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प्रशासनिक सुधार में सरकार का बड़ा कदम, 3 साल से एक जगह पर जमे अधिकारियों और अफसरों की बनेगी सूची

भजनलाल सरकार प्रदेश में सरकारी कामकाज को सुधारने की दिशा में लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यसचिव सुंधाश पंत की ओर से सभी विभागों और जिला कलेक्टर को 3 साल से अधिक एक जगह पर जमे अधिकारियों और कार्मिकों की सूची बनाने के निर्देश दिए.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2024, 11:03 PM IST

जयपुर. प्रदेश के सरकारी तंत्र को लेकर बनी इमेज को बदलने को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो दिन पहले सभी विभागों के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए. सीएम के निर्देश के बाद मुख्यसचिव सुधांश पंत एक्शन में हैं. विभागों और कार्यालयों के औचक निरीक्षण के बाद अब एक जगह जमे अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन शुरू कर दिया है. सीएस सुधांश पंत ने कलेक्टर्स को लंबे समय से एक जगह जमे अफसरों-कर्मियों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी विभागों के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है.

प्रशासनिक सुधार की दिशा में सीएस का बड़ा कदम : मुख्यसचिव सुधांश पंत ने वीसी के जरिए हो रही बैठकों में लगातार सभी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टर्स को उन अधिकारियों और कमर्चारियों को सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, जो लंबे समय से एक जगह जमे हुए हैं. अब CS के निर्देशानुसार जिलास्तर पर कलेक्टर और हर विभाग की ओर से सूची बनाई जाएगी, जिसके आधार पर लगातार एक जगह 3 साल या ज्यादा समय तक जो अधिकारी, कर्मी जमे हुए हैं, उनका तबादला किया जाएगा. इसके साथ ही सचिवालय या अन्य विभागों में जो कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर या व्यवस्था के आधार पर लगे हैं उन्हें भी अलग से सूची बनाकर चिह्नित करने और मूल विभाग में भेजने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही रिटायरमेंट के बाद अधिकारी या कर्मी की पुनर्नियुक्ति को कम से कम करने पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

पढे़ं. पेपर लीक पर सख्त कानून का बिल, राज्य के बाद अब केंद्र के रुख से उम्मीदें

नई गाइडलाइन : प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से राजकीय कार्यालयों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, बोर्ड, निगम व राजकीय सेवा प्रदायगी संस्थाओं में सुशासन के उच्चत्तम मानक विकसित करने और प्रशासनिक सुधार के लिए गाइडलाइन जारी की है.

  1. समस्त राजकीय कार्यालयों में समय की पाबन्दी सुनिश्चित होनी चाहिए.
  2. कार्यालयों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. अनुपयोगी सामान,पत्रावलियों का निस्तारण कराया जाए. आगन्तुकों के लिए स्वच्छ जल और बैठने की व्यवस्था सुलभ होनी चाहिए.
  3. कार्यालयों में पत्रावलियों, पत्रों, सूचना के अधिकार के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन, सम्पर्क पोर्टल की परिवेदनाओं का गुणवत्तापूर्वक समयबद्ध निस्तारण किया जाए. महत्वपूर्ण कार्यों के सम्पादन की समय-सीमा निर्धारित की जाए और निर्धारित समय-सीमा में कार्यों का सम्पादन सुनिश्चित किया जाए.
  4. आमजन की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की जाए.
  5. प्रत्येक विभाग अपने उदेश्यों , लक्ष्यों के परीपेक्ष्य में Key Performance Indicator (KPI) निर्धारित कर नियमित पर्यवेक्षण व समीक्षा करें.
  6. अधीनस्थ कार्यालयों के महत्वपूर्ण कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण किया जाए.
  7. संचालित योजनाओं, परियोजनाओं और जन सेवा प्रदायगी कार्यों के संपादन में नवाचार को प्रमुखता दी जाए.
  8. आगन्तुकों, आमजन के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार किया जाए, शिष्टाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए.
  9. राजकार्य के त्वरित निस्तारण के लिए संचार प्रौद्योगिकी तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए.
  10. जिन अधिकारियों,कर्मचारियों की ओर से राजकार्य संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं समयबद्ध प्रक्रिया से सम्पादित किया जाता है, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए.
  11. राजकायों के उत्कृष्ट निस्तारण के लिए आमजन की राय भी प्राप्त की जानी चाहिए. विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं के संचालन के लिए संवाद करें.

