ग्वालियर। समाज में मानव अधिकार हनन के पीड़ितों को न्याय दिलाने अब मानवाधिकार एवं समाजिक न्याय आयोग संस्था हर पीड़ित के घर तक पहुंचेगी और उन्हें न्याय दिलाने का काम करेगी. यह बात ग्वालियर पहुंचे मानवाधिकार एवं समाजिक न्याय आयोग संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्र सिंह तोमर ने कही है.
हर घर शिकायत लेने पहुंचेंगे सदस्य
रवींद्र सिंह तोमर का कहना है कि, "हर घर मानव अधिकार अभियान की शुरुआत की गई है जिसके तहत हम हर घर में जाएंगे और मानव अधिकार हनन के पीड़ितों की शिकायते लेंगे और उन शिकायतों का निवारण करेंगे. इसके लिए वार्ड स्तर, विधानसभा, जिला और संभाग स्तर पर संयोजक और सदस्य बनाये हैं. सभी सदस्यों का यह दायित्व होगा कि वे हर घर में जाकर मानव अधिकार हनन से संबंधित पीड़ितों की शिकायत लेंगे और उनका निवारण मानव अधिकार समजिक न्याय आयोग की टीम करेगी.''
प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान, कलेक्टर से मंगाई लिस्ट
रवींद्र तोमर के मुताबिक, इस समय निजी स्कूलों द्वारा सबसे ज्यादा हनन किया जा रहा है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी स्कूल में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं लेकिन किसी भी स्कूल में ये सीटें नहीं दी जा रही हैं. दिल्ली को छोड़ दिया जाये तो गाजियाबाद और मध्यप्रदेश के ग्वालियर दोनों ही जगह इसी तरह की स्थिति देखने में आई है. इसके संबंध में पीएम ऑफिस में भी हमारे द्वारा शिकायत की गई थी, और इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लेते हुए सीएम ऑफिस ने भी संज्ञान लिया है.
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कलेक्टर से आरटीई के संबंध में मांगी स्कूलों की लिस्ट
शिकायत का यह असर हुआ कि राज्य शिक्षा आयोग ने सभी जिलों के कलेक्टर से पूछा है कि वे एक लिस्ट तैयार कर उपलब्ध करायें. जिसमें इस बात का जिक्र हो कि कितने स्कूलों द्वारा आरटीई (राइट टू एजुकेशन) यानी शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कितनी सीटें दी गई हैं.