धमतरी: सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देवजी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर बुधवार को शहर में नगर कीर्तन और शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें गुरु ग्रंथ साहिबजी की अगुवाई में पंज प्यारों के साथ कीर्तन जत्था शहर में निकला. मकई चौक स्थित गुरुद्वारे से नगर कीर्तन रवाना हुआ, जो गोलबाजार, चमेली चौक, गांधी मैदान, शिव चौक, रत्नाबांधा से होते हुए नगर कीर्तन गुरुद्वारे में संपन्न हुआ. नगर कीर्तन का जगह-जगह व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने फूल बरसाकर स्वागत किया. संगत को प्रसाद स्वरूप मिठाइयों का वितरण किया गया.
गुरु नानक जयंती पर नगर कीर्तन: सिख समाज के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा. इसके पहले सिख समाज में पंज प्यारों की अगुवाई में आकर्षक शोभायात्रा (नगर कीर्तन) निकाली गई. शोभायात्रा में समाजजनों का उत्साह देखते ही बना. शोभायात्रा के दौरान रास्ते भर आतिशबाजी होती रही. प्रथम पंक्ति में समाज के युवा चल रहे थे. दूसरी पंक्ति में समाज प्रमुख थे. तीसरी पंक्ति में एक रथ पर गुरुनानक देव जी की फोटो लगाई गई थी, जिसे आकर्षक फूलों से सजाया गया था.
इसके बाद पंज प्यारे और उनके निशान साथ साथ चल रहे थे. पंज प्यारे और उनके निशान के सम्मान में समाज के बच्चे और युवतियां सड़क की सफाई करते हुए चल रहे थे. अंतिम पंक्ति में समाज की युवतियों व महिलाएं गुरु नानक देव का बखान करते हुए चल रही थी. बैंड बाजे की धुन पर निकली शोभायात्रा का आकर्षण देखते ही बना. शोभायात्रा का विभिन्न स्थानों पर अन्य समाज और संस्थानों ने स्वागत किया. गुरु नानक देव की जयंती पर निकली शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
गुरु गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. गुरु नानक जी का उपदेश था नाम जपो वन छको, उसी उद्देश्य के तहत भाई चारा फैलाया जा रहा है. 15 नवंबर को प्रकाश पर्व है. इससे पहले प्रभात फेरी निकाली जाती है. :ममता खालसा, सिख समाज
धमतरी सिख समाज की तरफ से नगर कीर्तन शोभा यात्रा निकाली जा रही है. पंच प्यारों की अगुवाई में शोभा यात्रा निकाली जा रही है. सेवा करते हुए संगत आगे बढ़ रही है :सिमरन कौर
आज से लगभग साढ़े 500 साल पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ. गुरु नानक ने पूरे संसार में भाई चारा फैलाया, ऊंच नीच का भेद हटाया, लंगर की स्थापनी की. :हरजिंदर सिंह छाबड़ा, सिख समाज
गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व: कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. गुरु नानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की थी. इसलिए उन्हें सिख धर्म के संस्थापक के रूप में सम्मानित किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा और प्रकाश परब के शुभ अवसर पर गुरुद्वारों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है और बेहद खास रौनक देखने को मिलती है. इसके अलावा गुरुवाणी का पाठ और लंगर का आयोजन किया जाता है.