ग्वालियर। अब तक कई बार आपने फर्जी अफसर बनकर लोगों से आर्थिक ठगी के मामले तो सुने होंगे, लेकिन खुद को सीएम सचिवालय में पदस्थ अधिकारी बताकर सरकारी निविदाओं में सेंध लगाने का मामला ग्वालियर में दर्ज हुआ है. ग्वालियर पुलिस ने सरकारी अफसर बनकर लोगों से ठगी करने वाले आरोपी को हिरासत में लिया है. उसने ग्वालियर की एक फॉर्म को शासकीय टेंडर डालने से भी रोका था. यहां तक की टेंडर का भुगतान रोकने की भी धमकी दी थी. आरोपी ने पीड़ित को भोपाल के होटल में बुलाकर बड़े टेंडर पास करने के नाम पर हिस्सेदारी भी मांगी थी. इससे परेशान पीड़ित में ग्वालियर क्राइम ब्रांच में मामले की शिकायत की और पुलिस ने जांच कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है.
खुद को सीएम सचिवालय में अधिकारी बताता था आरोपी
असल में नगर निगम और नगर पालिकाओं में टेंडर लेने वाली ग्वालियर की एक फर्म एसआर मैप टेक्नोलॉजी में कुछ दिन पहले एक टेंडर में भागीदारी की थी. इसके बाद उन्हें अभिमन्यु नाम के एक व्यक्ति का कॉल आया जिसने खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय का अधिकारी बताते हुए और टेंडर प्रक्रिया में भाग न लेने के लिए कंपनी के संचालक रवि शंकर श्रीवास्तव को धमकी दी. उसने यहां तक कह दिया कि अगर टेंडर ले भी लिया तो भोपाल से वह इनके भुगतान नहीं होने देगा.
टेंडर पास करने के नाम पर मांगी हिस्सेदारी
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि ''कुछ दिन पहले आरोपी ने एक बार फिर ग्वालियर की कंपनी के प्रोपराइटर रविशंकर श्रीवास्तव को कॉल किया और उनसे मुलाकात करने के लिए उन्हें भोपाल बुलाया. जहां एक होटल में दोनों के बीच मीटिंग हुई. इस मीटिंग में आरोपी ने श्रीवास्तव को इस बात की धमकी दी कि अगर उन्हें नगरी प्रशासन विभाग के टेंडर में हिस्सा लेना है तो उसके हिसाब से चलना पड़ेगा. वह ज्यादा बड़े टेंडर नहीं भरेंगे और अगर 50 टन से ऊपर के टेंडर चाहते हैं तो इसके लिए 30% हिस्सेदारी उसे देनी होगी.''
ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने आरोपी को किया गिरफ्तार
इस तरह का ऑफर सुनकर और टेंडर प्रक्रिया से रोके जाने से पीड़ित रवि शंकर श्रीवास्तव परेशान हो गए और उन्होंने सीधा ग्वालियर जाकर क्राइम ब्रांच में पूरे मामले की शिकायत की. जब पुलिस ने सारे रिकॉर्ड मंगा मांगे तो पता चला कि आरोपी का नाम अभिमन्यु नहीं बल्कि मन्नू था, जो इटारसी का रहने वाला है. क्राइम ब्रांच ने सतर्कता दिखाते हुए तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे ग्वालियर न्यायालय में पेश किया गया.
पुलिस को मिला आरोपी की 5 दिन की रिमांड
एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि ''आरोपी के पास से अभिमन्यु नाम के कोई भी दस्तावेज नहीं मिले हैं. न ही उसका सरकारी विभाग में कोई पद है. वह अपने ऊंचे कांटेक्ट का हवाला देकर इस तरह की ठगी करने का प्रयास कर रहा था. फिलहाल पुलिस को उसकी 5 दिन की डिमांड मिली है. जिसमें उससे पूछताछ की जा रही है कि कैसे वह इस तरह से लोगों से धोखाधड़ी करता आया है या इससे पूर्व भी किसी घटना को उसने अंजाम दिया है.''