ग्वालियर। बिजली कंपनी के अफसरों की लापरवाही ने एक आउटसोर्स कर्मचारी की जान ले ली. यह आउटसोर्स कर्मचारी एक रिसॉर्ट के परिसर में बने ट्रांसफार्मर पर काम करने के लिए सिर्फ एक हाथ में ग्लब्स पहनकर चढ़ा था. उसने नियमानुसार आधा घंटे का परमिट भी बिजली कंपनी के अफसरों से हासिल किया था, लेकिन अचानक बिजली की सप्लाई चालू होने से वह करंट की चपेट में आ गया. जिससे उसकी मौत हो गई.
रिसोर्ट संचालक पर मामला दर्ज
आउट सोर्स कर्मचारी नरेंद्र सिंह गुर्जर ट्रांसफार्मर पर चढ़कर तार बांधने की तैयारी कर ही रहा था. तभी अचानक पावर सप्लाई शुरू हो गई. जिससे उसे तेज करंट का झटका लगा और वह गिरने ही वाला था कि उसकी शर्ट का एक हिस्सा ट्रांसफार्मर इंसुलेटर के बीच में उलझ गया. जिससे वह तेज करंट लगने के बाद नीचे नहीं गिरा बल्कि वहीं करंट में झुलसता रहा और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. 30 मिनट के परमिट पर 5 मिनट बाद ही पावर सप्लाई शुरू कर दी गई. रिसोर्ट के संचालक केके अग्रवाल के खिलाफ 304 ए का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
ट्रांसफार्मर से दो घंटे बाद उतारा गया शव
बिजली कंपनी के अफसरों को जब हादसे का पता लगा तो उन्होंने आनन फानन में लाइन से पावर कट कराया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. दो घंटे बाद नरेंद्र सिंह गुर्जर के शव को ट्रांसफार्मर से उतारा गया. बिजली कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ आम लोगों के आक्रोश को देखते हुए किसी भी अधिकारी ने वहां आने की जहमत नहीं उठाई. पुलिस ने दमकल की मदद से नरेंद्र सिंह गुर्जर के शव को ट्रांसफार्मर से उतरवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
नहीं पहन रखे थे सुरक्षा उपकरण
बता दें कि जुलाई में नरेंद्र सिंह गुर्जर की शादी होने वाली थी. घर के लोग शादी की तैयारियों में जुटे थे. नरेंद्र पिछले आठ सालों से बिजली कंपनी में काम कर रहा था. पहले वह ठेके पर काम करता था. बाद में उसे आउटसोर्स कर्मचारी बना दिया गया. इस मामले में लापरवाही के कई बिंदु सामने आ रहे हैं. लाइनमैन को दिए जाने वाले जूते दोनों हाथों के ग्लव्स कमर में बेल्ट हेलमेट आदि भी नहीं था. नरेंद्र सिंह की मौत के बाद ग्रामीणों ने शिवपुरी लिंक रोड पर जाम लगा दिया. रात को यह जाम खोला गया.