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नेपाल से देवघर पहुंचा श्रद्धालुओं का जत्था, साइकिल से तय की 600 किलोमीटर की यात्रा - Foreign Devotees In Deoghar - FOREIGN DEVOTEES IN DEOGHAR

Deoghar shravani mela 2024.सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु भोलेनाथ पर जलार्पण करने के लिए देवघर पहुंचते हैं. इस क्रम में एक बार फिर विदेश से श्रद्धालुओं का जत्था देवघर पहुंचा है.

Foreign Devotees In Deoghar
नेपाल से देवघर पहुंचा श्रद्धालुओं का जत्था. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 11, 2024, 7:12 PM IST

देवघर: नेपाल से 50 श्रद्धालुओं का जत्था साइकिल से सफर तय कर रविवार को बाबा धाम देवघर पहुंचा. जैसे ही नेपाल के श्रद्धालुओं ने देवघर की सीमा में प्रवेश किया बोल बम जयकारे से मौजूद लोगों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान साइकिल पर सवार श्रद्धालुओं ने भी बोल बम के जयकारे लगाकर लोगों का अभिनंदन किया.

जानकारी देते नेपाल से देवघर पहुंचे श्रद्धालु. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सात से आठ दिन नेपाल से देवघर पहुंचने में लगता है समय

नेपाल से साइकिल से सफर तय कर देवघर पहुंचे श्रद्धालु नारायण यादव ने कहा कि पिछले चार वर्षों से वे सभी साइकिल से देवघर आ रहे हैं. पूरी यात्रा तय करने में सात से आठ दिनों का समय लगता है.

600 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचे देवघर

उन्होंने बताया कि नेपाल से देवघर की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है. आने और जाने के दौरान उन्हें लगभग 1200 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन वह इस सफर को अपनी टोली के साथ मिलकर हंसते-खेलते तय कर लेते हैं.

साइकिल में सभी जरूरी चीजें रखते हैं साथ

उन्होंने बताया कि उनकी टोली की हर साइकिल में ढोलक, हारमोनियम के साथ-साथ खाने-पीने के सामान के अलावा साइकिल में हवा भरने का पंप मौजूद रहता है. इस कारण सफर में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.

पहले कांवर यात्रा कर पहुंचते थे देवघर

उन्होंने बताया कि पहले उनकी टोली के लोग कांवर लेकर जल चढ़ाने देवघर आते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनके गांव के सभी लोग साइकिल से ही देवघर आते हैं और भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाकर अपने देश लौट जाते हैं.

सभी साइकिल में लगे हैं नेपाल के झंडे

साइकिल से नेपाल से देवघर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि सभी साइकिलों में नेपाल के झंडे लगे होते हैं, ताकि राह चलते लोगों को यह पता चल सके कि हम सभी नेपाल से आ रहे हैं.

साइकिल से देवघर आने के दौरान कई बार साइकिल में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाती है तो टोली के पास साइकिल ठीक करने के औजार भी होते हैं. साथ ही साइकिल में हर जरूरी सामान भी साथ लेकर चलते हैं.

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जानकारी देते नेपाल से देवघर पहुंचे श्रद्धालु. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सात से आठ दिन नेपाल से देवघर पहुंचने में लगता है समय

नेपाल से साइकिल से सफर तय कर देवघर पहुंचे श्रद्धालु नारायण यादव ने कहा कि पिछले चार वर्षों से वे सभी साइकिल से देवघर आ रहे हैं. पूरी यात्रा तय करने में सात से आठ दिनों का समय लगता है.

600 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचे देवघर

उन्होंने बताया कि नेपाल से देवघर की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है. आने और जाने के दौरान उन्हें लगभग 1200 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन वह इस सफर को अपनी टोली के साथ मिलकर हंसते-खेलते तय कर लेते हैं.

साइकिल में सभी जरूरी चीजें रखते हैं साथ

उन्होंने बताया कि उनकी टोली की हर साइकिल में ढोलक, हारमोनियम के साथ-साथ खाने-पीने के सामान के अलावा साइकिल में हवा भरने का पंप मौजूद रहता है. इस कारण सफर में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.

पहले कांवर यात्रा कर पहुंचते थे देवघर

उन्होंने बताया कि पहले उनकी टोली के लोग कांवर लेकर जल चढ़ाने देवघर आते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनके गांव के सभी लोग साइकिल से ही देवघर आते हैं और भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाकर अपने देश लौट जाते हैं.

सभी साइकिल में लगे हैं नेपाल के झंडे

साइकिल से नेपाल से देवघर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि सभी साइकिलों में नेपाल के झंडे लगे होते हैं, ताकि राह चलते लोगों को यह पता चल सके कि हम सभी नेपाल से आ रहे हैं.

साइकिल से देवघर आने के दौरान कई बार साइकिल में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाती है तो टोली के पास साइकिल ठीक करने के औजार भी होते हैं. साथ ही साइकिल में हर जरूरी सामान भी साथ लेकर चलते हैं.

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