ग्वालियर। आईआईटी की कोचिंग का सपना देख रहे अर्पित को जब कुछ नहीं सूझा तो किसी की सलाह पर वह अपनी मां को लेकर जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंच गया. घर की माली हालत खराब होने का हवाला देकर मां बेटे आर्थिक मदद के लिए आवेदन लेकर पहुंचे थे. मां का कहना था कि बेटा आईआईटी की परीक्षा पास करना चाहता है लेकिन महंगी कोचिंग होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहा है.
सीईओ ने मौके पर लिया टेस्ट
जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार के सामने जब अर्पित पाल अपनी मां रेनू पाल के साथ पहुंचा और आवेदन के माध्यम से अपनी बात रखी. सीईओ विवेक कुमार को लगा कि लड़का होनहार है तो उन्होंने मौके पर ही अर्पित का टेस्ट लेने की ठानी और कहा कि यदि उनके सवालों के जवाब अर्पित ने सही दे दिए तो वह उसके निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था कर सकते हैं. अर्पित ने 5 में से 4 सवालों को अर्पित ने एकदम सही ढंग से हल कर दिया. यह फिजिक्स और मैथमेटिक्स से जुड़े प्रश्न थे. इसके बाद सीईओ ने वहां मौजूद जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटिहार को बुलाया और अर्पित पाल की निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
अर्पित के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
अर्पित पाल के पिता का एक साल पहले ही देहांत हुआ है अब उसकी मां मोहल्ले के घरों में छोटा-मोटा काम करके लगभग 6000 रुपए कमा पाती है. ऐसे में कोचिंग संस्थानों का भारी भरकम खर्च उठाने में वह असमर्थ थी और वह बेटे की तमन्ना को भी मारना नहीं चाहती थी, इसलिए वह अपने बेटे के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची थी. गोल पहाड़िया इलाके में रहने वाला अर्पित पाल अपनी मां रेनू के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचा था.
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अब अर्पित पूरा कर सकेगा अपना सपना
अर्पित के घर की माली हालत अच्छी न होने के चलते वह जेईई की कोचिंग नहीं कर पा रहा था. ऐसे में प्रशासन से मदद की उम्मीद लेकर अर्पित कलेक्ट्रेट पहुंचा. जहां मदद की गुहार लगाने वाला आवेदन उसने जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार को दिया था.अब निशुल्क कोचिंग का आश्वासन मिलने के बाद छात्र अर्पित बेहद खुश है और उसकी मां भी सीईओ को साधुवाद दे रही है. अर्पित आईआईटी क्रैक करके सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना चाहता है.