ग्वालियर। कूनो नेशनल पार्क से निकली मादा चीता वीरा लगातार अपनी लोकेशन बदल रही है. वीरा को ग्वालियर का हरा-भरा जंगल रास आ रहा है. उसे बकरियों का शिकार करने में मजा आ रहा है. अब तक वह 3 बकरियों का शिकार कर चुकी है. मादा चीता वीरा जिले के मोहना फॉरेस्ट रेंज के आसपास लगातार अपना मूवमेंट बनाए हुए हैं. इधर वन अमला लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए है. वन विभाग ने चीते की लोकेशन वाले स्थानों पर ग्रामीणों को अपनी टीम के जरिए अलर्ट किया है.
कूनो की जगह रास आया ग्वालियर का जंगल
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के जंगल से बाहर निकल कर मादा चीता वीरा लगातार अपनी टेरिटरी बदल रही है. उसे मैदानी इलाकों का घास से भरा जंगल बहुत रास आ रहा है. यही वजह है कि मादा चीता वीरा जिले के मोहना फॉरेस्ट रेंज के आसपास लगातार अपना मूवमेंट बनाए हुए है. इससे पहले उसे घाटीगांव के जंगलों में देखा गया था. मादा चीता वीरा अपने शिकार की तलाश में लगातार भटक रही है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वीरा अब तक 3 बकरियों का शिकार कर चुकी है. उसे यहां आसानी से अपना शिकार मिल रहा है. इसलिए वह कूनो अभ्यारण की तरफ वापस नहीं लौट रही है.
पल-पल के मूवमेंट पर नजर
चीता पर नजर रखने कूनो नेशनल पार्क की टीम लगातार जीपीएस के जरिये उसकी लोकेशन पर नजर रखे हुए है. गर्मी के दौरान मादा चीता वीरा के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है.उसके पल पल के मूवमेंट पर वन विभाग की टीम निगरानी बनाए हुए हैं। यह पहली बार है जब कूनो अभ्यारण से निकलकर कोई चीता ग्वालियर के जंगलों में घूम रहा है. फॉरेस्ट अमला अलर्ट मोड पर है. 24 घंटे वन विभाग की टीम चीता की निगरानी में जुटी हुई है. चीता वीरा को वापस कूनो अभ्यारण्य में भेजने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिलहाल तो उसका नया ठिकाना ग्वालियर के जंगल बने हुए हैं.
ये भी पढ़ें: 23 दिन चम्बल के बीहड़ की खाक छानने के बाद पकड़ी गई वीरा, स्पेशल टीम ने किया रेस्क्यू 'वीरा' को रास नहीं आ रहा कूनो पालपुर, भागकर पहुंची ग्वालियर तो मचा तहलका |
ग्रामीणों को किया अलर्ट
वन विभाग का अमला लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए है, जिन क्षेत्रों में मादा चीता वीरा का मूवमेंट ज्यादा दिखाई दे रहा है वहां ग्रामीणों को आगाह किया गया है. जिन ग्रामीणों की बकरियों का शिकार वीरा ने किया है उन किसानों को तत्काल मुआवजा भी दिया गया है. जिले में पहली बार वीरा भंवरपुरा में दिखाई दी थी. इसके बाद भंवरपुरा फिर डबका और अब रेहट में दिखाई दी है.