जयपुर. प्रदेश के सरकारी तंत्र को लेकर बनी इमेज को बदलने को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो दिन पहले सभी विभागों के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए. सीएम के निर्देश के बाद मुख्यसचिव सुधांश पंत एक्शन में हैं. विभागों और कार्यालयों के औचक निरीक्षण के बाद अब एक जगह जमे अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन शुरू कर दिया है. सीएस सुधांश पंत ने कलेक्टर्स को लंबे समय से एक जगह जमे अफसरों-कर्मियों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी विभागों के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है.

प्रशासनिक सुधार की दिशा में सीएस का बड़ा कदम : मुख्यसचिव सुधांश पंत ने वीसी के जरिए हो रही बैठकों में लगातार सभी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टर्स को उन अधिकारियों और कमर्चारियों को सूची बनाने के निर्देश दिए हैं, जो लंबे समय से एक जगह जमे हुए हैं. अब CS के निर्देशानुसार जिलास्तर पर कलेक्टर और हर विभाग की ओर से सूची बनाई जाएगी, जिसके आधार पर लगातार एक जगह 3 साल या ज्यादा समय तक जो अधिकारी, कर्मी जमे हुए हैं, उनका तबादला किया जाएगा. इसके साथ ही सचिवालय या अन्य विभागों में जो कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर या व्यवस्था के आधार पर लगे हैं उन्हें भी अलग से सूची बनाकर चिह्नित करने और मूल विभाग में भेजने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही रिटायरमेंट के बाद अधिकारी या कर्मी की पुनर्नियुक्ति को कम से कम करने पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

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नई गाइडलाइन : प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से राजकीय कार्यालयों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, बोर्ड, निगम व राजकीय सेवा प्रदायगी संस्थाओं में सुशासन के उच्चत्तम मानक विकसित करने और प्रशासनिक सुधार के लिए गाइडलाइन जारी की है.

  1. समस्त राजकीय कार्यालयों में समय की पाबन्दी सुनिश्चित होनी चाहिए.
  2. कार्यालयों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. अनुपयोगी सामान,पत्रावलियों का निस्तारण कराया जाए. आगन्तुकों के लिए स्वच्छ जल और बैठने की व्यवस्था सुलभ होनी चाहिए.
  3. कार्यालयों में पत्रावलियों, पत्रों, सूचना के अधिकार के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन, सम्पर्क पोर्टल की परिवेदनाओं का गुणवत्तापूर्वक समयबद्ध निस्तारण किया जाए. महत्वपूर्ण कार्यों के सम्पादन की समय-सीमा निर्धारित की जाए और निर्धारित समय-सीमा में कार्यों का सम्पादन सुनिश्चित किया जाए.
  4. आमजन की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की जाए.
  5. प्रत्येक विभाग अपने उदेश्यों , लक्ष्यों के परीपेक्ष्य में Key Performance Indicator (KPI) निर्धारित कर नियमित पर्यवेक्षण व समीक्षा करें.
  6. अधीनस्थ कार्यालयों के महत्वपूर्ण कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण किया जाए.
  7. संचालित योजनाओं, परियोजनाओं और जन सेवा प्रदायगी कार्यों के संपादन में नवाचार को प्रमुखता दी जाए.
  8. आगन्तुकों, आमजन के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार किया जाए, शिष्टाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए.
  9. राजकार्य के त्वरित निस्तारण के लिए संचार प्रौद्योगिकी तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए.
  10. जिन अधिकारियों,कर्मचारियों की ओर से राजकार्य संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं समयबद्ध प्रक्रिया से सम्पादित किया जाता है, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए.
  11. राजकायों के उत्कृष्ट निस्तारण के लिए आमजन की राय भी प्राप्त की जानी चाहिए. विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं के संचालन के लिए संवाद करें.
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