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श्रीनगर में घर की छत पर उगाए फल और सब्जियां, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें रूफ गार्डनिंग

यदि आप भी घर पर उगाए गए ऑर्गेनिक फल और सब्जियां खाना चाहते हैं तो रूफ गार्डनिंग आपके लिए बेस्ट है.

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रूफ गार्डनिंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 18 hours ago

Updated : 17 hours ago

श्रीनगर: उत्तराखंड तेजी से बदल रहा है. प्रदेश में जिस रफ्तार के साथ शहरीकरण हो रहा है, उसका असर खेती-बाड़ी पर भी पड़ रहा है. ऐसे में अब नई-नई तकनीकों की मदद से लोग घर पर फल और सब्जी उगा रहे हैं. आज आपको भी ऐसी ही एक तकनीक के बारे में बताते हैं, जिसके जरिए अपने घर पर बहुत कम जगह पर ताजे फल और सब्जियां उगा सकते हैं. यदि आपके पास जमीन भी नहीं है, तो छत पर भी आसानी से सब्जियों की खेती कर सकते हैं.

शहरों में आजकल रूफ गार्डनिंग का चलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि बड़े शहरों में लोगों के पास जमीन नहीं होती है. हर किसी को ऑर्गेनिक सब्जियां खानी होती हैं. इसके लिए रूफ गार्डनिंग सबसे बेहतर विकल्प है. रूफ गार्डनिंग के जरिए गार्डन नहीं होने के बावजूद भी घर पर ऑर्गेनिक सब्जियां और फल उगाये जा सकते हैं.

घर की छत पर उगाएं ऑर्गेनिक सब्जियां और फल (ETV Bharat)

गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. तेजपाल बिष्ट ने ईटीवी भारत को बताया कि शहरीकरण का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों के पास किचन गार्डन तक की जगह नहीं है. इसीलिये ऑर्गेनिक फल और सब्जियां घर पर उगाने के लिए रूफ गार्डनिंग का सहारा ले रहे हैं.

गमलों में डालने से पहले मिट्टी को कुछ दिनों तक खुले में छोड़ दे: डॉ. बिष्ट बताते हैं कि रूफ गार्डनिंग के लिए ग्रो-बैग और गमलों के जरिये रूफ गार्डनिंग शुरू की जा सकती है. मिट्टी को गमलों या ग्रो-बैग में डालने से पहले कुछ दिनों तक मिट्टी को खुले में छोड़ दें. इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकौड़े और फफूंद खत्म हो जाएंगे. उसके बाद मिट्टी को गोबर की कम्पोस्ट के साथ गमलों में अच्छे से भर सकते हैं. गमलों को ऊपर से लगभग 2 से 3 इंच तक खाली छोड़ दें, ताकि मिट्टी से कम्पोस्ट खाद गमले या ग्रो बैग से बाहर न निकालें.

roof gardening technique
रूफ गार्डनिंग (ETV Bharat)

मिट्टी के गमले ज्यादा अच्छे: पौधे लगाने के लिए आप मिट्टी के गमले का प्रयोग कर सकते हैं. मिट्टी के गमलों में पौधों का विकास सही तरीके से होता है. मिट्टी के गमले आपको बाजार में 100 रुपये से लेकर 500 रुपये में अलग-अलग साइज में मिल जाएंगे, या फिर ग्रो बैग में भी पौध लगा सकते हैं.

बाजार में शुरुआती ग्रो-बैग की कीमत 150 रुपये से शुरू हो जाती है. वैसे पौधे लगाने के लिये आप पुरानी बाल्टी या डिब्बों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर पौधे को गमले या फिर ग्रो बैग में ट्रांसफर करना है, तो शाम के समय ही उसे लगाये और पौधा लगाने के बाद उसे हल्का पानी जरूर दें.

इसके अलावा यदि आप पौधा नहीं लगाते हैं और बीज बोते हैं, तो बीचों को मिट्टी के अंदर लगभग एक इंच तक ही बोएं, ताकि बीज जल्दी से अंकुरित हो सकें. वहीं, बीज बोने के बाद उसे धूप अवश्य दिखाएं. क्योंकि इस समय बीज को अंकुरित होने के लिए धूप की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. जब पौध हल्की बड़ी हो जाए, तो उसमें खाद जरूर डालें. क्योंकि इस समय पौधे को पोषण की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. ऑर्गेनिक खाद के रूप में गोबर की खाद का प्रयोग किया जा सकता है, या फिर सरसों की खली का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे भी पौधे को अच्छा पोषण मिलता है.

