ग्वालियर। जिले के जनकगंज थाने में फल का ठेला लगाने वाले को चोरी के शक में पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया. पुलिस वालों ने हाथ-पैर बांधकर उसे बेल्ट से पीटा और ऐसा उसके साथ तीन दिन तक किया गया. उसके साथ हवालात में जमकर मारपीट की गई. जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल में भर्ती कराया तो मामला सामने आया.
चोरी के मामले में व्यापारी को हिरासत में लिया था
असल में तीन दिन पहले 23 मई को पुलिस ने हल्का व्यापार करने वाले अवधेश खटीक को चोरी के एक मामले में संदिग्ध होने पर हिरासत में लिया और उससे पूछताछ के दौरान तीन दिन तक उसके साथ जमकर मारपीट की. शनिवार देर शाम जब पीड़ित व्यापारी की हालत बिगड़ने पर परिजन थाने में जमा हो गए, तो इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
परिजन ने लगाये पुलिस पर आरोप
परिजन का कहना है कि," पुलिसकर्मी चोरी का झूठा आरोप लगा रहे हैं. तीन दिन पहले चार पुलिसवाले उसे पकड़कर ले गए थे. किसी चोरी के बारे में पूछताछ की, जिसके बाद जनकगंज थाने के हवालात में बंद कर बेरहमी से पीटा गया है. अवधेश के होंठ तक सूजे हुए हैं". परिजन का कहना है कि अगर पुलिस के पास चोरी के मामले में कबाड़ी का माल बेचने का बयान दिया गया था, तो अवधेश खटीक की तीन दिन में भी गिरफ्तारी क्यों नहीं दर्शायी गई."
घबराये परिजन ने की एसपी से मुलाकात
जब तीन दिन तक पुलिस ने अवधेश की न तो गिरफ्तारी दिखाई और न ही मिलने दिया तो इस पर परिजन घबरा गए और ग्वालियर एसपी से गुहार लगायी. तो एसपी धर्मवीर सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए. इसी बीच पुलिस के वाहन से अवधेश को अस्पताल पहुंचाया गया.
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तीन आरक्षकों को किया निलंबित
एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि इस मामले में ग्वालियर सीएसपी को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच पूरी होने तक हवलदार शैलेंद्र दीक्षित, आरक्षक मुरारी और बनवारी शर्मा को निलंबित कर दिया गया है.