देहरादून: राजधानी देहरादून में GST डिपार्मेंट ने देहरादून के एक बड़े आयरन स्क्रैप व्यापारी यानी लोहे का काम करने वाले कबाड़ी के गोदाम पर छापेमारी की है. इस दौरान जीएसटी के अधिकारियों ने पाया कि स्क्रैप व्यापारी ने तकरीबन 6 करोड़ के टैक्स की चोरी की है. जिसके बाद अधिकारियों ने व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मौके से ही डेढ़ करोड़ की टैक्स वसूली भी की है.
दरअसल, जीएसटी डिपार्मेंट की एनफोर्समेंट विंग ने देहरादून के आईएसबीटी मौजूद लोहा स्क्रैप व्यापारी के गोदाम पर छापेमारी की. जिसमें पाया गया कि स्क्रैप व्यापारी भारी मात्रा में आयरन स्क्रैप पंजाब भेज रहा है. इस पर दिए जाने वाले टैक्स को व्यापारी द्वारा यूपी से खरीदे गए फर्जी स्क्रैप बिल दिखाकर रीइंबर्स किया जा रहा है.
टैक्स विभाग के अधिकारियों ने पाया लोहा स्क्रैप व्यापारी यूपी से कबाड़ खरीदे के फर्जी बिल लगा रहा है जबकि सच ये है कि देहरादून का यह स्क्रैप व्यापारी देहरादून के ही लोकल छोटे कबाड़ियों से लोहा स्क्रैप इकट्ठा कर पंजाब भेज रहा था. देहरादून के जीएसटी एनफोर्समेंट अधिकारी श्याम तिरुवा ने बताया मौके पर जाकर इस स्क्रैप व्यापारी के गोदाम और ऑफिसों में छापेमारी की गई. जहां पर दस्तावेजों को खंगालते हुए पाया गया कि इस व्यापारी ने अभी तक तकरीबन 6 करोड़ की टैक्स चोरी की है.
जीएसटी अधिकारी श्याम तिरुवा ने बताया स्क्रैप व्यापारी देहरादून और उत्तराखंड के ही छोटे-छोटे कबाड़ियों द्वारा बिना किसी बिल के लोहा स्क्रैप इकट्ठा करता है, जिसका कोई बिल नहीं है. आगे वो इसे पंजाब को सप्लाई करता है. टैक्स भुगतान से बचने के लिए यह उत्तर प्रदेश से केवल फर्जी बिल खरीदता है. इन बिलों के एवज में पंजाब को जाने वाले स्क्रैप के टैक्स को रीइंबर्स कर टैक्स चोरी करता है. छापेमारी में जीएसटी डिपार्मेंट के एनफोर्समेंट अधिकारियों ने व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मौके से ही डेढ़ करोड़ की टैक्स वसूली भी की है.
मोबाइल स्क्वाड ने एक महीने में पकड़े 1.70 करोड़ रुपए: पूरे प्रदेश में गुड्स क्रय विक्रय पर नजर रखने के लिए मोबाइल एस्कॉर्ट टीम है. ये टीम एक जगह से दूसरी जगह पर जाने वाले गुड्स पर पैनी नजर रखती है. जीएसटी विभाग के अधिकारी ने बताया पूरे प्रदेश भर में 11 मोबाइल टीमें काम कर रही हैं. इसमें से सबसे ज्यादा सक्रिय देहरादून के आशारोड़ी चेक पोस्ट टीम है. जीएसटी परिवर्तन अधिकारी श्याम तिर्वा ने बताया देहरादून और विकासनगर की दोनों मोबाइल टीमों ने केवल फरवरी में 1 करोड़ 70 लाख रुपए जमा करवाए है. ये पैसे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नियमों के विरुद्ध गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन में पकड़े गए हैं.