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श्रीनगर: उत्तराखंड तेजी से बदल रहा है. प्रदेश में जिस रफ्तार के साथ शहरीकरण हो रहा है, उसका असर खेती-बाड़ी पर भी पड़ रहा है. ऐसे में अब नई-नई तकनीकों की मदद से लोग घर पर फल और सब्जी उगा रहे हैं. आज आपको भी ऐसी ही एक तकनीक के बारे में बताते हैं, जिसके जरिए अपने घर पर बहुत कम जगह पर ताजे फल और सब्जियां उगा सकते हैं. यदि आपके पास जमीन भी नहीं है, तो छत पर भी आसानी से सब्जियों की खेती कर सकते हैं.

शहरों में आजकल रूफ गार्डनिंग का चलन बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि बड़े शहरों में लोगों के पास जमीन नहीं होती है. हर किसी को ऑर्गेनिक सब्जियां खानी होती हैं. इसके लिए रूफ गार्डनिंग सबसे बेहतर विकल्प है. रूफ गार्डनिंग के जरिए गार्डन नहीं होने के बावजूद भी घर पर ऑर्गेनिक सब्जियां और फल उगाये जा सकते हैं.

घर की छत पर उगाएं ऑर्गेनिक सब्जियां और फल (ETV Bharat)

गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. तेजपाल बिष्ट ने ईटीवी भारत को बताया कि शहरीकरण का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों के पास किचन गार्डन तक की जगह नहीं है. इसीलिये ऑर्गेनिक फल और सब्जियां घर पर उगाने के लिए रूफ गार्डनिंग का सहारा ले रहे हैं.

गमलों में डालने से पहले मिट्टी को कुछ दिनों तक खुले में छोड़ दे: डॉ. बिष्ट बताते हैं कि रूफ गार्डनिंग के लिए ग्रो-बैग और गमलों के जरिये रूफ गार्डनिंग शुरू की जा सकती है. मिट्टी को गमलों या ग्रो-बैग में डालने से पहले कुछ दिनों तक मिट्टी को खुले में छोड़ दें. इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकौड़े और फफूंद खत्म हो जाएंगे. उसके बाद मिट्टी को गोबर की कम्पोस्ट के साथ गमलों में अच्छे से भर सकते हैं. गमलों को ऊपर से लगभग 2 से 3 इंच तक खाली छोड़ दें, ताकि मिट्टी से कम्पोस्ट खाद गमले या ग्रो बैग से बाहर न निकालें.

roof gardening technique
रूफ गार्डनिंग (ETV Bharat)

मिट्टी के गमले ज्यादा अच्छे: पौधे लगाने के लिए आप मिट्टी के गमले का प्रयोग कर सकते हैं. मिट्टी के गमलों में पौधों का विकास सही तरीके से होता है. मिट्टी के गमले आपको बाजार में 100 रुपये से लेकर 500 रुपये में अलग-अलग साइज में मिल जाएंगे, या फिर ग्रो बैग में भी पौध लगा सकते हैं.

बाजार में शुरुआती ग्रो-बैग की कीमत 150 रुपये से शुरू हो जाती है. वैसे पौधे लगाने के लिये आप पुरानी बाल्टी या डिब्बों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर पौधे को गमले या फिर ग्रो बैग में ट्रांसफर करना है, तो शाम के समय ही उसे लगाये और पौधा लगाने के बाद उसे हल्का पानी जरूर दें.

इसके अलावा यदि आप पौधा नहीं लगाते हैं और बीज बोते हैं, तो बीचों को मिट्टी के अंदर लगभग एक इंच तक ही बोएं, ताकि बीज जल्दी से अंकुरित हो सकें. वहीं, बीज बोने के बाद उसे धूप अवश्य दिखाएं. क्योंकि इस समय बीज को अंकुरित होने के लिए धूप की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. जब पौध हल्की बड़ी हो जाए, तो उसमें खाद जरूर डालें. क्योंकि इस समय पौधे को पोषण की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. ऑर्गेनिक खाद के रूप में गोबर की खाद का प्रयोग किया जा सकता है, या फिर सरसों की खली का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे भी पौधे को अच्छा पोषण मिलता है.

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Last Updated : 17 hours ago
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