ग्वालियर। प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने नई शिक्षा नीति की वकालत करते हुए कहा है कि ''यह प्रधानमंत्री का सपना है. उनकी सोच है कि नई शिक्षा नीति से हमारे नौनिहाल श्रेष्ठ भारत का निर्माण करने में सफल हों.'' स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि ''इस समय विभाग का ध्यान हाई स्कूल हाई सैकेण्डरी परीक्षाओं पर है. यह परीक्षाएं व्यवस्थित ढंग से चलें और हम अपने बच्चों के भविष्य को गढ़ने में सफल हों, फिलहाल यही विभाग और उनकी प्राथमिकता है.''
पीएम मोदी का माना आभार
भारत रत्न को लेकर हो रही राजनीति के सवाल पर उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ''इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से स्वागत करते हैं. क्योंकि उन्होंने भारत रत्न के लिए ऐसे लोगों को चुना है जिन्होंने भारत की व्यवस्था को परिवर्तित करने का काम किया है. भारत रत्न में शामिल किए गए लोगों के जीवन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे, इस सवाल पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिस पर भविष्य में विचार किया जाएगा.''
नगर निगम कर्मचारी पर धोखाधड़ी का केस
ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने नगर निगम के कर्मचारी उदयराज मैना के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच नगर निगम के कर्मचारी उदयराज मैना ने 14 लोगों से तीन-तीन लाख रुपए हड़प लिए थे और उन्हें बताया था कि उनके आवासों का आवंटन विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के महलगांव में हो गया है. यह राजीव आवास लाल मल्टी महलगांव में स्थित है. खास बात यह है कि मल्टी में फ्लैट लेने वाले लोग वहां रहने भी पहुंच गए जबकि मल्टी आधी अधूरी बनी हुई थी. नगर निगम से विधिवत इन आवासों का आवंटन नहीं हुआ था. बाद में जब नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को पता चला कि कुछ लोग नियम विरुद्ध तरीके से सरकारी मल्टी में रहने पहुंच गए हैं तब उन्हें पुलिस की मदद से बेदखल कराया गया.
42 लाख रुपये का किया घोटाला
जब नगर निगम के अधिकारियों को पता चला कि उनके ही कर्मचारी उदयराज ने इन लोगों को गलत तरीके से कागजातों की कूट रचना कर आवास आवंटित किए हैं. तब उन्होंने अपने कर्मचारी के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में विश्वविद्यालय पुलिस ने निगम कर्मचारी उदय राज मैना के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल निगम कर्मचारी की धोखाधड़ी के इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. यह कुल मिलाकर 42 लाख रुपये का घोटाला बताया गया है.