जैसलमेर : स्वर्णनगरी में रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा गया. जैसलमेर के आसरी मठ गजरूपसागर मठ व ख्याला मठ सहित विभिन्न जगहों पर दिन भर गुरुओं का सम्मान कर उनसे आशीर्वाद लिया गया. जैसलमेर में गुरु पूर्णिमा को लेकर लोगों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है. लोगों ने अपने गुरु को याद कर व उनसे आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत की. इसके साथ ही जैसलमेर के सभी मठों में रविवार को भक्तों का तांता लगा रहा.
जैसलमेर के 1500 साल से पुराने गजरुप सागर ठिकाना पर गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुए. मठाधीश बाल भारती महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर दिन भर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए. उन्होंने कहा कि गुरु के द्वारा किया गया मार्गदर्शन हमेशा उन्नति का होता है. लोगों द्वारा भले ही मनुष्य को भटकाया जाए, लेकिन गुरु कभी भी अपने शिष्य को गलत मार्ग नहीं दिखाता है.
गुरु-शिष्य परंपरा का परिचायक : भारती महाराज ने कहा कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर भले ही लोग अपने गुरु को याद कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन गुरु कोई अवसर पर याद करने की चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु-शिष्य परंपरा का परिचायक है. यह हमें अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में गुरुओं की उपस्थिति सूर्य के प्रकाश के समान है, जो अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर मन कर्म एवं वचन की एकरूपता के जरिए ज्ञान का बोध कराती है.