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यूपी में ऑनलाइन AI कोर्स सिखाने का बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, 24 घंटे में 46000 महिलाओं को दी गयी ट्रेनिंग - Guinness World Record - GUINNESS WORLD RECORD

जीयूवीआई द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग (Guinness World Record) से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एसएडब्लूआईटी लर्नाथॉन ने 24 घंटे में सबसे अधिक यूजर को ऑनलाइन कोर्स पढ़ाने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 7:41 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार और जीयूवीआई (एचसीएल समूह की कंपनी) के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक कोर्स का आयोजन किया गया. यह कोर्स केवल महिलाओं के लिए था. साउथ एशियन वीमेन इन टेक (एसएडब्लूआईटी) लर्नाथॉन ने 24 घंटे में सबसे अधिक यूजर को ऑनलाइन कोर्स पढ़ाने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

जीयूवीआई द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका आयोजन पायथन (एआई) के क्षेत्र में उभरती महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से किया गया था. इसमें भारत और अन्य देशों से हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया. बीते 21 सितंबर को दोपहर 12 बजे से 22 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक चले इस लर्नाथॉन में 46 हजार से अधिक महिलाओं ने एआई पाठ्यक्रम पूरा किया, जो डिजिटल शिक्षा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. इसे गूगल, एचसीएल टेक जैसी प्रमुख कंपनियों और 319 कॉर्पोरेट कंपनियों और 438 विश्वविद्यालयों के सहयोग से आयोजित किया गया था.


इस पहल का उद्देश्य दक्षिण एशिया की पांच लाख महिलाओं को जनरेटिव एआई में प्रशिक्षित करना है, जो उत्तर प्रदेश सरकार के लखनऊ को एआई इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है. यह साझेदारी महिलाओं को उन्नत तकनीकी कौशल प्रदान करके उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाती है और उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान करती है. यह लर्नाथॉन 30 सितंबर 2024 तक जारी रहेगा और इसका अगला चरण अक्टूबर, 2024 में आयोजित किया जाएगा, जिससे और भी महिलाएं निःशुल्क पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकेंगी.

उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने कहा कि एसएडब्लूआईटी की यह पहल तकनीकी क्षेत्र में विविधता लाने के हमारे संकल्प को दर्शाती है. महिलाओं को आवश्यक जनरेटिव एआई कौशल प्रदान करके, हम एआई के भविष्य को आकार दे रहे हैं. साथ ही यह सुनिश्चित भी कर रहे हैं कि यह तकनीक अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वात्मक हो. उत्तर प्रदेश सरकार इस परिवर्तनकारी प्रयास का समर्थन करते हुए गर्व महसूस कर रही है, जो हमारे राज्य की तकनीकी नवाचार और स्टेम शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका को और सुदृढ़ करता है.

एचसीएल टेक की चेयरपर्सन रोशनी नाडर मल्होत्रा ने कहा कि जनरेटिव एआई एक महत्वपूर्ण उपकरण बनता जा रहा है और यह आवश्यक है कि शैक्षिक संस्थान इसे अपनाए. जैसे उन्होंने अतीत में अन्य तकनीकी प्रगति को अपनाया. जनरेटिव एआई न केवल सीखने के परिणामों को आकार देगा, बल्कि आकलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह स्टेम क्षेत्रों में अधिक महिलाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा.

यह भी पढ़ें : लखनऊ के उज्जवल ने बीएससी की पढ़ाई छोड़कर BFA चुना, 5 वर्ल्ड रिकाॅर्ड अपने नाम किए - Bachelor of Visual Arts student

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार और जीयूवीआई (एचसीएल समूह की कंपनी) के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक कोर्स का आयोजन किया गया. यह कोर्स केवल महिलाओं के लिए था. साउथ एशियन वीमेन इन टेक (एसएडब्लूआईटी) लर्नाथॉन ने 24 घंटे में सबसे अधिक यूजर को ऑनलाइन कोर्स पढ़ाने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

जीयूवीआई द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका आयोजन पायथन (एआई) के क्षेत्र में उभरती महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से किया गया था. इसमें भारत और अन्य देशों से हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया. बीते 21 सितंबर को दोपहर 12 बजे से 22 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक चले इस लर्नाथॉन में 46 हजार से अधिक महिलाओं ने एआई पाठ्यक्रम पूरा किया, जो डिजिटल शिक्षा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. इसे गूगल, एचसीएल टेक जैसी प्रमुख कंपनियों और 319 कॉर्पोरेट कंपनियों और 438 विश्वविद्यालयों के सहयोग से आयोजित किया गया था.


इस पहल का उद्देश्य दक्षिण एशिया की पांच लाख महिलाओं को जनरेटिव एआई में प्रशिक्षित करना है, जो उत्तर प्रदेश सरकार के लखनऊ को एआई इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनाने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है. यह साझेदारी महिलाओं को उन्नत तकनीकी कौशल प्रदान करके उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाती है और उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान करती है. यह लर्नाथॉन 30 सितंबर 2024 तक जारी रहेगा और इसका अगला चरण अक्टूबर, 2024 में आयोजित किया जाएगा, जिससे और भी महिलाएं निःशुल्क पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकेंगी.

उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने कहा कि एसएडब्लूआईटी की यह पहल तकनीकी क्षेत्र में विविधता लाने के हमारे संकल्प को दर्शाती है. महिलाओं को आवश्यक जनरेटिव एआई कौशल प्रदान करके, हम एआई के भविष्य को आकार दे रहे हैं. साथ ही यह सुनिश्चित भी कर रहे हैं कि यह तकनीक अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वात्मक हो. उत्तर प्रदेश सरकार इस परिवर्तनकारी प्रयास का समर्थन करते हुए गर्व महसूस कर रही है, जो हमारे राज्य की तकनीकी नवाचार और स्टेम शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका को और सुदृढ़ करता है.

एचसीएल टेक की चेयरपर्सन रोशनी नाडर मल्होत्रा ने कहा कि जनरेटिव एआई एक महत्वपूर्ण उपकरण बनता जा रहा है और यह आवश्यक है कि शैक्षिक संस्थान इसे अपनाए. जैसे उन्होंने अतीत में अन्य तकनीकी प्रगति को अपनाया. जनरेटिव एआई न केवल सीखने के परिणामों को आकार देगा, बल्कि आकलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह स्टेम क्षेत्रों में अधिक महिलाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा.

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