ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर खिलाड़ी सत्येंद्र सिंह लोहिया को पद्मश्री सम्मान मिलने जा रहा है. उन्हें यह सम्मान खेल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को लेकर दिया जायेगा. अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं और वह वर्तमान में इंदौर में जीएसटी विभाग में पदस्थ हैं. सत्येंद्र सिंह ने 2007 में तैराकी शुरू की थी इसके बाद से अब तक 7 नेशनल और 3 इंटरनेशनल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके हैं और अब तक नेशनल में करीब 20 मेडल जीते हैं, जिसमें 5 गोल्ड मेडल शामिल हैं.
एशिया के पहले इंग्लिश चैनल पार करने वाले दिव्यांग
पैरा स्विमर सत्येंद्र के दोनों पैर खराब होने के बाद भी वह एशिया के पहले इंग्लिश चैनल पार करने वाले पहले दिव्यांग बने. 24 जून 2018 को लंदन में स्विमर सत्येंद्र लोहिया ने 12 घंटे 26 मिनिट में 36 किलोमीटर का इंग्लिश चैनल पार कर लिया था. सतेंद्र ने यह सफलता अपने तीन साथियों के साथ हासिल की थी. बंगाल के रीमो शाह, महाराष्ट्र से चैतन राउत और राजस्थान के जगदीश सांद्र के साथ तैराकी की. सतेंद्र इंग्लिश चैनल पार करने बाला एशिया का पहला पैरा स्विमर का ख़िताब हासिल किया है.
ठंडे पानी में खरीब 15 घंटे रहने का रिकॉर्ड
इसके अलावा इंग्लिश चैनल रिले पार करने के बाद उन्होंने 2019 में यूएसए में कैटालीना चैनल पाकर दूसरी बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. उन्होंने 11 घंटे 34 मिनट के समय के साथ कैटलिना चैनल को सफलतापूर्वक पार करने के साथ-साथ एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया. उसके बाद साल 2022 में सत्येंद्र सिंह लोहिया ने 36 किलोमीटर के नॉर्थ चैनल को 12 डिग्री तापमान के बीच ठंडे पानी में 14 घंटे 39 मिनट तरकर इस पर कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने बताया कि एशिया की यह पहली टीम है जिसने ठंडा नॉर्थ चैनल को पार किया है नॉर्थ चैनल का पानी इंग्लिश चैनल से भी ज्यादा ठंड है.
देश के लिए 24 पदक हासिल किए
इंटरनेशनल पर स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया निषाद नेशनल पैरा स्विमर चैंपियनशिप में भाग लेकर देश के लिए 24 पदक हासिल किए हैं. जिसके बाद 2020 में राष्ट्रपति द्वारा उन्हें तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सत्येंद्र के मुताबिक वह भारत के पहले दिव्यांग खिलाड़ी हैं जिन्हें यह सम्मान मिला था. इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुलाकर सम्मानित किया था. 2014 में मध्य प्रदेश का विक्रम अवार्ड मिलने के बाद उन्हें शासकीय सेवा में वाणिज्य कर विभाग में 2016 में पदस्थ किया गया था, वो फिलहाल इंदौर में कार्यरत हैं. नौकरी में रहने के बावजूद भी वह एक के बाद एक नए रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं.