गुना। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 29 सीटों में से 24 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस सूची में मौजूदा 6 सांसदों के टिकट काटे गए हैं वहीं कई पुराने सांसदों को फिर मौका दिया गया है. प्रदेश के दिग्गज नेता भी इस बार लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं,जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल है. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंध्या को उम्मीदवार बनाया है.
चर्चित सीट है गुना-शिवपुरी
गुना-शिवपुरी सीट प्रदेश की चर्चित सीटों में से एक है,क्योंकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से केपी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था,जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगभग एक लाख मतों के अंतर से पराजित किया था. अब जब ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं तो एक बार फिर से उन्हें गुना सीट से उम्मीदवार बनाया गया है और केपी यादव का टिकट काट दिया गया है.
सिंधिया और केपी यादव के बीच तनातनी!
सिंधिया इस हार को कभी भूल नहीं पाए. इसी बात को लेकर केपी यादव और उनके बीच तनातनी हमेशा चलती रही. सिंधिया के कार्यक्रमों में लगने वाले बैनर पोस्टर में ना तो केपी यादव के फोटो होते ना ही उन्हें आमंत्रित किया जाता. जिसको लेकर केपी यादव ने सार्वजनिक टिप्पणियां भी की. इधर सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें ये अहसास जरूर होने लगा था कि पार्टी में धीरे-धीरे उनकी वैल्यू कम होती जा रही है. उन्हें टिकट कटने का डर भी तभी से सताने लगा था वहीं टीका टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं जाने देते थे.
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सिंधिया की जगह केपी यादव ने कर दिया था लोकार्पण
बीते माह हुए एक घटनाक्रम में पासपोर्ट सेवा केंद्र के निरीक्षण के दौरान ही सांसद केपी यादव ने उसका लोकार्पण कर दिया था, जबकि इसका लोकार्पण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को करना था. बाद में ये जनचर्चा का विषय बना और इस मामले में सोशल मीडिया पर कई टिप्पणी की गई. इधर सिंधिया को प्रत्याशी घोषित करते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उनके समर्थकों ने सड़क पर उतरकर आतिशबाजी करते हुए अपनी खुशी का इजहार किया.