ग्वालियर: पूर्व मंत्री गोविंद सिंह को हाईकोर्ट से रिट अपील में भी कोई राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा है. दरअसल भिंड के लहार में मझतोरा चौराहे के पास डॉ. गोविंद सिंह की कोठी है. इस कोठी को लेकर चर्चा है कि यह सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई है. इसे लेकर 15 जुलाई को राजस्व निरीक्षक ने सीमांकन के लिए गोविंद सिंह को नोटिस जारी किया था. संभावित कार्रवाई की आशंका से गोविंद सिंह के बेटे अमित प्रताप ने हाईकोर्ट की एकल पीठ में याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट ने फिर खारिज की पूर्व मंत्री की याचिका
गोविंद सिंह के बेटे अमित प्रताप ने अपना मकान तोड़े जाने की आशंका जताई थी, जबकि हाईकोर्ट का कहना था कि नोटिस में सिर्फ सीमांकन की बात थी. डॉ गोविंद सिंह के परिवार को भी वहां मौजूद रहने को नोटिस में कहा गया था, इसलिए हाईकोर्ट का हस्तक्षेप फिलहाल इस याचिका में नहीं किया जा सकता. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ रिट अपील में अधीनस्थ कोर्ट के आदेश को फिर चुनौती दी गई. इस पर भी डिवीजन बेंच ने डॉ गोविंद सिंह को कोई राहत नहीं दी है. इस बीच उनके मझतोरा चौराहे के पास बनी आलीशान कोठी के पास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
डॉ. गोविंद सिंह पर लगाए गए हैं गंभीर आरोप
दरअसल, स्थानीय भाजपा नेता ने डॉ. गोविंद सिंह पर आरोप लगाया है कि, ''उन्होंने कई साल पहले सरकारी जमीन पर कब्जा किया था, जहां उन्होंने अपनी कोठी का निर्माण किया है.'' कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने भिंड जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक अंबरीश शर्मा पर आरोप लगाया है कि सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और उनका मकान तोड़ने पर आमादा है. जो भी जगह ली गई है वह विधिवत मूल्य चुकाकर उनके द्वारा खरीदी गई है, यदि किसी भी तरह का इसमें गोलमाल निकलता है तो जिला प्रशासन उन्हें नोटिस देकर कार्रवाई कर सकता है.'' इधर लहार को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. डॉ. गोविंद सिंह ने भिंड कलेक्टर और स्थानीय विधायक अंबरीश शर्मा पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.