ग्वालियर। डबरा के रहने वाले अभिषेक शर्मा और उसके बहनोई पंकज शर्मा ने झांसी के रहने वाले एक बेरोजगार युवक अनिल पाल को 15 लाख का चूना लगा दिया. जीजा-साले ने यह धोखाधड़ी. ठगी रेलवे में बुकिंग क्लर्क की नौकरी के नाम पर की. अब पीड़ित युवक अभिषेक सहित उसके बहनोई पंकज शर्मा के चक्कर लगा रहा है, लेकिन ये लोग पैसे वापस नहीं कर रहे और अनिल पाल को धमका रहे हैं. पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
रेलवे में ऊंची पहुंच का हवाला देकर झांसा दिया
डबरा के मगरौरा के रहने वाला अभिषेक शर्मा ग्वालियर के आमखो स्थित श्याम गंगा मेडिकल पर अपने जीजा के साथ काम करता था. वहीं, यूनिवर्सल मेडिकल स्टोर चेतकपुरी पर झांसी का रहने वाला अनिल पाल काम करता था. दोनों की पहचान हो गई. अभिषेक शर्मा ने अनिल को झांसा दिया कि उसकी रेलवे में बड़ी पहचान है और वह उसकी बैक डोर से लिपिक की नौकरी लगवा सकता है. अनिल पाल उसकी बातों में आ गया. उसने करीब ढाई लाख रुपये ऑनलाइन और बाकी पैसे उसके नाका चंद्रबनी गली नंबर 2 में किराए के मकान पर दे दिए.
मेडिकल कराने के बाद नियुक्ति पत्र थमा दिया
खास बात यह है कि अभिषेक शर्मा और उसके जीजा पंकज शर्मा ने एक और लड़के विकास यादव का हवाला देकर अनिल को भरोसा दिला दिया था कि इन लोगों की रेलवे में अच्छी खासी पहचान है. पहले भी कई लोगों को नौकरी मिल चुकी है. इसके बाद अनिल ने अपने झांसी स्थित घर पर बातचीत की. यहां 15 लाख रुपए में सौदा हो गया. ये लोग दिल्ली में अनिल पाल का मेडिकल कराने ले गए. वहीं उसे कुछ कागजात दिए गए. इसके बाद अभिषेक शर्मा के निवास पर बाकी के करीब साढे बारह लाख रुपए भी भुगतान कर दिए गए. इस मौके पर अभिषेक शर्मा के अलावा नितिन तिवारी, विकास यादव, राजेंद्र यादव एवं दीपा शर्मा भी मौजूद थे. इन लोगों ने 25 नवंबर 2023 को पैसे लेने के बाद अगले दिन अनिल को अपने घर बुलाया जहां दीपा शर्मा ने अनिल को साउथ ईस्टर्न रेलवे का अपॉइंटमेंट लेटर दिया.
ट्रेनिंग के लिए झारखंड भेजा, वहां पोल खुल गई
अनिल को इन ठगों ने 28 नवंबर से 30 नवंबर तक घमरिया रेलवे स्टेशन टाटानगर झारखंड में ट्रेनिंग के लिए बुलाया. जहां कमर्शियल क्लर्क ग्रुप सी के विभाग का आईडी कार्ड मेडिकल सर्टिफिकेट उत्तर रेलवे के दस्तावेज ले जाने को बोला गया. अभिषेक शर्मा भी अनिल के साथ झारखंड गया था. जहां पूर्व से मौजूद इन लोगों ने उसे एक स्थान पर ट्रेनिंग सेंटर के नाम पर ले गए. वहां एक सप्ताह तक ट्रेनिंग करने के लिए रखा.
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
जब अनिल को शक हुआ तो वह लौटकर रेलवे कार्यालय में पहुंचा और उसने इन दस्तावेजों की सत्यता पता करने की कोशिश की. रेलवे के अधिकारी ने बताया कि यह सभी दस्तावेज फर्जी हैं. अब 6 महीने से अनिल पाल ठगों अभिषेक शर्मा, पंकज शर्मा, दीपा शर्मा के चक्कर लगा रहा है. परेशान होकर अनिल पाल ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की. इस मामले में सीएसपी अशोक जादौन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.