि, ''प्रशासन जबरन की कार्रवाई करने पहुंचा है.'' कहा जा रहा है कि गोविंद सिंह की कोठी के बीच से एक आम रास्ता बस्ती के लिए जाता है लेकिन कोठी बनाकर उसे बंद कर दिया गया. इसी आरोप के आधार पर सरकारी सर्वे नंबर 2611 और 2615 की नाप होनी थी, लेकिन प्रशासन दो दिन से इसके लिए लगा रहा है. उन्हें कोई यहां ऐसा पॉइंट नहीं मिला इसलिए कहीं से कुछ मैनेज कर डिफरेंस वाले पॉइंट उठाए गए.
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सरकारी भूमि के लिए की गई है नाप जोख
लहार SDM का कहना है कि, ''पूर्व में यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि गोविंद सिंह की कोठी सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण के साथ बनी है, तो इस पर नाप जोख के लिए टीम पहुंची थी. लेकिन बाद में पक्षकार गोविंद सिंह की ओर से उच्च न्यायालय में आपत्ति दर्ज कराते हुए अपील की गई थी. लेकिन उच्च न्यायालय ने भी उस अपील को ख़ारिज करते हुए इस भूमि का सीमांकन कराने के आदेश दिए हैं. इसी संबंध में संबंधित सर्वे नंबर की नाप जोख की गई है.'' उन्होंने कहा कि ''यह प्रकरण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का है तो नाप जोख भी किया जा रहा है. कार्रवाई पूरी होने के बाद ये देखा जाएगा कि किन किन लोगों के मकान सरकारी भूमि के अंतर्गत आ रहे हैं. रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और जिनके भी मकान शासकीय भूमि के अंतर्गत आएंगे उनके बारे में आगे जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. आगे अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जो प्रक्रिया होगी उसे पूर्ण किया जाएगा.''