ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 27 परिवार रातों रात बेघर हो गए, न तो उन्होंने अवैध निर्माण किया न सरकारी जमीन पर घर बनाया फिर भी उन्हें नगर निगम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. हालांकि ये कदम उनकी सुरक्षा के लिहाज़ से उठाया गया है, क्योंकि जिस बिल्डिंग में वे रह रहे थे. देर रात अचानक उस बिल्डिंग का एक पिलर क्रेक हो गया और उसकी वजह से बिल्डिंग गिरने की स्थिति में आ चुकी है. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा या जनहानि होने से बच गई.
मल्टी का अचानक टूटा एक पिलर
ग्वालियर में बीती रात 27 परिवारों के साथ बड़ी घटना होने से टल गई. थाटीपुर की नेहरू कॉलोनी में बनी गोल्डन टॉवर मल्टी का अचानक एक पिलर टूट गया. जब पूरी बिल्डिंग एक ओर झुकने लगी तो दहशत में लोग अंदर से निकल कर सड़क पर आ गए. सूचना मिलने के बाद सभी प्रशासनिक अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरी मल्टी को खाली कराया गया. बताया जा रहा है कि चार मंजिला मल्टी 8 साल पुरानी है. घटना के बाद सभी 27 परिवार सदमे में है और पूरी तरह बेघर हो चुके हैं.
बिल्डिंग को साधने के लिए लगाये जैक
बिल्डिंग और आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि एक-दो दिन से मल्टी में कुछ आवाज आ रही थी. रात में पिलर पर नजर पड़ी तो आरसीसी के साथ लोहे के सरिए तक टूट चुके थे. मल्टी के 301 फ्लैट में दरार बताई गई. जिस जगह पिलर टूटा है, वहां जैक लगाकर बिल्डिंग को साधा गया है. बताया जा रहा है कि यह मल्टी बिल्डर मोहन बांदिल ने बनाई थी. घटना के बाद पुलिस, नगर निगम, रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई थी.
रिश्तेदारों के सहारे 27 परिवार
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक समय के लिए तो ऐसा लगा कि जैसे अब बिल्डिंग गिर ही जाएगी. इसलिए सब कुछ छोड़कर बाहर आ गए. इतना भी समय नहीं मिला कि बना हुआ खाना साथ ला पाते. सभी 27 परिवार अब अपने रिश्तेदारों के यहां समय गुजार रहे हैं. इसमें कई ऐसे हैं जिन्होंने जिंदगी भर एक-एक पाई जोड़कर इस मल्टी में फ्लैट लिया, लेकिन अब उन्हें अपने ही घर में जाने से डर लग रहा है.
सुरक्षित नहीं बिल्डिंग, प्रवेश पर प्रतिबंध
अब इस बिल्डिंग में कोई न जाए, इसके लिए इमारत के दोनों तरफ बैरिकेड लगाकर पुलिस जवान तैनात कर दिए गए हैं. पूरी बिल्डिंग खाली कर ली गई है. निगम इंजीनियर के मुताबिक बिल्डिंग का पिलर फेल हो गया है, क्योंकि पिलर के सरिए सही तरीके से नहीं बंधे थे. आरसीसी का इस्तेमाल ठीक से नहीं किया गया था. मल्टी में कॉलम की संख्या भी कम है, जिससे यह स्थिति बनी है. नगर निगम की ओर से मल्टी में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश न हो और जब तक बिल्डिंग को पूरी तरह सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता है. वहां कोई नहीं रह सकता इसके लिए एक सूचना पत्र भी चस्पा कर दिया गया है.
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बिल्डर को जारी किया गया नोटिस
इस बड़ी घटना को लेकर नगर निगम के अफसर बचते हुए नजर आ रहे हैं. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि "इस मामले में मल्टी बनाने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं बिल्डर को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं."