ग्वालियर। आप वाहन मालिक हैं और वाहन चलाएं बिना ही आपको चालान मिलने लगे तो सोचिए यह बात कितनी अचंभित करने वाली होगी. उस पर भी न तो यातायात विभाग गलत हो और न ही वाहन मालिक तो यह बात और भी अजीब लगती है. लेकिन यह चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में सामने आया है, जहां एक जज के घर उनकी गाड़ी के एक नहीं बल्कि कई चालान पहुंचे. जबकि जज साहब की गाड़ी उनके घर से निकली ही नहीं. क्योंकि यहां एक शख्स फर्जी नंबर प्लेट के जरिए वाहन चलाए जा रहा था. Challans Reached Judge's House
पत्नी के नाम से रजिस्टर थी स्कूटी
असल में यह पूरा मामला एक फर्जी नंबर प्लेट की वजह से सुर्खियों में आया. ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि ''ग्वालियर के रहने वाले एक न्यायाधीश जो जिले से बाहर पदस्थ हैं उनकी पत्नी के नाम से एक स्कूटी घर में इस्तेमाल होती है. लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार उनके घर रेड सिग्नल तोड़ने के ऑटो जेनरेटेड इलेक्ट्रॉनिक चालान पहुंच रहे थे. जबकि उनकी गाड़ी घर में ही रखी हुई थी और उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा था. ऐसे में परेशान होकर इस संबंध में उन्होंने ग्वालियर साइबर क्राइम को एक शिकायत की.''
फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रहा था युवक
साइबर क्राइम में जज की शिकायत मिलने पर साइबर सेल टीम पूरे मामले की पड़ताल में जुड़ गई. इसके बाद 2 दिन के अंदर ही पुलिस ने उस आरोपी को पकड़ लिया, जिसकी स्कूटी पर जज साहब की पत्नी के नाम से रजिस्टर्ड गाड़ी का नंबर प्लेट लगा हुआ था. जब आरोपी युवक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि ''उसने यह स्कूटी अपने एक पहचान वाले को ₹25000 देने के बदले में गिरवी रखी थी और उसे यह पता ना चले कि उसकी स्कूटी इस्तेमाल हो रही है इसके लिए उसने एक फर्जी नंबर प्लेट लगा ली थी.''
फर्जी थी नंबर प्लेट इसलिये बेझिझक तोड़े सिग्नल
फर्जी नंबर प्लेट होने की वजह से आरोपी युवक यातायात नियमों का सरेआम उल्लंघन कर रहा था. लगातार रेड सिग्नल जंप कर रहा था और सिग्नल तोड़ने पर जारी होने वाला ई-चालान जज साहब के घर पहुंच रहा था. पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक के ऊपर भारतीय न्याय संहिता और यातायात नियमों के तहत मामला दर्ज कर लिया है.