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जीवाजी यूनिवर्सिटी में NSUI ने 2 घंटे तक मचाया गदर, आखिर टारगेट पर कुलपति क्यों? - JIWAJI UNIVERSITY NSUI HUNGAMA

ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय हंगामे के लिए कुख्यात होने लगा है. कुलपति को टारगेट कर एनएसयूआई ने फिर बवाल काटा.

Jiwaji University NSUI Hungama
जीवाजी यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई ने किया बवाल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 1:08 PM IST

ग्वालियर : मुरैना के शिवशक्ति कॉलेज का फर्ज़ीवाड़ा सामने आने और जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति के ख़िलाफ़ ईओडब्ल्यू द्वारा केस दर्ज करने के बाद मामला गर्म है. गुरुवार को जीवाजी यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई ने कुलपति अविनाश तिवारी की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी. विश्वविद्यालय परिसर में 2 घंटे तक छात्र नेता बवाल करते रहे.

ईओडब्ल्यू द्वारा केस दर्ज करने के बाद एनएसयूआई आक्रामक

बत दें कि पिछले दिनों जीवाजी विश्विद्यालय की निरीक्षण समिति के दो दर्जन सदयों के साथ कुलपति के खिलाफ ईओडब्लू ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसके बाद से लगातार कुलपति विवादों में घिरे नज़र आ रहे हैं. एनएसयूआई भी कुलपति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. जीवाजी विश्विद्यालय पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. कुलपति निवास की नेम प्लेट पर कालिख पोती. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ साथ कुलपति के इस्तीफे की मांग की और विरोध में पुतला दहन किया. विश्वविद्यालय की दीवारों को जगह-जगह काले रंग से कुलपति के खिलाफ लिखा.

एनएसयूआई उपाध्यक्ष वंश माहेश्वरी (ETV BHARAT)

कुलपति निवास पर भी नेम प्लेट पर कालिख पोती

गुस्साए छात्र नेताओं ने कुलपति निवास पर नेमप्लेट पर भी कालिख पोती. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे की वजह कुलपति के ख़िलाफ़ फर्ज़ी कॉलेजों को लेकर दर्ज हुई FIR है. आंदोलनकारी छात्रों के मुताबिक़ अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कुलपति के ख़िलाफ़ धारा 52 नहीं लगाई गई. उनसे इस्तीफ़ा नहीं लिया गया, जबकि नैतिकता के आधार पर आरोपी कुलपति को इस्तीफ़ा देना चाहिए. इस मामले की जांच सही करानी है तो कुलपति को इस्तीफा देना ही चाहिए.

जिनके पास भवन नहीं, उन्हें कॉलेज संचालन की अनुमति

एनएसयूआई उपाध्यक्ष वंश माहेश्वरी का कहना है "पिछले एक साल से वे लोग कुलपति को लेकर सवाल उठा रहे हैं. 200 से ज़्यादा ऐसे कॉलेज हैं, जिनकी संबद्धता फ़र्ज़ी तरीक़े से की गई. जिनके पास बिल्डिंग तक नहीं है उन्हें हरी झंडी दी गई. अगर इनमें से कुछ के बाद बिल्डिंग है तो एक ही बिल्डिंग में कई कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनकी भी जांच होनी चाहिए."

ग्वालियर : मुरैना के शिवशक्ति कॉलेज का फर्ज़ीवाड़ा सामने आने और जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति के ख़िलाफ़ ईओडब्ल्यू द्वारा केस दर्ज करने के बाद मामला गर्म है. गुरुवार को जीवाजी यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई ने कुलपति अविनाश तिवारी की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी. विश्वविद्यालय परिसर में 2 घंटे तक छात्र नेता बवाल करते रहे.

ईओडब्ल्यू द्वारा केस दर्ज करने के बाद एनएसयूआई आक्रामक

बत दें कि पिछले दिनों जीवाजी विश्विद्यालय की निरीक्षण समिति के दो दर्जन सदयों के साथ कुलपति के खिलाफ ईओडब्लू ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. इसके बाद से लगातार कुलपति विवादों में घिरे नज़र आ रहे हैं. एनएसयूआई भी कुलपति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. जीवाजी विश्विद्यालय पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. कुलपति निवास की नेम प्लेट पर कालिख पोती. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ साथ कुलपति के इस्तीफे की मांग की और विरोध में पुतला दहन किया. विश्वविद्यालय की दीवारों को जगह-जगह काले रंग से कुलपति के खिलाफ लिखा.

एनएसयूआई उपाध्यक्ष वंश माहेश्वरी (ETV BHARAT)

कुलपति निवास पर भी नेम प्लेट पर कालिख पोती

गुस्साए छात्र नेताओं ने कुलपति निवास पर नेमप्लेट पर भी कालिख पोती. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे की वजह कुलपति के ख़िलाफ़ फर्ज़ी कॉलेजों को लेकर दर्ज हुई FIR है. आंदोलनकारी छात्रों के मुताबिक़ अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कुलपति के ख़िलाफ़ धारा 52 नहीं लगाई गई. उनसे इस्तीफ़ा नहीं लिया गया, जबकि नैतिकता के आधार पर आरोपी कुलपति को इस्तीफ़ा देना चाहिए. इस मामले की जांच सही करानी है तो कुलपति को इस्तीफा देना ही चाहिए.

जिनके पास भवन नहीं, उन्हें कॉलेज संचालन की अनुमति

एनएसयूआई उपाध्यक्ष वंश माहेश्वरी का कहना है "पिछले एक साल से वे लोग कुलपति को लेकर सवाल उठा रहे हैं. 200 से ज़्यादा ऐसे कॉलेज हैं, जिनकी संबद्धता फ़र्ज़ी तरीक़े से की गई. जिनके पास बिल्डिंग तक नहीं है उन्हें हरी झंडी दी गई. अगर इनमें से कुछ के बाद बिल्डिंग है तो एक ही बिल्डिंग में कई कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनकी भी जांच होनी चाहिए."

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